नोएडा खबर

खबर सच के साथ

तीन दिवसीय नोएडा नाट्य महोत्सव के अंतिम दिन डाकघर और टू द गाँधी जी विद स्पेलिंग मिस्टेक का मंचन

1 min read

नोएडा,  28 नवम्बर।

नौएडा प्राधिकरण द्वारा आयोजित “नौएडा नाट्य महोत्सव-2021” का आज तीसरा एवं अन्तिम दिन था। सर्वविदित है कि नौएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीमती रितु माहेश्वरी के मार्गदर्शन में नौएडा प्राधिकरण द्वारा इन्दिरा गांधी कला केन्द्र, सैक्टर-6 में दिनांक 26 से 28नबम्बर को सायं 6.00 बजे से “नौएडा नाट्य महोत्सव का आयोजन कराया गया। नौएडा नाट्य महोत्सव के अन्तिम दिन भी समारोह में विभिन्न अति विशिष्ट एवं विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

नौएडा नाट्य महोत्सव के तीसरे व अन्तिम दिन दो नाटकों का मंचन किया गया गया, जिसमें से एक महान साहित्यकार गुरुदेव श्री रबिन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित बांग्ला नाटक “डाकघर” का मंचन किया गया। “डाकघर” के लेखक रबीन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के नोबल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूंकने वाले युगदृष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति हैं। वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं भारत का राष्ट्र-गान “जन गण मन” और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान “आमार सोनार बांङ्ला” गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं। “डाकघर: 1912 में लिखा गया एक बांग्ला नाटक है, जो कि एक असाध्य बीमारी से ग्रसित बच्चे अमल के जीवन पर आधारित है। इस नाटक का निर्देशन श्री सुधीर राणा द्वारा किया गया है। नाटक के प्रस्तुतकर्ता प्रथम पथ थियेटर हैं। श्री सुधीर राणा मशहूर नाटक निर्देशक हैं, जिनके द्वारा विभिन्न प्रसिद्ध नाटकों- राधे-राधे हम सब आधे, किस्सा छपरी पलंग का, बाकी इतिहास आदि नाटकों का निर्देशन किया गया है।

इसके अतिरिक्त जो दूसरा नाटक का मंचन किया गया, वह प्रसिद्ध लेखक श्री ख्वाजा अहमद अब्बास द्वारा लिखित नाटक टू गाँधी जी विद स्पेलिंग मिस्टेक था। नाटक 14 से 18 अश्रुपूर्ण उम्र के पांच बच्चों पर आधारित है, जो 1948 में गांधी जी की मृत्यु के बाद उन्हें एक पत्र लिखते हैं। वे मानते हैं कि गांधी जी की मृत्यु हो गई क्योंकि उन्होंने हिंसक दिखने वाले खेल खेलना बंद करने की उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया। पत्र टूटी-फूटी अंग्रेजी में लिखा गया है। उन दिनों भाई एक्सपेरिमेंट्स विद टूथ की लोकप्रियता को देखते हुए, बच्चे सोचते हैं कि गांधी जी अंग्रेजी से सबसे ज्यादा परिचित थे। लेकिन, बच्चे भाषा से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं। नतीजतन, पत्र में वर्तनी और व्याकरण संबंधी बहुत सारी त्रुटियां हैं। इन गलतियों का सुधार आगे की गलतियों का कारण बनता है, पूरे नाटक में अजीब और विनोदी स्थितियां पैदा करता है।

श्री ख्वाजा अहमद अब्बास प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और उर्दू लेखक

थे। उन्होंने ‘अलीगढ़ ओपिनियन शुरू किया। इनका स्तंभ ‘द लास्ट पेज सबसे लंबा चलने वाले स्तंभों में गिना जाता है। यह 1941 से 1986 तक चला। श्री अब्बास इप्टा के

संस्थापक सदस्य थे।

इस निर्देशक डा० एम. सईद आलम कृत नाटक “गालिब इन न्यू डेल्ही” प्रस्तुति का मंचन किया गया, जिसके प्रस्तुतकर्ता प्येरोज द्रूप हैं। डॉ० एम. सईद आलम 1994 से लेखक, निर्देशक एवं अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिन्होंने लगभग 40 नाटकों के 1,500 से अधिक शो में प्रदर्शन किया है। डॉ० एम. सईद आलम को विशेष रूप से हिन्दी और उर्दू थिएटर में कई नाटक देने के लिए जाना जाता है, जिनके नाटकों का भारत और विदेशों में व्यापक रूप से प्रदर्शन किया गया है।

इस नाट्य समारोह का आयोजन नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर द्वारा किया जा रहा है। नौएडा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के नाट्य समारोह का आयोजन अत्यावश्यक है, जिसके दृष्टिगत नौएडा में प्रथम बार इस प्रकार के नाट्य समारोह का आयोजन किया गया है, जिसके कारण लोगों में भारी उत्साह देखा गया। भविष्य में भी इस प्रकार के नाट्य समारोह नौएडा प्राधिकरण द्वारा कराये जाते रहेंगे, जिससे नौएडावासी भी नाट्य मंचन का आनन्द ले सकें।

प्रथम बार आयोजन के दृष्टिगत समारोह में प्रवेश आमंत्रण के आधार पर किया गया। तदोपरान्त आमंत्रित आगन्तुकों के पश्चात अधिकतम 50 दर्शकों का प्रवेश पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया गया था।

 14,417 total views,  2 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.