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एमिटी विश्वविद्यालय में एचपीवी वेक्सीनेशन और सरवाइकल कैंसर पर व्याख्यान

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नोएडा, 16 मार्च।

एमिटी विश्वविद्यालय में गुरुवार को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर छात्रों और शिक्षकों को टीके के महत्व की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ जिनोम इंजिनियरिंग द्वारा व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया।

इस व्याख्यान सत्र कार्यक्रम में नई दिल्ली के दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट एंड राजीव गांधी सुपर स्पेशियलीटी हॉस्पीटल के निदेशक डा किशोर सिंह ने ‘‘ एचपीवी वैक्सीनेशन और सर्वाइकल कैंसर’’ पर व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय के हैल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन डा बी सी दास ने डा किशोर सिंह का स्वागत किया।

नई दिल्ली के दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट एंड राजीव गांधी सुपर स्पेशियलीटी हॉस्पीटल के निदेशक डा किशोर सिंह ने ‘‘ एचपीवी वैक्सीनेशन और सर्वाइकल कैंसर’’ पर जानकारी देते हुए कहा कि हयुमन पैपीलोमावायरस इनफेक्शन अब सर्वाइकल कैंसर का सुस्थापित कारण है एचपीवी के अन्य जन्मजात कैंसर और सिर गर्दन के कैंसर पर एक प्रासंगिक कारक होने के प्रमाण भी बढ़ रहे है। एचपीवी के प्रकार 16 और 18 विश्व भर में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है। एचपीवी वैक्सीन जो एचपीवी 16 और 18 संक्रमणो से बचाता है अब उपलब्ध है इसमें सर्वाइकल और अन्य एंजोजेनिक कैंसर की घटनाओं को कम करने की क्षमता है। एचपीवी के प्रकार 16 और 18 मुख्य रूप से हाईग्रेड सर्वाइकल प्री कैंसर हेतु जिम्मेदार है, एचपीवी मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम ये फैलता है।

डा सिंह ने कहा कि एचपीवी के खिलाफ टीकाकरण, पूर्व जांच और शीघ्र उपचार सर्वाइकल कैंसर को रोकने का एक प्रभावी तरीका है। प्रारंभिक स्तर पर रोग की पहचान करके उपचार सर्वाइकल कैंसर को ठीक कर सकता है। हयुमन पैपीलोमावायरस और हेपेटाइटिस जो कि कैंसर के कारक संक्रमण है वो कम या कमतर आय वाले देशों में 30 प्रतिशत कैंसर के कारण के जिम्मेदार है। डा सिंह ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन के प्रति झिझक को दूर करके लोगों को जागरूक करना होगा अधिकतर लोग सुरक्षा, किसी द्वारा अनुसंशा, जानकारी के अभाव, यौन रूप से सक्रिय ना होना या आवश्यकता ना होना जैसे कारण देते है उनकी इस झिझक को दूर करना आवश्यक है। उन्होनें कहा कि एचपीवी से बचाव रणनिती पर संबोधित करते हुए कहा कि मजबूत सर्वाइकल स्क्रीनिंग कार्यक्रम, एचपीवी डीएनए टेस्ट, एचपीवी वैक्सीनेशन आदि आपको सर्वाइकल कैसंर से बचा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर विलोपन के संर्दभ में उन्होनें कहा कि इसके लिए टारगेड 2030 निर्धारित किया गया है जिसकी सफलता के लिए तीन मुख्य स्तंभ है प्रथम वैक्सीनेशन जिसमें 15 वर्ष की 90 प्रतिशत बालिकाओं को वैक्सीनेटेड किया जाये, द्वितीय लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं जो की 35 वर्ष की है उनकी उच्च प्रदर्शन परीक्षण आधारित जांच हो और फिर 45 वर्ष पर जांच हो। तृतीय उपचार जिसमें 90 प्रतिशत महिलाओं ने पूर्व कैंसर उपचार और 90 प्रतिशत महिलाओ के आक्रामक कैंसर का इलाज हो। डा सिंह ने कहा कि हमें सर्वाइकल कैंसर को हराने के लिए मजबूत इच्छाशक्ती और सभी का सहयोग चाहिए।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी मे हम छात्रों को शोध के लिए प्रेरित करते है जिससे छात्र समाज की समस्याओं का हल खोज सके और लोगों को रोग के प्रति जानकारी प्रदान करें। हयुमन पैपीलोमावायरस और सर्वाइकल कैंसर की क्षेत्र में छात्रों और शोधार्थियों को आगे आकर शोध में सहायक बनना चाहिए। उन्होनें कहा इस प्रकार के व्याख्यान सत्रों का यही उददेश्य है कि आपको डा सिंह जैसे विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त हो।

एमिटी विश्वविद्यालय के हैल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन डा बी सी दास ने स्वागत करते हुए कहा कि लगभग 99 प्रतिशत महिला सर्वाइकल कैंसर का कारण एचपीवी वायरस है इसलिए 9 से 19 वर्ष की बालिकाओं को वैक्सीनेटड अवश्यक करवाना चाहिए। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पर आयोजित इस व्याख्यान सत्र का उददेश्य छात्रों को जागरूक करना और उन्हे शोध के लिए प्रेरित करना है।

इस अवसर पर राजीव गांधी सुपर स्पेशियलीटी हॉस्पीटल के डा विकास डोगरा, डा मोना, डा विकास और डा आदित्य, एमिटी विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति डा ए चक्रवर्ती, एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलायंस क डिप्टी डायरेटर जनरल डा नीरज शर्मा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा ए के सिंह सहित एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के निदेशक प्रो एस बिस्वास और एसोसिएट प्रोफेसर डा पल्लवी अग्रवाल उपस्थित थी।

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