ग्रेटर नोएडा: सीईओ ने आईटी और उद्योग के बड़े डिफॉल्टरों के भूखण्ड रद्द कर कब्जे में लेने के दिए निर्देश
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–निवेश के लिए हुए एमओयू को धरातल पर लाने को सीईओ ने बैठक कर दिए निर्देश
–जीआईएस के दौरान एमओयू करने वाले निवेशकों को भूखंड उपलब्ध कराने के निर्देश
–आईटी व उद्योग के बड़े डिफॉल्टरों के आवंटन रद्द कर भूखंड कब्जे में लेने के निर्देश
–31 दिसंबर 2022 तक कार्यशील न होने वाली आईटी की इकाइयां भी निशाने पर
ग्रेटर नोएडा, 30 मार्च।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी ने बृहस्पतिवार को उद्योग व आईटी विभाग की समीक्षा की। सीईओ ने प्लॉट लेने के बाद तय समय सीमा में इकाई कार्यशील न करने और प्राधिकरण का बकाया भुगतान न करने वाले आवंटियों के आवंटन शीघ्र निरस्त करने के निर्देश दिए। निरस्त करने के बाद इन भूखंडों को नई स्कीमों में शामिल कर जीआईएस के दौरान एमओयू करने वाले निवेशकों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि इनको आगामी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शामिल किया जा सके।
सीईओ रितु माहेश्वरी ने एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अमनदीप डुली, महाप्रबंधक (वित्त) विनोद कुमार, ओएसडी विशु राजा और ओएसडी नवीन कुमार सिंह के साथ आईटी व उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि जिनको अंतिम नोटिस पहले ही जारी की जा चुकी है, उनको अब और मौका देने की जरूरत नहीं है। ऐसे टॉप 20 डिफॉल्टरों के आवंटन तत्काल रद्द कर दें। वित्त विभाग इन आवंटियों द्वारा किए गए भुगतान की गणना कर लें। उनकी प्राधिकरण पर जो भी देयता बनती हो, उसे देकर भूखंड अपने कब्जे में लें और उन भूखंडों का नए सिरे से आवंटन करें। इसी तरह आईटी विभाग के टॉप 10 डिफॉल्टरों के आवंटन भी रद्द किए जाएंगे। सीईओ ने कहा कि अध्यादेश में दिए गए समय सीमा के अनुसार 31 दिसंबर 2022 तक जिन आईटी उद्यमियों ने अपनी इकाई कार्यशील नहीं की है। उनके आवंटन तत्काल रद्द किए जाएं। वित्त विभाग उन भूखंडों पर देयता की गणना कर रिफंड करे और उन भूखंडों को स्कीम में लाकर आवंटित किया जाए। सीईओ ने उपलब्ध लैंड बैंक को जीआईएस के दौरान एमओयू करने वाले निवेशकों को शीघ्र आवंटित करने के निर्देश दिए ताकि उनको प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शामिल किया जा सके।
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