अखिलेश के बाद मायावती भी मिहिर भोज प्रतिमा विवाद पर गुर्जरों के समर्थन में उतरी
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दादरी, 26 सितम्बर।
दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर चल रहा विवाद अब पूरे प्रदेश की राजनीति में छा गया है । सुबह से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार राजा थे । शाम होते होते बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी गुर्जरों के समर्थन में अपनी प्रतिक्रिया दे दी और कहा कि दादरी में सम्राट मिहिर भोज के आगे गुर्जर शब्द लिखा जाए और प्रदेश सरकार इस अपमान के लिए माफी मांगे।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मिहिर भोज कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करने से पहले और बाद में जाति का मुद्दा लगातार छाया हुआ है। दादरी के आसपास ही नहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश और ग्वालियर के क्षेत्र में भी इसे लेकर टकराव हुआ है । रविवार को गुरुग्राम में राजपूत महासभा की बैठक हुई यानी सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर राजपूत और गुर्जरों के बीच विवाद शांत भी नहीं हुआ तब यूपी के दो पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा गुर्जर जाति के समर्थन में उतरने से प्रदेश की जातीय राजनीति में नया मोड़ आ गया है। रविवार को दादरी में समाजवादी पार्टी के नेता राजकुमार भाटी के नेतृत्व में हुई एक पंचायत में यह तय किया गया कि मूर्ति का शुद्धिकरण होगा और शिला पाठ बदली जाएगी। साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गुर्जर जाति द्वारा भाजपा के बहिष्कार तक की बात कही गई , ऐसे समय में जब समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर बढ़त लेती दिखाई दी तब मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए गुर्जर जाति का समर्थन कर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश की। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह जातीय रंग कहां तक जाएगा क्योंकि इससे अब राजपूत समाज के समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को लेकर भी जरूर प्रतिक्रिया होगी।
(नोएडा खबर डॉट कॉम न्यूज़ ब्यूरो )
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