ब्रेकिंग न्यूज़-उत्तर प्रदेश में आज़ाद समाज पार्टी और सपा के बीच गठबंधन लगभग तय, अक्टूबर में होगी औपचारिक घोषणा
1 min read-सपा 25 सीट देने को तैयार, आज़ाद समाज पार्टी 100 सीट पर चुनाव की तैयारी में
-पश्चिमी यूपी में बीजेपी पर भारी पड़ सकता है सपा, रालोद और आजाद समाज पार्टी का गठबंधन
-अखिलेश यादव और चंद्रशेखर के बीच एक दौर की चर्चा हो चुकी है, दूसरे दौर की होनी है
– अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में हो सकती है घोषणा
विनोद शर्मा
नई दिल्ली, 19 सितम्बर।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलितों की महत्वपूर्ण भूमिका है और दलित वोटर्स के लिए इस समय खींचतान भी मची हुई है । बहुजन समाज पार्टी 2007 जैसी स्थिति दोबारा लाने की तैयारी में है, वही डेढ़ साल पहले बनी नई पार्टी आजाद समाज पार्टी 2022 के चुनाव में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। पार्टी का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन लगभग तय है, इसकी औपचारिक घोषणा अक्टूबर माह में हो सकती है
राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर के बीच एक दौर की बात हो चुकी है दूसरे दौर की बात अभी होनी है। इसके बाद अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में औपचारिक रूप से गठबंधन की घोषणा होगी । आजाद समाज पार्टी संगठन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी लगभग 100 सीटों पर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है समाजवादी पार्टी की तरफ से 25 सीटें देने का प्रस्ताव दिया गया है जबकि आजाद समाज पार्टी अधिक से अधिक सीटों पर दावा करेगी अगर कोई अड़चन नहीं आई तो दोनों पार्टियों के बीच मजबूत गठबंधन होगा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में खास तौर पर समाजवादी पार्टी आजाद समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के बीच जो गठजोड़ होगा वह निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी को के लिए चुनौती होगा । अब अक्टूबर माह में पता चलेगा की समाजवादी पार्टी आजाद समाज पार्टी को गठबंधन के लिए कितनी सीटों पर चुनाव लड़ाने पर समझौता करेगी। इस गठबंधन से इतना तय है कि प्रदेश में दलित वोटर सपा और बसपा के बीच बंट सकता है इसका असर चुनाव के बाद ही पता लगेगा।
पंजाब पर भी है नजर
आजाद समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र सिरजी ने बताया कि पंजाब में पार्टी अच्छी स्थिति में हैं वहां भी 100 सीट पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री के रूप में दलित चेहरा चरण जीत सिंह चन्नी को बनाने के फैसले पर कहा कि इससे पंजाब के वोटर्स को कोई फर्क नही पड़ेगा। कांग्रेस अब 2022 में पंजाब कुछ हासिल नही कर पायेगी।
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