जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी के सामने उठाया शोर भूमि के पट्टे आवंटन और उनके मुआवजे का मुद्दा
1 min read-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के किसानों के हित में लिया बड़ा निर्णय
-शोर भूमि के आवंटन और इस श्रेणी की जमीनों के पट्टों व हस्तांतरण में उत्पन्न हो रही विसंगतियों को दूर करने के दिए निर्देश
-जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह द्वारा किसान संवाद कार्यक्रम में उठाया गया था यह मुद्दा
लखनऊ, 15 अक्टूबर।
जेवर एयरपोर्ट के द्वितीय चरण से प्रभावित होने वाले किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल 12 अक्टूबर 2022 को जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से उनके कालिदास स्थित आवास पर मिला था तथा किसानों से संवाद के समय जेवर के विधायक ने शोर भूमि से संबंधित मुद्दा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष रखा और उन्हें अवगत कराया कि शोर भूमि जिनके पट्टे किसानों के नाम किए गए थे, उनका मुआवजा किसानों को नहीं मिला है। जिन अधिकारियों ने वह पट्टे किए थे या तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, अन्यथा उनसे रिकवरी की जाए।
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने जेवर एयरपोर्ट के प्रभावित किसानों व प्रदेश स्तरीय समस्या को संज्ञानित करते हुए, तुरंत निराकरण हेतु संबंधित शासन के अधिकारियों को निर्देशित किया।
ज्ञात रहे शोर भूमि सार्वजनिक उपयोग की भूमि हैं तथा इसकी नौइयत श्रेणी 6(4) के उपयोग में आती है, जिसकी वजह से न्यायालय द्वारा समय-समय पर इनके आवंटन को निरस्त किए जाने हेतु निर्णय लिए गए तथा शासन द्वारा शोर भूमि पर किए गए पट्टों की जांच कराकर, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने हेतु पत्र जारी किए गए। इसी क्रम में प्रथम चरण के जेवर एयरपोर्ट अधिग्रहण में आने वाली अनेकों जमीनें है, जो शोर श्रेणी से संबंधित थी तथा शासन के पत्र द्वारा किसानों को उन जमीनों का मुआवजा वितरित नहीं किया गया, जबकि उनकी जमीनों पर कब्जा तो ले लिया गया, लेकिन वह किसान अपने मुआवजे के लिए निरंतर सरकार और शासन से गुहार लगा रहे थे। इसी के चलते जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष समस्त वस्तुस्थिति को रखा, जिसे समझते हुए, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों के हित में शासन को शीघ्र नीतिगत निर्णय बनाते हुए, इस समस्या का समाधान किए जाने हेतु निर्देशित किया। इस निर्णय से प्रदेश के वो सभी किसान लाभान्वित होंगे, जिन गरीबों को कई वर्ष पूर्व शोर की भूमि के पट्टे किए गए थे। साथ ही जेवर एयरपोर्ट के वह किसान, जिनकी जमीन शोर श्रेणी की थी, अब उनकी समस्या के समाधान का भी रास्ता निकल जाएगा।
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