डीआरडीओ बेंगलुरु के आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस रोबोटिक केंद्र के चैयरमेन एमिटी यूनिवर्सिटी पहुंचे
1 min readनोएडा, 24 फरवरी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बेंगलुरू स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक केंद्र के डीआरडीओ चेयर डा जी अथिथान ने आज एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस अवसर पर एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने डा जी अथिथान का स्वागत किया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बेंगलुरू स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक केंद्र के डीआरडीओ चेयर डा जी अथिथान ने संबोधित करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव मस्तिष्क के अनुरूप जटिल है जो कि चुनौतियों और अवसरों से भरा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव गतिविधियों का अनुकरण करता है जिसे हम बुद्धिमान मान सकते है। इस प्रकिया में मशीन हस्त निर्मित ज्ञान का उपयोग करती है। डा अथिथान ने कहा कि मशीन लर्निंग, लेबल किये गये डाटा के ज्ञान का उपयोग करती है और इस तरह के ज्ञान स्पष्ट होते है। न्यूरल नेटवर्क के संर्दभ में कहा कि इसमे अनुकरण के लिए मानव मस्तिष्क के मॉडल जिसमें न्यूरॉन, सिनैप्टिक कनेक्शन आदि शामिल है। उन्होने कहा कि खोज और ऑप्टीमाइसेशन, गेम प्लेयिंग, तर्क और समस्या निवारण, योजना निर्माण, कंप्यूटर दृष्टिकोण, स्पीच एंड लैग्वेंज प्रोसेसिंग आदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एप्लीकेशन में शामिल है। मशीन लर्निंग का उपयोग डाटा को प्रकट ज्ञान में तब्दिल करने, स्पीच डाटा के लिए ग्रैफिकल मॉडल बनाने, डाटा सेंटर और उनकी भूमिका में होता है। डा अथिथान ने हालिया दशक में हुई प्रगति के बारे में बताते हुए द रेक्टीफाइड लिनियर यूनिट, कॉनवोल्यूशनल एंड मैक्सपूल फंक्शन और डीप आरएनएन सहित पिछले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीजन से सीख की जानकारी दीै। उन्होनें डीप एनएनएस, स्पारर्स डाटा डेामेन, डेटा संचालित एआई में दोष आदि में शोध के नवीनतम अवसर उपलब्ध उसका छात्र और शोधार्थि लाभ उठाये। इस अवसर पर उन्होनें आपसी सहयोग पर चर्चा भी की।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में शोध एवं तकनीक, राष्ट्र के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है और एमिटी विश्वविद्यालय सदैव छात्रों को एआई, मशीन लर्निंग आदि क्षेत्रों में शोध व नवाचार के लिए प्रोत्साहित करता है। आज छात्रों, शोधार्थियों और वैज्ञानिकों को देश के प्रख्यात वैज्ञानिक डा जी अथिथान का व्याख्यान सुनने का अवसर मिला है जो उनके विकास मे अवश्य सहायक होगा। अनुसंधान और नवाचार एमिटी में प्रमुख फोकस क्षेत्र है क्योकि दुनिया को केवल अनुसंधान व नवाचार के माध्यम से ही बदला जा सकता है।
एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि आज आधुनिक तकनीकी और उत्पादों में विश्व का हब बन रहा है इसके लिए सरकारी संस्थानों डीआरडीओ और अकादमिक संस्थान जैसे एमिटी विश्वविद्यालय का सहयोग जरूरी है। यह व्याख्यान छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद होगा क्योकि इससे उन्हे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की विभिन्न अवधारणाओं की जानकारी होगी।
इस अवसर पर आईआईटी रूड़की के डा सुगाता गंगोपाध्याय और एमिटी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा गोपाल भूषण, डा नीरज शर्मा, और डा ए के सिंह उपस्थित थे।
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