श्रीराम मित्र मंडल : अंगद-रावण के बीच संवाद ने राजनीति के
1 min readनोएडा, 3 अक्टूबर।
श्रीराम मित्र मण्डल रामलीला समिति नोएडा द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के आठवें दिन मुख्य अतिथि रविकांत गर्ग अध्यक्ष उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड राज्य कर,पीके अग्रवाल पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा प्राधिकरण,अविनाश त्रिपाठी ओएसडी नोएडा प्राधिकरण, सुरेश चव्हाणके चैयरमेन सुदर्शन न्यूज़, अजय प्रकाश जी चैयरमेन महर्षि महेश योगी संस्थान,नवरत्न अग्रवाल सीएमडी बीकानेर स्वीट्स, विजय रावल वरिष्ठ प्रबंधक नोएडा प्रधिकरण, श्रीपाल भाटी वरिष्ठ प्रबंधक नोएडा प्राधिकरण,अजय देशवाल प्रबन्धक नोएडा प्राधिकरण,सौरभ कुमार जेई नोएडा प्राधिकरण,राजेश गुप्ता चेयरमैन जीएनआईओटी
एवं विष्णु गोयल सहित अन्य अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर लीला मंचन का शुभारम्भ किया गया।
श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने मंच संचालन करते हुए सभी उपस्थितजनों का स्वागत किया।समिति के चैयरमेन उमाशंकर गर्ग ,अध्यक्ष धर्मपाल गोयल एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया।
रावण दरबार में विभीषण राम से युद्ध न करने की सलाह देता है, लेकिन रावण उसे लात मारकर बाहर निकाल देता है इससे राक्षस बहुत भयभीत हो जाते हैं । सीता से आज्ञा लेकर एवं चूड़ामणि लेकर राम जी के पास पहुंचते है । अगले दृश्य में श्रीराम रामेश्वरम की स्थापना हेतु भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं और तत्पश्चाल नल ओर नील द्वारा सेतु बंधन का कार्य प्रारंभ किया जाता है । नल ओर नील द्वारा श्रीराम का नाम लेकर फैंके गए पत्थर समुंदर में डूबते नही है। अंगद रावण से कहता है कि माता सीता को लौटा दो और प्रभु की शरण में आजाओं लेकिन अहंकार वश रावण अंगद का उपहास उड़ाता है । तब अंगद अपना पैर रोप कर कहते हैं‘‘जौं ममचरन सक हिंस ठटारी । फिरहिं रामुसीता मैं हारी।’’लेकिन कोई अंगद का पैर डिगा नहीं पाया । अंत में रावण उठता है और ज्योही अंगद का पैर पकड़ने उठता है अंगद कहते है कि अगर पैर पकड़ने हैं तो श्रीराम के पकड़ो । रावण लज्जित होता है और अंगद रामदल में पहुंच जाते हैं । श्रीराम सेना लंका में आक्रमण कर देती है । रावण अपने पुत्र मेघनाद को भेजता है । मेघनाद लक्ष्मण पर शक्ति से प्रहार करता है और लक्ष्मण मूर्छित हो जाते है । हनुमान जी सुषेन वैद्य को लाते हैं जो संजीवनी लाने को कहते हैं । हनुमान संजीवनी लेने जाते हैं जिसे देख दर्शक प्रसन्नता से झूम उठते हैं संजीवनी से लक्ष्मण की मूर्छा खुलती है। इसी के दिन की लीला का समापन होता है। इस अवसर पर मुख्य संरक्षक मनोज अग्रवाल, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल,उपमुख्य संरक्षक राजकुमार गर्ग,बजरंगलाल गुप्ता, चौधरी रविन्द्र सिंह, तरुणराज, एस एम गुप्ता, पवन गोयल, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश गोयल, मुकेश अग्रवाल, शांतनु मित्तल, मनीष गुप्ता, चन्द्रप्रकाश गौड़, गौरव मेहरोत्रा, मनीष गोयल, आर के उप्रेती,गौरव गोयल,सुधीर पोरवाल, मनोज सिंघल,राजकुमार बंसल, गौरव चौधरी, संतोष त्रिपाठी, प्रवीण गोयल, अर्जुन अरोड़ा, रोहताश गोयल, बीना बाली, सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे।
श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि 04 अक्टूबर को राम कुम्भकरण युद्ध, कुम्भकरण वध, लक्ष्मण द्वारा मेघनाथ का वध, सुलोचना संवाद, अहिरावण वध, युद्ध नृत्य अंतिम युद्ध से पूर्व आदि प्रसंगों का मंचन किया जायेगा ।
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