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गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने नन्हे परिंदे योजना के जरिये बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौटाई, स्ट्रीट चिल्ड्रन को शिक्षा से जोड़ा

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नोएडा, 14 नवम्बर।

नन्हे परिंदे कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर, एचसीएल फाउंडेशन व चेतना संस्था की संयुक्त रूप से एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य शिक्षा से वंचित बच्चों को एक ऐसा सुरक्षित स्थान प्रदान करना है, जहां उन्हें वैकल्पिक शिक्षा प्रदान करते हुए औपचारिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जा सके।

24 जनवरी से नन्हें परिंदे पहल के अन्तर्गत 02 मोबाईल शिक्षा वैन नोएडा क्षेत्र में ऐसे स्थानों पर पहुंच कर बच्चों को शिक्षण व पोषण प्रदान कर रहीं है, जहां बच्चे परिस्थितिवश स्कूल एवं शिक्षा से वंचित है। इस पहल को आगे बढाते हुये ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिये रविवार को बाल दिवस के अवसर पर कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने एचसीएल फाउंडेशन के साथ साझेदारी में पुलिस कमिश्नर कार्यालय सेक्टर 108 से 02 मोबाइल शिक्षा वैन का उद्घाटन किया गया है तथा वैकल्पिक शिक्षा से औपचारिक शिक्षा में प्रवेश पाने वाले बच्चों के लिये ओपन बेसिक एजुकेशन प्रमाण पत्र वितरण समारोह का भी आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ श्री नरेंद्र भूषण ने शिरकत की। पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर श्री आलोक सिंह ने अपनी पत्नी श्रीमती आकांक्षा सिंह के साथ एवं श्रीमती पुष्पांजलि देवी, अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय व निधि पुंडीर, निदेशक, एचसीएल फाउंडेशन और श्री संजय गुप्ता, निदेशक चेतना की उपस्थिति में 02 शिक्षा वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जनवरी 2021 में शुरू की गई इस पहल ने स्कूल से बाहर और परिस्थितिवश पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ दिया है। नन्हे परिंदे कार्यक्रम के तहत वितरित किए गए 16,882 पोषण पैकेटों से इन बच्चों को स्वास्थ्य में भी लाभ मिला है। नियमित रूप से आयोजित गतिविधियों के माध्यम से लगभग 750 समुदाय के सदस्यों को नन्हे परिंदे के उद्देश्यों के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाया गया है।
इस पहल के द्वारा 108 स्कूल न जाने वाले शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा व्यवस्था से जोड़ा गया है। 69 स्ट्रीट बच्चों को स्कूलों में नामांकित किया गया है जबकि 39 बच्चों को ओपन बेसिक एजुकेशन, श्रेणी में नामांकित किया गया है।
332 से अधिक बच्चों ने बाल अधिकार, सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श, नेतृत्व और योजना, निर्णय लेने और आत्म-जागरूकता जैसे नए जीवन कौशल सीखकर अपने जीवन में सुधार किया है साथ ही बच्चों को परामर्श व उचित मार्गदर्शन की मदद से नियमित स्वास्थ्य जांच, आत्मरक्षा प्रशिक्षण के साथ-साथ समाज व पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

ये मोबाइल शिक्षा वैन आधुनिक सुविधाओं जैसे एलसीडी स्क्रीन, साउंड सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे और सैनिटाइजेशन सुविधाओं से लैस हैं। प्रत्येक वैन पूर्व निर्धारित स्थानों पर स्थानीय पुलिस थानों के सहयोग से प्रतिदिन नियमित रूप से 50 से 60 बच्चों तक पहुंचेगी।

एचसीएल फाउंडेशन का एनजीओ पार्टनर, चेतना संस्था, 2002 से शिक्षा के माध्यम से सड़क से जुड़े बच्चों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है और इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन भागीदार है।

हम हाशिए के बच्चों के कल्याण के लिए आगे बढ़ने के लिए एचसीएल फाउंडेशन, गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट और चेतना एनजीओ को बधाई देते हैं। नन्हे परिंदे पहल के माध्यम से शिक्षा प्रणाली से बाहर हो चुके बच्चों के लिए समर्थन जुटाने के लिए सभी सहयोगी सस्थाऐं प्रशंसा की पात्र हैं। हमें लगता है कि अधिक बच्चों को इसके दायरे में लाकर इस कार्यक्रम का अन्य स्थानों पर भी विस्तार किया जाना चाहिए।

नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट, एचसीएल फाउंडेशन और चेतना एनजीओ की सहयोगात्मक पहल के परिणामस्वरूप वंचित और सड़क से जुड़े बच्चों के लिए एक आत्मविश्वास और अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। यह प्रयास बच्चों को गलत दिशा में भटकने से बचाने और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने एवं राष्ट्र निर्माण के एजेंडे में योगदान करने के लिए और अधिक सशक्त बनाता है। ये बच्चे और युवा हमारे देश का भविष्य हैं और हमें एक साथ मिलकर उनकी छिपी प्रतिभा को कम उम्र से ही पोषित करने और समर्थन देने की जरूरत है ताकि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद मिल सके।

-आलोक सिंह, पुलिस कमिश्नर ,गौतमबुद्धनगर

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नन्हे परिंदे पहल हमारे शहरी प्रमुख कार्यक्रम- एचसीएल उदय के तहत जनवरी, 2021 में शुरू की गई थी। उनकी परिस्थितियों और महामारी के कारण अनुपातहीन रूप से प्रभावित। पहले चरण में कार्यक्रमों की सफलता ने हमें दो नई मोबाइल शिक्षा और सुरक्षा वैन जोड़कर इस पहल का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया। अधूरे समुदायों के अधिक बच्चों को देखते हुए, उन्हें अत्यधिक सम्मान के साथ मुख्यधारा का हिस्सा बनने में मदद करना।

-निधि पुंडीर, निदेशक एचसीएल फाउंडेशन

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हमने इन शिक्षा वैन को सड़क से जुड़े बच्चों की सभी प्रमुख जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया है। ये वैन कोविड रोकथाम प्रोटोकॉल, सुरक्षा कैमरे, बैठने की व्यवस्था, पोषण, स्टेशनरी से लैस हैं।

-संजय गुप्ता, निदेशक चेतना एनजीओ

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