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जानिए क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस ?

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नई दिल्ली, 26 नवम्बर।

भारत में हर साल 26 नवंबर को सविंधान दिवस मनाया जाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान के निर्माता कहा जाता है। संविधान प्रत्येक नागिरक के लिए नियम और कानून तय करता है और उन्हें हर परिस्थिति में इसका पालन करना चाहिए।

26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है?
डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष रहें। डॉ. भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष 26 नवंबर 2015 को पहली बार भारत सरकार द्वारा संविधान दिवस सम्पूर्ण भारत में मनाया गया, तब से 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस मनाया जाता है। इससे पहले इसे राष्ट्रीय कानून के रूप में मनाया जाता रहा है। 26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने और डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करने के लिए चुना गया था।

भारतीय संविधान के बारें में कुछ ख़ास बातें :-
1. संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखी गई।
2. हमारा संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान को बनाने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों का लंबा वक्त लगा था, और उसे लिखने में 6 महीने लगे थे।

3. संविधान सभा में कुल 12 अधिवेशन किए तथा अंतिम दिन 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए और संविधान बनने के दौरान 166 दिन बैठक की गई। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतंत्रता थी। 29 अगस्त 1947 में संविधान सभा में बड़ा फैसला हुआ और डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बनी ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन हुआ। इसके बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान को स्वीकार किया गया और बाद में 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।

4. भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान अधिकारिक तौर पर लागू किया गया था। भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू करने की वज़ह यह रही कि 26 जनवरी 1929 को लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें पहली बार भारत को पूर्ण गणराज्य बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया था। तब ब्रितानी हुकूमत ने कांग्रेस के इस प्रास्ताव को ठुकरा दिया था। इसी वज़ह से आजादी पाने के बाद संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन चुना गया।

5. भारतीय संविधान के हर पेज को चित्रों से आचार्य नंदलाल बोस ने सजाया था। इसके अलावा प्रस्तावना पेज को राममनोहर सिन्हा ने तैयार किया था। संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। इसको हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखा गया था। इसे लिखने में 6 महीने लगे थे। संविधान को लिखने के लिए रायजादा ने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया था, किंतु हर पेज पर नाम लिखने की शर्त रखी थी। संविधान की मूल प्रति भारत की संसद की लाइब्रेरी में रखी है। संविधान की मूल प्रति गैस चेम्बर (हीलियम से भरे केस) में सुरक्षित रखी है।

6. 15 अगस्त 1947 को भारत के आज़ाद होने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई। भारतीय संविधान की रचना के लिए भारत की संविधान सभा की रचना की गई। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया था। जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि, इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें।
मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें

7. संविधान की हस्तलिखित मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें हैं। फंडामेंटल राइट के तृतीय भाग में राम, सीता और लक्षमण की तस्वीर है। अर्जुन को उपदेश देते भगवान श्रीकृष्ण की भी तस्वीर है। महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, टीपू सुल्तान, लक्ष्मीबाई की भी तस्वीर है। फंडामेन्टल राइट तृतीय भाग राम-लक्ष्मण, सीता जी की तस्वीर से शुरू होता है। भारतीय संविधान की मूल प्रति में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के भी हस्ताक्षर मौजूद हैं।

8. भारतीय संविधान में वतर्मान में 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ और 22 भागों में विभाजित है। लेकिन इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे, इसमें केवल 8 अनुसूचियाँ थी।

9. भारत के संविधान में विश्व के कई देशों से अलग-अलग और सर्वश्रेष्ठ कानूनी प्रावधान, नियम, व्यवस्थाएं और अधिकार शामिल किए गए हैं। इन देशों में संयुक्त राज्य अमेरिक, ब्रिटेन, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सोवियत संघ, जापान और फ्रांस आदि शामिल हैं।

10. संविधान की मूल प्रति गैस चेम्बर में क्यों रखी गयी है?
भारतीय संविधान को काली स्याही से लिखा गया है। स्याही आसानी से उड़ जाती है, यानी ऑक्सीडाइज हो जाती है। इसे बचाने के लिए ह्युमिडिटी 50 ग्राम प्रति घन मीटर के आसपास रखने की जरूरत थी, इसलिए भारतीय संविधान के लिए एयरटाइट चेंबर बनाया गया। जिसे कड़ी निगरानी में रखा गया है। गैस चेंबर में ह्युमिडिटी बनाए रखने के लिए मॉनिटर लगाए गए हैं। हर साल चेंबर की गैस खाली की जाती है। इस चेम्बर की हर 2 महीने में चेकिंग भी की जाती है। CCTV से इस पर लगातार निगरानी रहती है।

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