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सेक्टर 46 की रामलीला का दूसरा दिन, रामजन्म से ताड़का वध तक की लीला का मंचन

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-श्रीराम लखन धार्मिक लीला में दूसरे दिन रामजन्म एवं नामकरण बाल लीला एवं विश्वामित्र आगमन और ताड़का वध लीला का हुआ मंचन

-प्रत्येक व्यक्ति को सत्य के रास्ते से नहीं भटकना चाहिए वरना अंजाम रावण की तरह होता है: मदन चौहान

नोएडा, 27 सितम्बर।

सेक्टर 46 के रामलीला ग्राउंड में चल रही श्री राम लखन धार्मिक लीला कमेटी द्वारा दूसरे दिन की रामलीला के मंचन का पूजा अर्चना के बाद पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश मदन चौहान ने शुभारंभ किया। दूसरे दिन राम जन्म, गुरु वशिष्ठ द्वारा नामकरण बाल लीला एवं विश्वामित्र आगमन और ताड़का वध की लीला का मंचन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री मदन चौहान ने कहा कि प्रत्येक वर्ष आयोजित हो रही रामलीला में हर बार दिखाया जाता है, कि सत्य के मार्ग पर चलने से व्यक्ति को जीत मिलती है और असत्य वाले रास्ते पर चलने पर हार का मुंह देखना पड़ता है। इसके बाद भी लोग इन रामलीला से भी सीख नहीं ले पाते और कुछ लोग असत्य के रास्ते पर चल पड़ते हैं, जिनका अंजाम बुरा होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि केवल रामलीला देखने से ही काम नहीं चलेगा रामराज्य की कल्पना तभी की जा सकती है जब प्रत्येक व्यक्ति को मानवता एवं नैतिकता और मनुष्यता को अपने जीवन में लाकर उसका पालन करें, तभी रामराज की कल्पना की जा सकती है।

इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि रामलीला में बेहतर कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन दिखा रहे हैं।
जिससे रामलीला देखने वालों की भीड़ हो रही है ‌।

इस अवसर पर रामलीला के मंचन के संरक्षक पंडित कृष्णा स्वामी ने दूसरे दिन की रामलीला में जब महादेव महाराज, बालक राम के दर्शन हेतु अयोध्या पधारे शीर्षक की लीला का मंचन कराया।

मंगलवार को दूसरे दिन राम के जन्म एवं वशिष्ठ ऋषि द्वारा नामकरण कराना जैसी बाल लीला का मंचन के साथ विश्वामित्र आगमन और ताड़का वध तथा शुभांशु वध की लीला मंचन के दौरान पंडित कृष्णा स्वामी द्वारा राम जन्म के बाद महादेव बालकराम हेतु अयोध्या में पधारे की रामलीला के साथ दशरथ जी महाराज वशिष्ठ ऋषि कहते हैं ,कि कम से कम 1 पुत्र तो होना चाहिए ,जिससे वेद अपना पितरों को भी तृप्ति पहुंचा सके और रघुवंश का नाम चल सके। वशिष्ट ऋषि दशरथ जी से यज्ञ कराने को कहते हैं और यज्ञ दौरान अग्निदेव दर दशरथ को पायस देते हैं।
जिसे दशरथ जी महाराज तीनों रानियों को पायस देते हैं।
इसके खाने से तीनों रानियों के गर्भ रहता है।
और कौशल्या के गर्भ से श्रीराम, केकई से भरत एवं सुमित्रा से लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न अवतार लेते हैं।

इसके बाद रामलीला में वशिष्ठ ऋषि नामकरण कराते हैं ,तभी महादेव प्रभु राम का दर्शन करने हेतु अयोध्या पहुंचते हैं।

इसके बाद चारों भाई बड़े होते हैं और दशरथ जी चारों भाइयों को लेकर गुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं, उसी समय विश्वामित्र दशरथ के दरबार में पहुंचते हैं ‌और वे यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण की मांग कर लेते हैं।

इसके बाद रामलीला में ताड़का का वध होता है एवं मारीच का वध कर उसे दूर फेंक देते हैं कि लीला का मंचन किया गया ।
इस दौरान पंडित कृष्णा स्वामी ने चौपाई सुनाते हुए कहा कि अवधपुरी रघुकुल मनि राऊ, वेद विदित तेहि दशरथ नाऊ, धरम धुरंधर गुन निधि ज्ञानी, हृदय भक्ति मति शारंग पानी की चौपाई के साथ दूसरे दिन की रामलीला का समापन करते हैं ।

इस अवसर पर मुख्य रूप से दीपक विग पूर्व अध्यक्ष समाजवादी पार्टी नोएडा महानगर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहें। इसके अलावा, संस्था के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल,रामकुमार अग्रवाल ,फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा, भागीरथ अग्रवाल, ईशान गोयल, कुलदीप कटिहार, महेश अग्रवाल, राजेश बंसल, कमल कुमार, अमित जैन ,दीपक गौतम, हरीकृष्ण दुआ, वीरेंद्र गर्ग, नरेश कुछल, रवि कांत मिश्रा, दीपक विग, अजय गोयल, भरत यादव ,राकेश यादव, सुभाष भाटी, सूबे यादव, मनोज चौहान, सुनील गुप्ता ,विपिन मल्हन ,सुरेश गुप्ता, सुरेंद्र नाहटा, संजीव पुरी ,प्रदीप मेहता, डीके मित्तल, मदन शर्मा, डॉक्टर एसपी जैन ,गिर्राज अग्रवाल ,संजीव शर्मा, महेंद्र अग्रवाल आदि शहर के संभ्रांत नागरिक मौजूद रहे।

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