एमिटी विश्वविद्यालय में स्थिरता के लिए वैश्विक व्यापार की रणनीतियों पर चर्चा
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नोएडा, 19 जनवरी।
एमिटी विश्वविद्यालय में स्थिरता के लिए वैश्विक व्यापार रणनीतिया पर चतुर्थ अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘जीएलओबीयूएसएस 2023’ का शुभारंभ किया गया।
एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा वैश्विक व्यापार रणनीतियों पर चर्चा के लिए अकादमिकों, उद्यमियों और शोधार्थियों को एक मंच प्रदान करने के लिए 19 से 20 जनवरी तक स्थिरता के लिए वैश्विक व्यापार रणनीतियाॅं पर चतुर्थ अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘जीएलओबीयूएसएस 2023’ का आयोजन एफ ब्लाक सभागार में किया गया। इस सम्मेलन का विषय वस्तु ‘फेक न्यूज और ट्रोलिंग के युग में व्यवसायों का प्रबंधन’’था। इस सम्मेलन का शुभारंभ एसेंचर इंडिया की एमडी सुश्री चारूलता रवि कुमार, बीडब्लू बिजनेस वल्र्ड के चेयरमैन डा अनुराग बत्रा, एकेडमी ऑफ इंडियन मार्केटिंग के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री जयंत शाह, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस की निदेशक डा सुजाता खंडाई और एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस के मार्केटिंग के प्रोफेसर गौरव सूद ने किया।
सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए एसेंचर इंडिया की एमडी सुश्री चारूलता रवि कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ जानकारी रखता है इसलिए एक अर्थ मे हम सभी सूचना के वाहक है। हालांकि सोशल मीडिया की मौजूदगी के कारण हमारे चारों ओर बहुत सारी गलत सूचनांए और भ्रामक खबरे भी है। ट्रोल्स, क्राॅल्स, सोशल मीडिया अकाउंटस के जरिए फैलने पर फेक न्यूज का रिपल प्रभाव होता है। कोई भी स़्त्रोत से पूछताछ करके, समाचारों का विश्लेषण करके, पृष्ठभूमि को जानकर और सूचनाओं के तथ्य के आधार पर नकली समाचार को खोज सकता है। उन्होेने कहा कि मीडिया को तथ्यात्मक समाचारों के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर रहना बंद करना होगा। किसी को पता होना चाहिए कि कब बोलना और कब चुप रहना है और अपने कार्यो और प्रमाणिकता से फर्जी खबरों और ट्रोल्स को रोकना है न कि क्रोध, हताशा, प्रतिशोध और अधिरता से।
बीडब्लू बिजनेस वल्र्ड के चेयरमैन डा अनुराग बत्रा ने कहा कि महामारी के बाद दुनिया काफी बदल गई है और लोग मानव जीवन के मूल्य के बारे में अधिक जागरूक हो गए है और गिग इकोनाॅमी और उद्यमिता आज बढ़ रही है। इस डिजिटल युग में भी मानवीय स्पर्श, आमने सामने की बातचीत और रिश्तों के महत्व को नजरअंदाज नही किया जा सकता है। हम चैट जीपीटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के युग में रह रहे है हांलाकि तकनीकी प्रगति के बराबर होने का मतलब यह नही होना चाहिए कि हम मानवीय रिश्तों को खो दें। उन्होनें छात्रों को सकारात्मकता पर ध्यान केद्रित करने, माता पिता की देखभाल करने और अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाये रखने की सलाह दी।
एकेडमी ऑफ इंडियन मार्केटिंग के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री जयंत शाह ने कहा कि ट्रोलिंग और फेक न्यूज न केवल इंटरनेट के युग में बड़े पैमाने पर है बल्कि कई दशकों से अस्तित्व में है। पहले समाचारों को सत्यापित करने कोई साधन नही थे लेकिन आज समाचारों को सत्यापित करने के लिए कई उपकरण, संगठन आदि उपलब्ध है और नकली समाचारों की पहुंच अत्यधिक व्यापक है। हांलाकि गलत सूचना और भ्रामक सूचना के बीच अंतर होता है जिसमें गलत सूचना नकली समाचार फैलाने का जानबूझकर किया प्रयास नही होता है, आमतौर पर यह गलती से होता है। किसी भी खबर पर भरोसा करने से पहले सर्तक और जागरूक होना चाहिए, खासकर अगर यह सोशल मीडिया स्त्रोत के माध्यम से आता है।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि फर्जी समाचार या गलत सूचना तेजी से फैलती है और आज के परिदृश्य में ये समझना मुश्किल है कि क्या नकली है और क्या सच है। उत्पादों और सेवाओं के बारे में गलत जानकारी उनकी छवी को नुकसान पहुंचाती है और उनके मांग को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है इसलिए जागरूकता पैदा करना, सोशल मीडिया पर कम भरोसा करना और ज्ञान और समाचार के विश्वसनीय स्त्रोतो पर अधिक निर्भर होना महत्वपूर्ण है।
एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस की निदेशक डा सुजाता खंडाई ने कहा कि एमिटी इस प्रतिष्ठित अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन बहुत ही प्रासंगिक विषय ‘‘फेक न्यूज और ट्रोलिंग के युग में व्यवसाय का प्रबंधन’’ पर कर रहा है। जिसमें विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की जायेगी और प्रतिभागियों के लिए लाभप्रद होगा।
एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस के मार्केटिंग के प्रोफेसर गौरव सूद ने कहा कि यह सम्मेलन छात्रों और प्रतिभागियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योकि यह फेक न्यूज और ट्रोलिंग के बारे में जागरूकता पैदा करने में सहायक होगा। इसके अतिरिक्त लोगों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय और विकल्प बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में विपणन और उद्यमिता, वित्त और विपणन, संचालन और सूचना प्रौद्येागिकी जैसे विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुतियों के साथ विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान भारत और विदेशों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक सत्र और कार्यशालाएं भी आयोजित की जांएगी।
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