ब्रेकिंग न्यूज़- नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिजली वितरण को अदानी ने मांगा पैरलल लाइसेंस, पावर इंजीनियर फेडरेशन ने जताई आपत्ति
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लखनऊ, 11 जनवरी।
ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने बुधवार को जारी बयान में कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के कार्यक्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा या अन्य किसी भी स्थान पर किसी निजी कंपनी को बिजली वितरण का लाइसेंस देने की कोशिश हुई तो इसका प्रबल विरोध किया जाएगा।
ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने आज यहां जारी बयान में बताया कि अदानी पावर की कंपनी अदानी जेवर इलेक्ट्रिकल कंपनी लिमिटेड ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिजली वितरण का पैरेलेल लाइसेंस लेने हेतु हाल ही में उत्तर प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग में अर्जी दी है। इसके पूर्व अदानी ने महाराष्ट्र में नवी मुम्बई और टोरेंट पॉवर ने पुणे और नागपुर में पैरेलल लाइसेंस के लिए आवेदन किया है जिसके विरोध में महाराष्ट्र के बिजली कर्मियों की हड़ताल हुई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हड़ताल के बीच मे बिजली कर्मियों से वार्ता की और लिखित आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र सरकार पैरेलल लाइसेंस का नियामक आयोग में विरोध करेगी और निजीकरण नहीं होने देगी।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के अनुसार बिजली वितरण का पैरेलल लाइसेंस लेने की बुनियादी शर्त यह है कि निजी कंपनी के पास उस क्षेत्र में अपने बिजली घर और लाइनों का नेटवर्क होना चाहिए जिस क्षेत्र में उसने लाइसेंस मांगा हो। उल्लेखनीय है कि नोएडा में बिजली वितरण करने का पूरा नेटवर्क पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पास है और अदानी का कोई नेटवर्क वहां पर नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि ग्रेटर नोएडा में 1993 में निजी कंपनी एनपीसीएल को बिजली वितरण का लाइसेंस दिया गया था, जिसकी अवधि अगस्त 2023 में समाप्त हो रही है। ऐसे में यह नेटवर्क स्वतः पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पास आ जाएगा। अतः ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में भी किसी भी कंपनी को तब तक लाइसेंस नहीं दिया जा सकता जब तक वह कंपनी अपना नेटवर्क पूरी तरह से न बना ले।
शैलेन्द्र दुबे ने उप्र की आम जनता को सावधान करते हुए बताया कि निजी कंपनी पावर कारपोरेशन के नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारी औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का लाइसेंस मांग रही है जिसका अर्थ साफ है कि निजी कंपनी बिना अपना नेटवर्क बनाए सरकारी कंपनी के नेटवर्क का इस्तेमाल कर औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को पावर कारपोरेशन से छीन लेगी जिसका पावर कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति पर भारी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार यह प्रयोग न पावर कारपोरेशन के हित में है और न ही प्रदेश के कृषि और डोमेस्टिक उपभोक्ताओं के हित में।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार आम उपभोक्ताओं के व्यापक हित को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार की तरह विद्युत नियामक आयोग में अदानी पावर कंपनी द्वारा मांगे गए लाइसेंस का पुरजोर विरोध करें ।
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