बीजेपी ने 8 साल में बदल दिया गौतमबुद्धनगर की राजनीति का नजारा, 2024 की राह हुई आसान
1 min readविनोद शर्मा
गौतमबुद्धनगर, 27 नवम्बर।
1997 में बीएसपी ने गौतमबुद्धनगर जिले का गठन किया था। इसके बाद बीएसपी का दबदबा बढ़ता गया। 2007 से 2012 तक बसपा चरम पर थी। 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद से अब तक 8 साल में गौतमबुद्धनगर की राजनीति पर बीजेपी का रंग पूरी तरह चढ़ गया है। इन 8 साल में बीजेपी के सामने रहकर राजनीति करने वाले ज्यादातर नेता अब बीजेपी में हैं। अब जनता के बीच सपा या बसपा का 2024 के लिए कोई दमदार चेहरा सामने नही है। तो क्या बीजेपी ने 2024 में लोकसभा चुनाव की राह आसान कर दी है। रविवार को बसपा के दो दिग्गज दादरी से दो बार विधायक रहे सतबीर गुर्जर और जेवर से बसपा प्रत्याशी रहे नरेंद्र डाढ़ा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंदर सिंह चौधरी की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए।
ऐसे बदली राजनीति
वर्ष 2009 में पहली बार गौतमबुद्धनगर लोक सभा सीट बनी थी तब बीएसपी के सुरेन्द्र नागर ने यह सीट जीती थी। तब बीजेपी से डॉ महेश शर्मा दूसरे स्थान पर रहे थे। उस समय सपा से नरेंद्र भाटी तीसरे स्थान पर रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने डॉ महेश शर्मा को टिकट दिया। उन्होंने तब सपा के नरेंद्र भाटी को हराया। बीएसपी के सतीश कुमार तीसरे नम्बर पर रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने डॉ महेश शर्मा को टिकट दिया। 2019 में डॉ महेश शर्मा ने यहां से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। अब 2024 के चुनाव की तैयारी है। इस समय सुरेन्द्र नागर और नरेंद्र भाटी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इसी तरह से 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े रमेश चन्द्र तोमर ने मतदान से पहले बीजेपी में वापसी कर ली थी।
विधानसभा चुनावों में 2017 से पहले दादरी और जेवर सीट पर बसपा का कब्जा था। जिला पंचायत चुनावो में भी बसपा का दबदबा रहा था। नोएडा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के डॉ वीएस चौहान व बसपा के रविकांत मिश्रा बीजेपी में हैं। जेवर से पूर्व विधायक वेदराम भाटी भी बीजेपी में शामिल हो चुके। जेवर में धीरेन्द्र सिंह ने 2017 में चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की थी। तब से वे दो बार से विधायक हैं। दादरी के वर्तमान विधायक तेजपाल नागर बसपा से बीजेपी में शामिल हुए और विधायक बने।
स्थानीय चुनाव से पहले बीजेपी ने बसपा और सपा के दिग्गज नेताओं को अपने पाले में शामिल कर स्थानीय चुनावों के साथ ही 2024 के चुनाव की राह आसान कर दी। अब सबसे दिलचस्प मुद्दा यह है कि 2024 में बीजेपी अपने मौजूदा सांसद को टिकट देगी या दूसरी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए नेताओ में से किसी अन्य को प्राथमिकता देगी।
(वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा की विशेष रिपोर्ट नोएडा खबर डॉट कॉम के लिए)
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