शासन की जांच में सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट मामले में नोएडा प्राधिकरण के 26 अफसरों की संलिप्तता मिली, कार्रवाई की सिफारिश
1 min read
लखनऊ, 3 अक्टूबर।
सुपरटेक के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा 30 अगस्त 2021 को दिए गए फैसले के क्रम में योगी सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया है इस रिपोर्ट में सेक्टर 93ए में ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच-04 में बने ट्विन टावर पर कार्रवाई करने को कहा था। इसी क्रम में शासन ने एसआईटी गठित की थी अब इस मामले में सिफारिश एसआईटी ने की है। एसआईटी के अध्यक्ष संजीव मित्तल के नेतृत्व में अधिकारियों ने लगभग 1 सप्ताह नोएडा में रहकर पूरे प्रकरण की जांच की थी और अब मुख्यमंत्री को भेजी रिपोर्ट में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न स्तरों पर अधिकारी और सुपरटेक के निदेशकों पर एफआईआर तक के लिए कहा गया हैं।
ये हैं समिति की रिपोर्ट
मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या-5011/2021 (Arising out of S.L.P. (C) No. 11959 of 2014) सुपरटेक लिए बनाम इमरॉल्ड कोर्ट ऑनर रेजिडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन व अन्य में पारित आदेश दिनांक 31.08.2021 के कम में शासन द्वारा 04 सदस्यीय जाँच समिति का गठन अपने कार्यालय ज्ञाप संख्या-5004/77-4-21-96एन/21, दिनांक 03 सितम्बर 2021 द्वारा किया गया था, जिसकी जाँच आख्या शासन को प्राप्त हो गई है। जाँच आख्या के आधार पर शासन द्वारा निम्नलिखित कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिए गए हैं
1- समिति की आख्या में प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन 25 अधिकारियों की संलिप्तता दर्शायी गई है जिसमें से दो की मृत्यू हो गई है, 4 अधिकारी सेवारत है तथा 20 अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सेवारत 4 अधिकारियों में से एक अधिकारी पूर्व में निलम्बित किया जा चुका है। शेष 3 अधिकारियों को निलम्बित करते हुए विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। सेवानिवृत्त अन्य अधिकारियों के विरुद्ध भी नियमों को दृष्टिगत रखते हुए कार्यवाही के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
2- जॉच समिति द्वारा की गई संस्तुति के दृष्टिगत शासन द्वारा प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण के संलिप्त पाए गए अधिकारियों, मै० सुपरटेक लि० के 4 निदेशकों तथा 2 वास्तुविदों के विरूद्धसतर्कता अधिष्ठान में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए सतर्कता इकाई को विवेचना के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
3 मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा रिट याचिका संख्या 65085 / 2012 में पारित आदेश दिनांक 11.04.2014, जिसकी पुष्टि मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांक 31.08.2021 द्वारा की गई है, में की गई अपेक्षा के अनुसार उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 तथा उ०प्र० अपार्टमेन्ट (प्रमोशन ऑफ कॉन्स्ट्रक्शन, ओनरशिप एण्ड मेन्टिनेन्स) अधिनियम 2016 के प्राविधानों के उल्लंघन के दृष्टिगत नोएडा प्राधिकरण तथा मैसर्स सुपरटेक लिए के संलिप्त पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध उक्त अधिनियमों के अंतर्गत नियत सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त करते हुए सक्षम न्यायालय में परिवाद दाखिल करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
4- चूंकि समिति द्वारा अपनी आख्या में दो वास्तुविद संस्थानों को चिन्हित करते हुए उनके वास्तुविदों की संलिप्तता बताई है अतः इन वस्तुविद संस्थानों तथा वास्तुविदों के विरूद्ध समुचित कार्यवाही हेतु काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर को भी अविलम्ब संदर्भ प्रेषित करने के निर्देश दे दिये गए हैं।
5- समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट में यह उल्लिखित किया गया है कि मै० सुपरटेक लि० द्वारा ले-आउट प्लान में आरक्षित ग्रीन बेल्ट, जिसका क्षेत्रफल लगभग 7000 वर्ग मीटर है, को भूखण्ड में सम्मिलित कर अतिक्रमण कर लिया गया है। जिसके सम्बन्ध में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध प्राधिकरण स्तर से कार्यवाही गतिशील बताई गई है। अतः इस सम्बन्ध में ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमण से मुक्त कराने तथा चिन्हित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही आगामी 15 दिन में सुनिश्चित कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।
3,743 total views, 2 views today