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मुख्य सचिव ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को दिए निर्देश, हर जिले में सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक चलने वाले वेक्सिनेशन सेंटर बनाएं

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लखनऊ, 22 अक्टूबर।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने हर जिले में ऐसे एक या एक से अधिक वेक्सिनेशन सेंटर बनाने को कहा है जिनमे सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक वेक्सीन लगाने का कार्य चलता रहे।
अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि कोई भी प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण की वजह से विलम्बित न हो। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी 15 दिन में एक बार भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित प्रकरणों की गहन समीक्षा करें तथा अधिग्रहण का कार्य समय से पूरा कराकर भूमि कार्यदायी संस्थाओं को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास होना चाहिए कि आपसी समझौते के आधार पर भूमि का अधिग्रहण हो जाये तथा जो प्रकरण माननीय न्यायालयों में विचाराधीन हैं, उनकी प्रभावी पैरवी कर उनका शीघ्रता से निस्तारण कराकर यह सुनिश्चित करायें कि भूमि न मिलने के कारण कोई भी प्रोजेक्ट न रूके।
अतिवृष्टि के कारण जनहानि, फसलों को नुकसान, पशुओं की हानि तथा घरों आदि को हुए नुकसान की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारी क्षति का आकलन कर प्राथमिक रिपोर्ट तत्काल भिजवाएं। उन्होंने प्राथमिक रिपोर्ट 22 अक्टूबर, 2021 तक अवश्य भिजवाने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान का मुआवजा शीघ्र वितरित कराया जाये तथा यह कार्य 15 नवम्बर, 2021 से पूर्व अवश्य पूरा कर लिया जाये।
पराली प्रबन्धन की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जनपदों में पराली जलाने की घटनाएं प्रकाश में आई हैं, तत्काल जनप्रतिनिधियों एवं किसान संगठनों की मदद से उसे रोका जाये तथा किसानों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाये। उन्होंने कहा कि पराली जलाने के बजाय गोवंश आश्रय स्थलों पर भिजवाने की व्यवस्था की जाये तथा पराली जलाये जाने को सख्ती से रोका जाये। इस कार्य में शिथिलता पाये जाने पर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जायेगा।
कोरोना वैक्सीनेशन की अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें प्रदेश में अच्छा काम हुआ है। जनपदों में क्लस्टर मॉडल कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना कम हुआ है लेकिन खत्म नहीं, और सिर्फ वैक्सीनेशन ही हमें सुरक्षित करता है, अतः वैक्सीनेशन में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये तथा प्रदेश में प्रतिदिन 22-25 लाख डोज लगाने के अनुसार रणनीति बनाई जाये। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है तथा किसी भी सेन्टर पर 5-6 दिन का स्टॉक हमेशा उपलब्ध रहे, जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी इसकी दैनिक समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी पीएचसी स्तर पर वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा करें तथा जिन क्लस्टर्स में कम वैक्सीनेशन हुआ है, वहां पर जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम प्रधानों का सहयोग लेकर शत-प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि 18-60 लक्षित आयु वर्ग के करीब 14.75 करोड़ में से करीब 09.50 करोड़ को पहली डोज लग चुकी है। उन्होंने वैक्सीनेशन की गति बढ़ाये जाने पर जोर देते हुए कहा कि जनपदों में एक या एक से अधिक ऐसे सेन्टर बनाये जाये जहां पर प्रातः 9ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक वैक्सीनेशन का कार्य चलता रहे, जिससे कामकाजी लोगों को सहूलियत मिलेगी। ऑक्सीजन प्लान्ट की स्थापना की प्रगति में बताया गया कि 548 में से 504 प्लान्ट स्थापित एवं क्रियाशील हैंं, अवशेष प्लान्ट भी शीघ्र स्थापित व क्रियाशील कराने के निर्देश दिये गये।
गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं उनके प्रबन्धन की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश स्थलों पर सभी व्यवस्थाएं रहें तथा सड़कों पर निराश्रित पशु न दिखें। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश किसानों की फसलों का नुकसान न करें तथा सभी गोवंश आश्रय स्थलों में रहें, यह सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि यदि जिलों में अतिरिक्त आश्रय स्थलों की आवश्यकता हो तो उसका प्रस्ताव भिजवाएं, इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। स्थापित आश्रय स्थलों में पशुओं के लिए भूसा, पानी एवं इलाज आदि की समुचित व्यवस्थाएं रहें, इसे हर हाल में सुनिश्चित कराया जाये।
धान खरीद की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि सभी क्रय केन्द्र पूर्ण रूप से सुसज्जित एवं क्रियाशील हो जायें तथा धान खरीद के लिए अधिक से अधिक किसानों का पंजीकरण कराया जाये। उन्होंने कहा कि किसान अपने नजदीकी राशन दुकानदार के यहां पर भी पंजीयन कराकर टोकन प्राप्त कर सकता है। आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी, मुनाफाखोरी मिलावट आदि को रोकने के लिए उन्होंने प्रवर्तन कार्य बढ़ाने के निर्देश दिये।
ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित मजदूरों के पंजीयन की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 6.6 करोड़ असंगठित मजदूरों का पंजीयन किया जाना है। पंजीकरण 89000 कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से भी कराया जा सकता है। पूर्वांचल के जनपदों में पंजीकरण का अच्छा काम हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में भी उन्होंने पंजीयन की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन के लिए मोबाइल एप डेवलप किया गया है, जिसे शीघ्र लॉन्च किया जायेगा। मोबाइल एप से मजदूर स्वयं भी अपना पंजीकरण कर सकता है।
एनसीआर एवं कवाल टाउन में वायु प्रदूषण को रोकने के लिये किये गये उपायों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि उक्त सभी जनपदों में वार रूम स्थापित किये जायें। रोड डस्ट मैनेजमेन्ट के अन्तर्गत सप्ताह में कम से कम 02 दिन सड़कों एवं पेड़-पौधों में जल का छिड़काव कराया जाये। ट्रैफिक हॉटस्पॉट्स का चिन्हांकन कर भीड़-भाड़ को रोका जाये। 10 साल पुराने डीजल एवं 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का परिचालन सख्ती से रोका जाये। बाजारों में नो व्हीकल जोन बनायें जायें, निर्माण स्थलों की मॉनिटरिंग कराई जाये तथा इस सम्बन्ध में एनजीटी की गाइडलाइन्स का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने छात्रवृत्ति वितरण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, निर्माणाधीन परियोजनाओं की अद्यतन प्रगति, जन शिकायतों का निस्तारण तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रोजेक्ट ‘‘अलंकार’’ योजना आदि की भी समीक्षा की। बैठक में सभी सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्त, जिलाधिकारीगण व अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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