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कॉनरवा के नोएडा चेप्टर ने डीसीपी ट्रैफिक के सामने उठाए ट्रैफिक के मुद्दे, गलत यू टर्न और अनियंत्रित ई रिक्शा बने मुसीबत

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नोएडा, 18 मार्च।

कनफिडिरेशन ऑफ एन0सी0आर0 रेजिडेन्टस वेलफेयर एसोसियेशन के कोनरवा नौएड़ा चैपटर द्वारा शनिवार 18 मार्च 2023 को एक बैठक डीसीपी यातायात के साथ की गई, जिसमें एसीपी यातायात एवम् यातायात इनस्पेक्टर भी उपस्थित थे। कोनरवा की और से पी0एस0जैन अध्यक्ष, बी0बी0 वलेचा सह संयोजक व मनीष शर्मा कोडिनेटर उपस्थित हुऐ। बैठक में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर ज्ञापन दिया गया व चर्चा की गई।

1. शहर में अधिकांश चौराहो, सड़को आदि पर कैमरे लगाये गये है। समभवतः इनके द्वारा एव़ ट्रैफिक पुलिस के द्वारा फोटो खीच कर कन्ट्रोलरूम के माध्यम से उनके चालान किये जाते है। इस सम्बन्ध में सुझाव है कि वाहन चालक को उसके चालान होने की पूर्ण सूचना चालान की राशि सहित एस0एम0एस0 के द्वारा यथा शीघ्र उस ही समय / अधिकत्तम उसी दिन प्रेषित की जानी चाहिए। जिससे वाहन चालक को यह पता चल जायेगा की उसने कहॉ पर गलती की है तो भविष्य में गलती नही करेगा और यदि वाहन कोई अन्य व्यक्ति व ड्राईवर चला रहा है। उसकी गलती की जानकारी वाहन मालिक को मिल जाऐगी।

2. शहर में चौराहो को स्थायी रूप से बन्द करके यूटर्न बनाऐ जा रहे है वह आधा रास्ते से अधिक लगभग 100 मीटर दूर बनाऐ जा रहे है। यूटर्न को चौराहो से अधिक्तम 30 मीटर दूरी पर बनाऐ जाने चाहिए। प्रायः देखा जा रहा है कि जो जिससे उसी ही चौराहे पर आने में वाहन चालको को बहुत दिक्कत होती है। यूटर्न अभी सही ढ़ग से कार्य भी नही कर रहे है। अतः यूटर्न ट्रेफिक इन्जीनियरिंग के अनुसार बनाए जाऐ और उनको पुरी तरह व्यवस्थित कर लिया जाऐ उसके बाद चौराहे बन्द किये जाऐ। यूटर्न पर लाईटींग को सम्पूर्ण व्यवस्था हो और लाईटींग इन्डीकेटर लगाऐ जाने चाहिए। जिससे पता लग जाऐ कि यूटर्न कहॉ पर है। अभी सभी यूटर्न अव्यवस्थित है, इनकम्पलिट है और जल्दबाजी में चौराहे बन्द कर दिये गये है। जो जनता की असुविधा को देखते हुऐ गलत है। फिलहाल जल्दबाजी में अन्य चौराहे बन्द न किय जाये।

3. शहर में ई रिक्शों एवम् ऑटो रिक्शा का प्रचलन बढ़ाया जाना चाहिए तथा ई रिक्सो के लाईसेन्स व रूट इस प्रकार से तैयार किये जाऐ कि ई रिक्सा सैक्टरो के अन्दर तक आसानी से उपलब्ध हो सके। ऐरिये वाईज ई रिक्साओ पर कलर की पहचान बनवा दी जाये जिससे पहचान रहे। जिससे सैक्टर के निवासीयो को अपने गन्तवय तक जाने में कोई परेषानी न हो क्योकि नऐ बसे सैक्टरो में अभी यातायात की व्यवस्था पूर्ण रूप से नही है वहॉ अपने वाहन से आना जाना आसान होता है परन्तु यदि किसी के पास अपना वाहन नही है या वाहन खराब हो गया है तो मेट्रो व बस स्टाप तक आने के लिए उन्हे पैदल चलना पढ़ता है। यथासम्भव जब ई रिक्सा/ओटो रिक्सा सैक्टरो के अन्दर चलने लग जाऐगे तो निवासीयो की यह समस्या भी समाप्त हो जाऐगी। इस पर सभी को जोन के अनुसार बांट कर अलग अलग कलर होना उपयुक्त रहेगा।

4. मानव चालित रिक्साओ का चलन मुख्य मार्किट व मुख्य मार्गो पर प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। अपितू इन्हे कम दुरी के लिए सैक्टरो के अन्दर व निकट स्थान की अनुमति होनी चाहिए। मुख्य मार्गो पर इनसे दुर्घटनाओ की सम्भावना बनी रहती है। क्योकि ये कोई ट्रैफिक नियमो का पालन नही कर पाते है।

5. महाराजा अग्रसेन मार्ग पर ऐलिवेटिड़ रोड़ पर लो राईज बैरियर लगा कर भारी वाहनो का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाना तथा ऐलिवेटिड़ रोड़ को केवल छोटे वाहनो के लिए खोला जाना चाहिए। जिससे जाम में कमी आयेगी व यातायात सुचारू रूप से चल सकेगा। भारी यातायात वाहनो को जैसे बस, ट्रक व डम्पर आदि के लिए ऐलिवेटिड रोड़ के नीचे सड़क पर आवागमन अनुमान्य होना चाहिए। सभी सड़के प्रयाप्त चौड़ाई की उपलब्ध है।

6. शहर में बनाऐ गये यू टर्न जैसे सैक्टर 62 पर मेट्रो लाईन के नीचे तथा अन्य मार्गो पर यू टर्न अपेक्षकृत छोटे बनाऐ गये है जिसमें बढ़े वाहन सुगमता से नही निकलते है। फिर भी भारी वाहन बार-बार प्रयास करते है जिससे यातायात बाधित होता है। अतः इन यू टर्न पर लो राईज बेरियर लगाये जाने चाहिए।

7. चौराहो पर कुछ ट्रेफिक लाईट आमने सामने व कुछ क्लोक वाईज चलती है। सभी को क्लोक वाईज किया जाना चाहिए। सभी पर टाईमर या तो लगे नही है एव कुछ पर काम नही कर रहे है। टाईमर से वाहन चालक को समय की जानकारी रहती है।

8. कुछ चौराहो पर ट्रेफिक लाईट का समय बहुत अधिक है। जबकि अन्य साईड पर कोई ट्रेफिक नही होता है। इससे वाहन चालक निकलने की कोषिस करते है तथा नियमो का उल्लंघन करते है। अतः रेड़ लाईट का समय अधिकत्तम 60 सेकेन्ड अर्थात 20 सेकेन्ड प्रति साईड होना चाहिए। अथवा सेनसर लगा कर ट्रेफिक लाईट चलानी चाहिए जिससे अनावष्यक नही रूकना पड़े।

9. इस ही प्रकार की समस्या शहर के सेक्टरो के अन्दर भी दिखाई देती है। जहॉ पर सैक्टरवासी अपने घरो के बाहर गाड़ीयॉ गलत तरीके तथा टेड़ी गाड़ी खड़ी कर देते है और आने जाने वाली दुसरी गाड़ीयो के लिए समस्या उतपन्न करते है। इस समस्या से बचने के लिए प्राधिकरण को सैक्टरो के अन्दर वाले रास्तो पर भी पीली लाईन बनाई जानी चाहिए तथा आर0डब्लू0ए0 व अन्य साधनो से सैक्टरवासीयो को अवगत कराया जाना चाहिए कि वह अपने अपने वाहन पीली लाईन के अन्दर ही खड़े करे। जिससे दुसरे वाहनो को निकले में कोई समस्या नही होगी तथा इसका कढ़ाई से पालन सुनिष्चित कराया जाए।

10. शहर में सैक्टरो के मध्य की सड़को को बहुत सुन्दर और बडे बडे चौराहो का निर्माण कराया गया है। परन्तु देखने में आया है कि बहुत से चौराहो को एक ओर अस्थायी रूप से बन्द कर दिया गया है चौराहे केवल उसी मार्ग पर बंद होने चाहिए, जो पुरे सड़क सिग्नल फ्री की जा रही है तथा आगे जाकर सड़क के बीच में से यूटर्न बना कर यातायात को चलाया जा रहा है। जिससे प्रायः देखने को मिलता है कि यूटर्न के स्थान पर हमेशा जाम जैसे स्थिति हो जाती है तथा दूघर्टना की भी सम्भावना रहती है क्योकि यूटर्न मानको के अनुसार नही है जिससे यातायात बाधित होता है। जब चौराहे बड़े है तो वहॉ की रेड लाईटस को सही क्रम में नियोजित कर के यातायात को चौराहो से आने व जाने की सुविधा की जाऐ जिससे यातायात सुनियोजित तरीके से चल सकेगा।

बैठक बहुत सौहार्द्र पूर्ण हुई व अनेक बिन्दुओ पर सहमती हुई, कुछ बिन्दुओ पर जॉच कर यथासम्भव कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

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