गौतमबुद्धनगर जिले के गौरवशाली क्षण, पैरा ओलम्पिक में दो सिल्वर मेडल जीते
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गौतमबुद्ध नगर जिले के लिए गौरव बने पैराओलंपिक में एक जिले को दो सिल्वर मेडल विजेता
-पैरालंपिक में ऊंची कूद में नए एशियाई रिकॉर्ड के साथ प्रवीण कुमार ने जीता सिल्वर
-रविवार को जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतकर रचा नया इतिहास
गौतमबुद्ध नगर, 5 सितंबर।
गौतमबुद्ध नगर जिला अगले वर्ष सिल्वर जुबली वर्ष मनाने जा रहा है। मई 1997 मेंं गौतमबुद्ध नगर जिले का गठन हुआ था। अगला वर्ष उसका सिल्वर जुबली वर्ष है। गौतमबुद्ध नगर जिले ने टोकियो पैराओलंपिक में एक साथ दो सिल्वर मैडल जीतकर वह गौरवशाली क्षण दिया है जिसमें देश व दुनिया में जिले के नाम रोशन हुआ है।
दो दिन पहले जेवर के गोविंदगढ निवासी साधारण किसान के पुत्र प्रवीण कुमार ने ऊंची कूद में 2.07 मीटर ऊंची छलांग लगाकर न केवल नया एशियाई रिकार्ड बनाया बल्कि पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत लिया। रविवार को गौतमबुद्ध नगर जिले के जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने ऐसा ही तोहफा दिया। उन्होंने फ्रांस के खिलाडी को फाइनल में कड़ी टक्कर दी। पहला सेट जीतने के बाद वे दो सेट हार गए। उन्होंने पैरा ओलंपिक के बैडमिंटन के फाइनल में दूसरे नंबर पर रहकर सिल्वर मेडल हासिल किया। गौतमबुद्ध नगर जिले की इन दो प्रतिभाओं के बूते गौतमबुद्ध नगर न केवल यूपी में बल्कि देश में अलग मुकाम पर पहुंच गया है। जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने तो कोरोना काल में इस गेम के लिए रात्रि में 11 बजे से एक बजे तक प्रैक्टिस की थी। वे पहले नोएडा स्टेडियम में और बाद में ग्रेटर नोएडा स्थित गोपीचंद अकादमी में प्रैक्टिस करते थे। उनके साथ सेक्टर 22 रघुनाथ पुर निवासी बेडमिंटन खिलाडी आदित्य वर्मा रात्रि में प्रैक्टिस करते थे। आदित्य वर्मा के अनुसार जिलाधिकारी दिन भर काम करने के बाद भी रात को खेलने के लिए पर्याप्त उर्जा के साथ प्रैक्टिस करते थे। उनकी मेहनत का ही असर है कि वे पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत सके। गौतमबुद्ध नगर की इन दोनों प्रतिभाओं की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। जिले की जनता इस उपलब्धि पर गौरवान्वित है। वह दोनों खिलाडियों के देश वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
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