दादरी क्षेत्र के अरबों रुपये पर कुंडली मारकर बैठा है जीडीए, क्यों नही हुआ विकास कार्य पर खर्च ?
1 min read-एसडीएम के सामने किसानों ने लगाई गुहार
-दादरी के तहसील दिवस में पहुंचकर जन-आंदोलन संगठन ने उठाया बड़ा मुददा
दादरी, 5 फरवरी।
जन-आंदोलन नामक सामाजिक संगठन ने आरोप लगाया है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) आधा दर्जन गांवों के साथ बड़ी नाइंसाफी कर रहा है। इन गांवों से वसूला गया अरबों रूपये का धन जीडीए (GDA) अपने खातों में दबाए बैठा है। संगठन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
जन-आंदोलन संस्था के मुखिया ओमवीर सिंह आर्य एडवोकेट के नेतृत्व में दादरी क्षेत्र के दुजाना, कचैड़ा, तालाबपुर, गिरधरपुर तथा दुराई गांव के सैकड़ों किसान दादरी तहसील में पहुंचकर तहसील दिवस में उप्र के राजस्व मंत्री अनुप प्रधान बाल्मीकि से मिले। तहसील दिवस में दादरी क्षेत्र के विधायक तेजपाल नागर, दादरी के एसडीएम आलोक कुमार गुप्ता भी मौजूद थे। गांव वासियों ने राजस्व मंत्री को एक लिखित ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि गांव दुजाना, कचैड़ा, वारसाबाद, हाथीपुर, गिरधरपुर एवं दुरयाई में कोई भी जमीन खरीदते-बेचते वक्त सर्किल रेट से दो प्रतिशत अधिक राजस्व शुल्क वसूला जाता है। यह शुल्क गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को इन गांवों में विकास कार्य कराने के लिए दिया जाता है। किसानों से यह शुल्क पिछले 25 सालों से वसूला जा रहा है। लेकिन किसी भी गांव में जीडीए ने एक भी विकास कार्य नहीं कराया है। किसानों से वसूले गये अरबों रूपये के राजस्व पर जीडीए कुंडली मारकर बैठा है।
संगठन ने मांग की है कि अब तक किसानों से जो भी धन राजस्व शुल्क के रूप में वसूला गया है उस धन से तुरंत विकास कार्य कराये जाएं। साथ ही आगे से किसानों से इस तरह की वसूली को प्रतिबंधित किया जाए।
ज्ञापन देने वालों में ओमवीर आर्य एडवोकेट के साथ ही साथ रमेश बंसल, मनोज भाटी एडवोकेट, मोहित भाटी एडवोकेट, विकास नागर एडवोकेट, विकेन्द्र भाटी एडवोकेट, कर्मवीर आर्य एवं सतबीर नागर एडवोकेट भी शामिल थे।
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