सूरजपुर ग्रुप हाउसिंग साइट सी के 5 हजार परिवारों को 7- 8 साल से मालिकाना हक का इंतज़ार, योगी से मांगा न्याय
1 min readग्रेटर नोएडा, 23 जनवरी।
उत्तर प्रदेश सरकार एवम राज्य की सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण और राज्य में औद्योगिक विकास के लिए पिछले कुछ सालों से लगातार प्रयास कर रहीं है। यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन उन्हीं औद्योगिक विकास प्राधिकरण जैसे की UPSIDA के अंतर्गत बनी सूरजपुर साइट सी ग्रुप हाउसिंग एरिया की विभिन्न सोसाइटीज जैसे कि शिवालिक होम्स, मिगसिन ग्रीन मेंशन , Lagalaxia ,ओएसिस इत्यादि सोसाइटीज में रहने वाले 5 हजार से ज्यादा परिवार पिछले 6-7 सालों से ओसी/सीसी एवम रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं।इस मार्फत यहां के निवासियों ने कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों से लेकर लोकल प्रशासन , सांसद एवम विधायक महोदय और यहां तक की शासन स्तर पर भी इस मुद्दे को उठा चुके है,लेकिन पिछले 6-7 सालों से हमें केवल झुठी तसल्ली एवम वादे किए जाते रहें है। यहां के रेजिडेंट हिमांशु शेखर झा ने बताया कि पिछले साल मार्च में इसी मुद्दे एवम इस एरिया की अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चरल इश्यूज को लेकर UPSIDA ने स्कूल ऑफ प्लानिंग & आर्किटेक्चर ,(SPA), भोपाल की एक कमिटी बनाई और यहां की विभिन्न सोसाइटीज की FAR,डेंसिटी एवम अन्य स्ट्रक्चरल पैमाने को ऑडिट करने एवम यहां की अन्य समस्यायों जैसे की सीवर लाइन , रोड , लाइट्स इत्यादि को स्टडी कर UPSIDA को अपनी रिपोर्ट तीन महीने में देने को कहा।लेकिन इस बात को लगभग 9 महीने होने को है अभी तक SPA,Bhopal की रिपोर्ट UPSIDA में नहीं सबमिट हुई है। अब यहां के निवासी UPSIDA के ऑफिशियल्स से ओसी/सीसी एवम रजिस्ट्री की जब भी बात करते है, तो यही कहा जाता है की बहुत जल्द SPA,Bhopal की रिपोर्ट सबमिट होने वाली है और उस रिपोर्ट के सबमिट होने के बाद UPSIDA की बोर्ड बैठक में उसे पास करने के बाद ओसी/सीसी एवम रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। लेकिन जिस तरह से SPA, Bhopal की रिपोर्ट सबमिशन की डेड लाइन UPSIDA द्वारा आगे बढ़ाई जारही है,उससे यहां के निवासियों में डर एवम इस बात की आशंका पैदा होने लगी हैं कि कहीं यह रिपोर्ट भी अन्य सरकारी रिपोर्ट की तरह सबमिट होने एवम उसके इंप्लीमेंटेशन होते होते कही किसी कोने में दबकर ना रह जाए और यहां के निवासी जिन्होंने अपनी जीवन भर की कमाई एवम भारी ब्याज दरों में बैंक से लिए हुए लोन से जो घर लिया उसका 6 -7 साल होने के वावजूद भी उसपर अपना मालिकाना हक नहीं जमा सकते। पिछले 6 -7 सालों में रजिस्ट्री नहीं होने एवम अब किसी भी बैंक द्वारा इन प्रॉपर्टी पर लोन नहीं दिए जाने के कारण यहां की प्रॉपर्टी के रेट भी बहुत गिर चुके है,जिससे अगर किसी फ्लैट बायर्स को अपना फ्लैट किसी कारणवश सेल करना हों तो उसे अपनी लागत से बहुत कम में फ्लैट बेचना होगा।इन सब उपरोत्त कारणों से यहां के फ्लैट बायर्स मानसिक एवम आर्थिक रूप से पिछले 6 -7 सालों से बुरी तरह परेशान है और इनकी परेशानी की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
यहां के निवासी एक बार फिर UPSIDA, लोकल प्रशासन , जनप्रतिनिधियों, शासन एवम मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं कि हमारी इस 6 -7 सालों से लंबित समस्या का जल्द से जल्द हल निकालने का कष्ट करें जिससे हमारी फ्लैट्स की रजिस्ट्री जल्द से जल्द होनी शुरू हों और हमें फ्लैट्स का मालिकाना हक मिलें।
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