सेफ्टिक टैंक में 8 और 11 साल पहले हुई थी दोनों की मौत, प्रशासन ने मुआवजे के लिए मांगा आश्रितों का पता
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गौतमबुद्धनगर, 26 सितम्बर।
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओ पर अधिकारी कैसे अमल करते हैं इसका ताजा उदाहरण अभी सामने आया है। गौतमबुद्धनगर जिले में सेफ्टिक टैंक में 2011 में संजय और 2014 में रामु यादव की मौत हो गई थी। जिले के समाज कल्याण विभाग ने अब दोनों मृतकों के आश्रितों का ब्यौरा मांगा है। इसकी वजह आश्रितों को 10 लाख रुपये देने हैं। विभाग का कहना है कि दोनों मृतकों के निवास के पते उपलब्ध नही है। जनता से अपील की है कि वे उनके आश्रितों की जानकारी उपलब्ध कराए।
जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास)/जिला प्रबंधक उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड गौतम बुद्ध नगर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित हाथ से मैला उठाने वाले कार्मिकों के नियोजन का प्रतिषेध और पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत मैन्युअल स्कैवेंजर्स , स्वच्छकार की श्रेणी में आने वाले मैन्युअल स्कैवेंजर्स शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले को जनपद में संबंधित औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले स्कैवेंजर्स को पंचायत राज गौतम बुद्ध नगर द्वारा मृत्यु पर उनके आश्रितों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है, जोकि मैनुअल स्कैवेंजर्स, स्वच्छकार की श्रेणी में आने वाले मैन्युअल स्कैवेंजर्स एवं उनके आश्रितों को नियमानुसार दी जाएगी। इसी के क्रम में उन्होंने बताया कि जनपद गौतम बुद्ध नगर में सीवर/सेप्टिक टैंक में संजय की वर्ष 2011 व रामू यादव कि वर्ष 2014 में मृत्यु होने की सूचना प्राप्त हुई है, जिन का निवास व पते का विवरण उपलब्ध न होने के कारण इन लोगों के आश्रितों को आर्थिक सहायता का भुगतान किया जाना संभव नहीं हो पा रहा। अतः यदि किसी भी व्यक्ति को उक्त दोनों व्यक्तियों के आश्रितों का विवरण या निवास, पते का विवरण मिले तो अधोहस्ताक्षरी कार्यालय कमरा नंबर 118 विकास भवन सूरजपुर ग्रेटर नोएडा गौतम बुद्ध नगर में संपर्क करें, ताकि उक्त व्यक्तियों के आश्रितों को भुगतान परीक्षण उपरांत नियमानुसार किया जा सके।
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