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Noida khabar.com का सर्वे, 46 प्रतिशत ने कहा खारा पानी और प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या

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-24 घंटे तक चले आन लाइन सर्वे में कुल 97 लोगों ने हिस्सा लिया
-46 प्रतिशत का मानना है कि खारा पानी और प्रदूषण नोएडा की सबसे बड़ी समस्याओें में से एक
-23 प्रतिशत लोगों का कहना है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा भी गंभीर समस्या है।
-16 प्रतिशत ने शहर में अच्छी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम ना होने की भी बात कही
-विभिन्न सेक्टरों के बीच से बहकर निकल रहे खुले नालों की समस्या को 14 प्रतिशत ने वोट किया
-किसने क्या कहा, यह भी पढिये
नोएडा, 10 अगस्त।
नोएडा शहर से जुड़ी चार बड़ी समस्याओं को लेकर noidakhabar.com ने एक ऑनलाइन सर्वे किया। जिसमें 97 लोगों ने हिस्सा लिया और इन समस्याओं के समाधान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। इसमें 46% लोगों ने माना कि, नोएडा शहर में बढ़ते प्रदूषण व खारे पानी की समस्या सबसे विकट समस्या है। उसके बाद 23% लोगों का मानना है कि, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नोएडा शहर की बड़ी समस्या है, 16% लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और 14% लोग खुले नालों को नोएडा शहर की गंभीर समस्या मानते हैं। इसी के साथ लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दर्ज कराई। इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले नोएडा विलेज रेजिडेंट्स एसोसिएशन(नोवा), फेडरेशन ऑफ नोएडा एंड ग्रेटर नोएडा अपार्टमेंट्स ओनर्स एसोसिएशन(फोना), सुधीर चौधरी, डॉ अशोक मिश्रा, विकास शर्मा और सुशील कुमार जैन ने कहा कि,ये चारों ही नोएडा के लिए बड़ी समस्याएं है।
वहीं राजीव गोयल,ऋषि पाल सिंह चौधरी बिनेश, गुलशन शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण नोएडा शहर की सबसे बड़ी समस्या है। इसी में समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष दीपक विग ने शहर की समस्या बताते हुए लिखा कि, “खारा पानी, मटमेला पानी और पानी कम आना समस्या है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पानी 8 घंटे आना चाहिये।” तो दूसरी तरफ, शहर के लोगों ने नोएडा की और भी समस्याएं गिनाई जिसमें श्वेतमनी त्यागी ने, करप्शन को नोएडा शहर की समस्याओं में गिना। वही, अमरबीर सिंह और जितेंद्र पाठक ने नोएडा की समस्याओं के लिए नोएडा अथॉरिटी को ही जिम्मेदार माना। दीपक कुमार और जितेंद्र पाठक ने लिखा कि, नोएडा की समस्याओं के लिए बिल्डर लॉबी भी जिम्मेदार है। साथ ही में, सोनू कसाना ने लिखा कि नोएडा में किसानों की समस्याएं ज्यादा है, शैंकी त्यागी भी मानते हैं कि “किसानों की समस्या 10% प्लॉट, 64% प्रतिकर, आबादी निस्तारण”। सुरेंद्र शर्मा ने लिखा कि, “ग्रेटर नोएडा में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम खासकर मेट्रो कनेक्टिविटी का अभाव सबसे बड़ी समस्या है हालांकि नोएडा मेट्रो कनेक्टिविटी के मामले में बेहतर है लेकिन साउथ नोएडा को छोड़कर।” डाॅ अतुल चौधरी ने लिखा कि, “जो समस्या इस देश की है,वही समस्या नौएडा शहर की भी है।
जिस प्रकार देश के नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता, उसी प्रकार यहाँ के भी नेताओं एवं अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता। लोकेश कुमार ने भी नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर लॉबी को किसानों की समस्याओं का जिम्मेदार मानते हुए लिखा कि, “सबसे ज्यादा नोएडा के नागरिक सताये हुए या परेशान है तो वे प्राधिकरण और बिल्डर की लाभकारी योजनाओं से हैं।
इन्होंने धोखाधड़ी करके लाखों लोगों को लूट लिया न उनको उनके मकान/प्लाट दिये और न ही पैसा वापस।
किसानों की दुर्दशा का भी मुख्य कारण ये प्राधिकरण हैं,इन्होंने किसानों की जमीन लेकर बेच दी, न सभी को मुआवजा दिया और न ही उनका आबादी वाला 5 से10%वाला प्लाॅट।
बहुत किसान जिनकी जमीन प्राधिकरण ने कब्जाई है, भुखमरी की कगार पर हैं,उनकी जमीन सरकार ने ले ली, न उनके परिवार के पास रोजगार है और नही उनको मिलने वाला प्लाॅट जिसपर वो कुछ कार्य कर सकें।शासन, प्रशासन, नेताओं के भ्रष्टाचार मैं लिप्त होने की वजह से उनको न्याय नहीं मिल पाता।इन दोनों की गंभीर समस्याओं का निवारण सरकार करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहती है।बेचारे वकीलों, न्यायालयों मैं अपनी जमा पूंजी लुटाकर आबाद हो रहे हैं,न्याय मिलने की संभावनाएं दूर-दूर तक नहीं हैं।
विकास शर्मा ने समाधान के तौर पर सुझाव देते हुए लिखा कि,
“1.प्राधिकरण का निरस्तीकरण
2.प्रबंधकों के खातों और रिश्तेदारों के ठेका कंपनियां की जांच
3.Pvt.कंपनी को दिया जाए रखरखाव(गारंटी के साथ)
4.शिकायत करने पर प्राधिकरण शिकायतकर्ता की जानकारी साझा कर देता है”वरिष्ठ  पत्रकार
वीरेंद्र मलिक ने लिखा”नोएडा में समस्याओं की भरमार है। जाम जो 30 साल पहले था वह आज भी है। सड़कों पर अतिक्रमण। ट्रैफिक पुलिस की रिश्वत खोरी । जमीनों पर कब्जा आम हो गया है।सेक्टर 8,9 की झुग्गियों की पुनर्वास की समस्या। बिजली की कटौती आदि बहुत है।”
वही, नोफा के अध्यक्ष राजीव सिंह ने कहा कि, “ये सभी पैरामीटर किसी भी sustainable city के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रदूषण, यातायात, पानी, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली, शिक्षा, उचित सीवेज सिस्टम … सभी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. All need priority”
(नोएडा खबर डॉट कॉम न्यूज ब्यूरो से प्रियंका शर्मा की रिपोर्ट)

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