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नोएडा, 12 जनवरी।
सेक्टर-56, नोएडा में पंजाबी विकास मंच द्वारा 9 वाँ लोहड़ी का सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम हर्सोल्लास से मनाया जिसमें भांगड़ा,गिदा , और पंजाबी गाने गाए गए जिसमें लोगों ने संगीत व ढोल पर डांस भी किया। इस कार्यक्रम में पंजाबी समाज ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया व तक़रीबन 700 से अधिक पंजाबी लोगों ने सहयोग देकर व उपस्थित होकर इसकी शोभा बढाई।

इस आयोजन में नोएडा के गणमान्य पंजाबियों के साथ साथ पूर्ण कार्यकारिणी परिवार सहित सम्मिलित हुए। अतिथियों में सर्वश्री डॉ महेश शर्मा सांसद पूर्व मंत्री, कैप्टन विकास गुप्ता दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री उत्तर प्रदेशभाजपा से, विपिन अग्रवाल और दिनेश यादव सपा से, पंकज अवाना पूर्व विधानसभा प्रत्याशी व प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा आप पार्टी से, अनिल यादव राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन शर्मा प्रदेश सायोंजक सोशल मीडिया कांग्रेस से,अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा, के० के ०जैन विकास जैन अध्यक्ष युवा व्यापार मंडल ,संजय मावी, अध्यक्ष Sec 56 RWA व उनकी टीम, का स्वागत मंच पर पंजाबी विकास मंच के संरक्षकों व चेयरमैन दीपक विग और प्रधान जी०के० बंसल डिप्टी चेयरमैन संजीव पुरी द्वारा गुलदस्ते व शाल भेंट कर किया गया। अतिथियों ने पंजाबी समाज की अपनी परंपराओं को जीवन्त रखने में इस महत्व पूर्ण योगदान की भूरी भूरी प्रशंसा की।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता पंजाबी रत्न दीपक विग (चेयरमैन – पंजाबी विकास मंच) ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की पंजाबी कोई जाति नहीं है, वरन 10,000 साल पुरानी संस्कृति है | ऋगवेद में पंजाब को सप्त-नद कहा गया है और महाभारत में इसे पंच-नद कहा गया है | भारतीय पंजाब व अविभाजित पंजाब के मूल निवासी, चाहे वो किसी भी जाति अथवा धर्म से हो, पंजाबी ही कहलाते है | जैसे पूर्व-प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह खत्री सिख है, पर पूर्व-प्रधानमंत्री श्री इन्द्र कुमार गुजराल खत्री हिन्दू थे | स्वर्गीयश्री अरुण जेटली पंजाबी ब्राह्मण व लाला लाजपत राय पंजाबी वैशेय थे, अमर शहीद भगत सिंह जी जाट सिख थे व् उनके साथी क्रांतिकारी सुखदेव थापर,मदन लाल ढींगरा भी खत्री थे | आज के समय में लोकप्रिय क्रिकेटर विराट कोहली खत्री हिन्दू है राजकपूर देवानंद रणबीर कपूर इन सभी को हम पंजाबी के तौर पर ही जानते है।
श्री दीपक विग ने बताया कि आज़ादी से पहले पंजाब एक बहुत बड़ा राज्य था, परन्तु कालान्तर में इसका 60% हिस्सा पाकिस्तान में चला गया, और बचे हुए 40% भाग में से भी हिमाचल, हरियाणा अलग हो गए | आज भी पुरे देश में 5 करोड पंजाबी है, जिसमे से 3.5 करोड के करीब पंजाब में है और 2 करोड के करीब दिल्ली एनसीआर देश भर में फैलें हुए है | इस के साथ-साथ विदेशों में भी पंजाबी आबादी बड़ी संख्या में है।
पंजाबी रत्न दीपक विग ने समस्त उत्तर प्रदेश के पंजाबियों ( नॉएडा समेत ) को लोहड़ी की बधाईयां दीं। पंजाबी विकास मंच के अध्यक्ष श्री जी के बंसल ने लोहड़ी पर्व का महत्व बताते हुए कहा, कि लोहड़ी का त्यौहार पौष माह के अंतिम दिन, सूर्यास्त के बाद (माघ संक्रांति से पहली रात) यह पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी की पूजा के समय अग्नि में डलने वाली वस्तुओं से शब्द निर्माण जान पड़ता है, जिसमें ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = ‘लोहड़ी’ के प्रतीक हैं।
उन्होंने बताया कि प्राचीन भारत में श्वतुर्यज्ञ का अनुष्ठान मकर संक्रांति पर होता था, संभवत: लोहड़ी उसी का अवशेष है। इसलिए लोहड़ी मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले मनाया जाता है। पूस-माघ की कड़कड़ाती सर्दी से बचने के लिए आग भी सहायक सिद्ध होती है। आवश्यकता ‘लोहड़ी’ को मौसमी पर्व का स्थान भी देती है। इस त्यौहार के पीछे मान्यता है कि खरीफ की फसल धान आदि के आगमन के बाद, किसान प्रकृति को धन्यवाद देता है।
पंजाबी विकास मंच के संरक्षक श्री जे० ऐम० सेठ ने बताया की लोहड़ी पर्व बहुत पुराना है, जिसके साथ अन्य किस्से भी जुड़ते गए | जैसे मुगल काल में, अकबर के शासन के दौरान, दुल्ला भट्टी पंजाब में रहा करता था | दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की रक्षा की थी, क्योंकि उस समय अमीर सौदागरों को सदंल बार की जगह लड़कियों को बेचा जा रहा था | दुल्ला भट्टी ने इन्हीं सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई | इसलिए दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया और हर लोहड़ी को उसकी शौर्य-कथा भी सुनाई जानी शुरू हो गई |
पंजाबी विकास मंच के डिप्टी चेयरमैन श्री संजीव पुरी ने बताया कि वास्तव में लोहड़ी शीतकालीन संक्रांति के बाद लंबे दिनों के आगमन का उत्सव है जो एक मध्य सर्दियों का त्यौहार है और हिमालय पर्वत के पास के क्षेत्रों से शुरू होता है जहाँ सर्दियाँ उपमहाद्वीप के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक ठंडी होती हैं। हिंदू और सिख पारंपरिक रूप से रबी मौसम की फसल के काम के हफ्तों के बाद अपने आँगन में अलाव जलाते हैं, आग के चारों ओर सामाजिक रूप से एकजुट होते हैं, सर्दियों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत को चिह्नित करते हुए एक साथ गाते और नृत्य करते हैं और लोहड़ी का उत्सव मनाते हैं।
इस अवसर पर सब उपस्थित लोगों ने पंजाबी रत्न दीपक विग की पंजाबी विकाश मंच को आज की ऊँचाई पर पहुँचाने के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की और यह आशा की कि वह पंजाबी समाज का मार्ग दर्शन पहले की तरह ही करते रहेंगे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में ओ०पी० गोयल , एस०पी० कलरा आर० एन० गुप्ता , सुनील वाधवा, संजीव बांधा,हरीश सभरवाल, अजय साहनी, प्रदीप वोहरा, आर ०के० भट्ट, संजय खत्री,एस०एस० सचदेव, अलका सूद, सरोज भाटिया , प्रभा जयरथ, ऋतु दुग्गल, अमरदीप शाह , प्रेम अरोड़ा , व यश पाल भनोत, अचल जैन , सुनील वर्मा, परवीन पासी , विक्रम कलसी, अंजना भागी, जितेंद्र कठपालिया,गौरव जग्गी,नीलम भागी, शरण चौहान, पिंकी गुप्ता,राजकुमार नारंग,नरेन्देर थरेजा, अमरजीत कौर,अभिषेक मुंजाल, हेमंत डोगरा,सुषमा नेब आदि सभी पदाधिकारियों ने महत्व पूर्ण भूमिका निभाई।

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