एमिटी विश्वविद्यालय में यूएसए के वैज्ञानिक प्रोफेसर विरिंदर एस परमार को मानद प्रोफेसरशिप से किया सम्मानित
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नोएडा, 7 अक्टूबर।
एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा नैनोटेक्नोलॉजी और नैनोसांइस के क्षेत्र में किये जा रहे शोध से प्रभावित होकर यूएसए के द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क के सीयूएनवाई ग्रैजुएट सेंटर के नैनोसांइस के फैकल्टी डा विरिंदर एस परमार ने इंस्टीटयूट ऑफ क्रेमेस्ट्री फॉर लाइफ एंड हैल्थ साइंस, पीएसएल विश्वविद्यालय चिमी पेरिसटेक के डा क्रिस्टोफ लेन के साथ एमिटी विश्वविद्यालय का 07 से 10 अक्टूबर 2022 तक चार दिवसीय दौरा कर रहे है। इस अवसर पर आज एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस कार्यक्रम के अंर्तगत यूएसए के द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क के सीयूएनवाई ग्रैजुएट सेंटर के नैनोसांइस के फैकल्टी डा विरिंदर एस परमार को एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा एमिटी विश्वविद्यालय की मानद प्रोफेसरशिप की उपाधि से सम्मानित किया गया। प्रो परमार ने एमिटी विश्वविद्यालय और द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क के मध्य सीडीए की पहल की है जिसके तहत वह सीयूएनवाई में अपने पीएच डी शोध का हिस्सा बनने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ क्लिक केमेस्ट्री रिसर्च एंड स्टडीज के दो छात्रों का चयन करेगें। विदित हो कि प्रो परमार को बायोऑर्गेनिक केमेस्ट्री, बायोकैटलिसिस, नैनोटेक्नोलॉजी, एडवांस्ड पॉलमेरिक मैैटरियल आदि अनुसंधान क्षेत्रों में बृहद अनुभव है और 15 देशों के 26 शोध समूहों के सहयोग से उनके लगभग 510 शोध पेपर उच्च प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है।
यूएसए के द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क के सीयूएनवाई ग्रैजुएट सेंटर के नैनोसांइस के फैकल्टी डा विरिंदर एस परमार ने प्रोफेसरशिप के धन्यवाद देते हुए कहा कि यह मेरे लिए बड़े सम्मान, गौरव की बात है कि एमिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्था ने मुझे मानद प्रोफेसरशिप प्रदान की है। एमिटी एक अग्रणी अनुसंधान और नवाचार संचालित विश्वविद्यालय है और मुझे विश्वास है कि एमिटी के छात्र अपने असाधरण शोध कार्य, ज्ञान और कौशल के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाएंगे। एमिटी के छात्रों के साथ अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा करना मेंरे लिए सम्मान की बात होगी।
एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि डा विरिंदर एस परमार को एमिटी विश्वविद्यालय की मानद प्रोफेसरशिप प्रदान करना हमारे लिए सम्मान की बात है। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों, अनुभवों और अनुकरणीय शोध कार्य के साथ डॉ परमार द्वारा प्रदान किया मार्गदर्शन एमिटी के छात्रों के लिए विकास के नये अवसरों के द्वार खोलेगा।
इस अवसर डा विरिंदर एस परमार और डा क्रिस्टोफ लेन ने एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ नैनोेटेक्नोलॉजी, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस रिसर्च स्टडीज की प्रयोगशालाओं सहित एमिटी इनोवेशन इंक्यूबेटर का दौरा भी किया। इस चार दिवसीय यात्रा के दौरान प्रो परमार विभिन्न विषयों जैसे ग्रीनर स्ट्रैटजीज इन सिंथेसिस इन बायोलॉजिकली एंड डंडस्ट्री यूजफुल कंपाउड, नैचुरल प्रोडक्ट इंस्पायरड डिस्कवरी एंड डेवलपमेंट ऑफ नोवेल एंटी इन्फलेमेट्ररी, सिंथेसिस ऑफ नोवेल पॉलीमेरिक नैनोमैटेरियल यूजफूल एज ड्रग डिलवरी एजेंट आदि पर विचार रखेगें। इंस्टीटयूट ऑफ क्रेमेस्ट्री फॉर लाइफ एंड हैल्थ संाइसेस, पीएसएल विश्वविद्यालय चिमी पेरिसटेक के डा क्रिस्टोफ लेन ने भी ‘‘फ्लो केमेस्ट्री – ए सेफ एंड ब्राइट फ्युचर फॉर सस्टेनेबल वर्ल्ड पर व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा बी सी दास, डा वी के जैन, डा ओ पी सिंन्हा, डा हर्षा खरकवाल उपस्थित थी।
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