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यूपी में फिर नामित होंगे हर जिले के प्रभारी मंत्री, एक वर्ष तक निरन्तर करेंगे निगरानी- सीएम योगी

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– एक दिन-एक साथ सभी 75 जिलों में होगा औद्योगिक निवेश, खुलेंगे अपार संभावनाओं के द्वार: मुख्यमंत्री

-ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुख्य समारोह से जुड़ेंगे सभी जिले, स्थानीय उद्यमी भी होंगे आमंत्रित

-सभी 75 जिलों के लिए मुख्यमंत्री ने तय किए प्रभारी मंत्री, जिलों में जाएंगे जनता से करेंगे सीधा संवाद

-जनपदीय भ्रमण के दौरान कानून-व्यवस्था एवं विकास कार्यों के साथ विद्यालयों, चिकित्सालयों, गौ-आश्रय स्थलों की भी होगी पड़ताल

-मंत्रिमंडल के साथ मुख्यमंत्री ने की महत्वपूर्ण बैठक, भावी योजनाओं पर किया विचार-विमर्श

-मुख्यमंत्री का निर्देश, विभागीय परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करें मंत्री

– मुख्यमंत्री ने दिया मंत्रिमंडल को मिलेट्स रात्रिभोज, बोले मुख्यमंत्री, जनप्रतिनिधियों को मिलेट्स भोज पर आमंत्रित करें मंत्रीगण

लखनऊ, 28 जनवरी।

आगामी 10-12 फरवरी को उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है। देश और विदेश में हुए रोड शो के साथ-साथ जिला स्तरीय निवेशक सम्मेलनों में उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं। पूरी दुनिया के उद्योग जगत ने उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उत्साह जताया है। यह समिट अभूतपूर्व होने जा रहा है।

10 फरवरी को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ होगा। इस मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा। जिलों के कार्यक्रम में स्थानीय उद्यमियों/निवेशकों को आमंत्रित करें। यह पहली बार होगा कि जब एक दिन- एक साथ प्रदेश के सभी 75 जिलों में निवेश होगा। सभी जिलों के लिए अपार संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

सरकार गठन के उपरांत मंत्रिसमूहों द्वारा ‘सरकार आपके द्वार’ भावना के साथ किए गए मंडलीय भ्रमण से जनता के बीच सकारात्मक संदेश गया। अब सभी जिलों के लिए प्रभारी मंत्री नामित किए जा रहे हैं। यह मंत्री अगले एक वर्ष तक सम्बंधित जनपद के प्रभारी होंगे।

प्रभारी मंत्रीगण अपने जिले की स्थिति से अपडेट रहें। नियमित अंतराल पर जिले में भ्रमण करें। जनपद भ्रमण के यह कार्यक्रम कम से कम 24 घंटे का जरूर हो। जनपदीय दौरे की अवधि में होने वाली बैठकों में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करें। कानून-व्यवस्था व सरकारी योजनाओं की समीक्षा करें।

जनपदीय भ्रमण के दौरान जनता से सीधा संवाद करें। किसी एक विकास खंड और तहसील के औचक निरीक्षण करें। दलित, मलिन बस्ती में सहभोज भी किया जाना चाहिए। विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर गुणवत्ता की परख करें। कानून-व्यवस्था की समीक्षा के साथ महिला सुरक्षा, एससी-एसटी के प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, पुलिस पेट्रोलिंग, बाल यौन अपराधों, व्यापरियों की समस्याओं, गैंगस्टर पर कार्रवाई, ट्रैफिक प्रबंधन, राजस्व संग्रह के लिए हो रहे प्रयास आदि की समीक्षा करें।

प्रभार के जिलों में यदि आकांक्षात्मक विकास खंड है तो वहां की स्थिति की सतत समीक्षा करते रहें। भ्रमण के दौरान इन विकास खंड में तैनात मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत कार्य कर रहे युवाओं से संवाद करें।

कार्य की सफलता के लिए उसकी मॉनीटरिंग आवश्यक है। सभी मंत्रीगण अपने विभाग की साप्ताहिक समीक्षा जरूर करें। अपने सहयोगी राज्य मंत्री को भी इन बैठक में आमंत्रित करें। विभाग द्वारा संचालित जनहित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्यमंत्री गणों को भी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

यह सुनिश्चित कराएं कि समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर/कप्तान, मुख्य विकास अधिकारी आदि फील्ड में तैनात सभी अधिकारी गण नियमित अंतराल पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ विकास परियोजनाओं की समीक्षा करें।

जिला मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक भी हो। उद्योग बंधु की बैठक भी नियमित होनी चाहिए। प्रत्येक जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, व्यापार व उद्योग विभाग द्वारा माह में एक बार व्यापारिक संगठनों के साथ अनिवार्य रूप से बैठक की जाए। उद्योगों के साथ बैंकर्स की बैठक करायें, युवाओं को रोजगार के लिए ऋण योजनाओं का आसानी से लाभ मिले, इसके लिए प्रभारी मंत्रीगण प्रयास करें।

प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज पूरा देश मिलेट वर्ष मना रहा है। इस क्रम में आज मुख्यमंत्री आवास पर मोटे अनाज के व्यंजन आधारित रात्रिभोज आयोजित किया गया है। इसी प्रकार सभी मंत्रीगण अपने क्षेत्र में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व बुद्धिजीवी वर्ग के लिए ऐसे सहभोज का आयोजन करें। मिलेट्स की महत्ता से आम जन को सुपरिचित कराएं।.

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