नोएडा में अपार्टमेंट फ्लैटस की लीज डीड अब कारपेट एरिया के आधार पर, नोएडा प्राधिकरण ने जारी किया आफिस आर्डर
2 min readनोएडा, 1 दिसम्बर।
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर नोएडा शहर में अब अपार्टमेंट फ्लैटों की रजिस्ट्री करते समय सुपर एरिया के स्थान पर कारपेट एरिया और कॉमन एरिया की जानकारी बिल्डर को देनी होगी इस संबंध में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नेहा शर्मा की तरफ से कार्यालय आदेश जारी किया गया है इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भविष्य में फ्लैटों की रजिस्ट्री कारपेट एरिया को कैलकुलेट करते हुए की जाएगी अभी तक बिल्डर सुपर एरिया के आधार पर रजिस्ट्री करा रहे थे । यही नही यह भी स्पष्ट किया गया है कि जहां कारपेट एरिया का उल्लेख नही होगा वहां कवर्ड एरिया को ही कारपेट एरिया माना जायेगा। इससे आम आवंटी को फायदा होगा और स्टांप फीस भी कम लगेगा अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नेहा शर्मा ने 29 नवम्बर को जो कार्यालय आदेश जारी किया है क्या है यह फैसला आप पढ़िए ?
कृपया मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया को सम्बोधित अपर जिलाधिकारी (वि० / रा०). गौतमबुद्धनगर के पत्र संख्या – 807 / स्टाम्प लिपिक / 2020 दिनांक 22.12.2020 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसमें श्री जोगेन्द्र सिंह, अध्यक्ष, ए.जेड.डब्लू.ए. आम्रपाली जोडियाक, सैक्टर-120, नौएडा के प्रत्यावेदन का उल्लेख किया गया है। श्री जोगेन्द्र सिंह का प्रत्यावेदन मुख्यतः रजिस्ट्री को सुपर एरिया के स्थान पर कवर्ड एरिया में कराये जाने के संबंध में है।
इस संबंध में अवगत कराना है कि रेरा अधिनियम 2016 की धारा 84 की उपधारा-2 के खण्ड-ज और धारा-13 की उपधारा-2 के साथ पठित उक्त धारा-84 की उपधारा-1 द्वारा आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग-3 द्वारा भू-सम्पदा विनियमन और विकास) (विक्रय / पट्टा के लिए करार) नियमावली 2018 अधिसूचना संख्या- 1740 / 8-3-18-65 विविध / 16 दिनांक 17.10.2018 को प्रख्यापित की गयी है।
इस नियमावली में प्रोमोटर तथा आवंटी के मध्य सम्पादित होने वाले एग्रीमेन्ट फोर सेल / लीज डीड का प्रारूप निर्धारित किया गया है। इस प्रारूप के शर्त संख्या-12 में उल्लेख है कि अपार्टमेन्ट का कुल मूल्य कारपेट एरिया के आधार पर निर्धारित किया जायेगा। शर्त संख्या 1.7 में यह भी उल्लेख है कि प्रोमोटर द्वारा भवन का निर्माण पूर्ण करने एवं कम्पलीशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के उपरान्त अन्तिम कारपेट एरिया भी आवंटी को कन्फर्म किया जायेगा।
अतः उक्त से स्पष्ट है कि प्रोमोटर को अपार्टमेन्ट का विक्रय कारपेट एरिया के आधार पर किया जाना है।
यहाँ यह भी अवगत कराना है कि विभिन्न परियोजना के विक्रेता द्वारा अपने ब्रोशर में सुपर एरिया का उल्लेख करते हुए फ्लैटों का विक्रय किया जाता रहा है, तदानुसार उसी आधार पर उपपट्टा प्रलेख के निष्पादन की कार्यवाही की जा रही थी। साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि भवन नियमावली 2010 (यथा संशोधित) एवं उत्तर प्रदेश अपार्टमेन्ट एक्ट-2010 व उत्तर प्रदेश रेरा 2016 में सुपर एरिया का कोई उल्लेख नहीं है। प्राधिकरण सुपर एरिया को सत्यापित भी नहीं करता है।
यह भी अवगत कराना है कि उ.प्र. रेरा एक्ट 2016 में कारपेट एरिया को परिभाषित किया गया है, जो कि निम्नवत् है:
Sec 2(k) defines – “carpet area” means the net usable floor area of an apartment, excluding the area covered by the external walls, areas under services shafts, exclusive balcony or verandah area and exclusive open terrace area, but includes the area covered by the internal partition walls of the apartment.
Explanation – For the purpose of this clause, the expression “exclusive balcony or verandah area” means the area of the balcony or verandah, as the case may be, which is appurtenant to the net usable floor area of an apartment, meant for the exclusive use of the allottee; and “exclusive open terrace area” means the area of open terrace which is appurtenant to the net usable floor area of an apartment, meant for the exclusive use of the allottee;
Section 4.2(h): Promoter of the Real estate project to disclose the number, type and the carpet area of apartments for sale in the project along with the area of the exclusive balcony or verandah areas and the exclusive open terrace areas apartment with the apartment in accordance with Sec 4(2)(h) of the Act, makes it that much more transparent for a home buyer while purchasing an apartment.
उपरोक्त के अतिरिक्त यह भी अवगत कराना है कि दिनांक 18.05.2021 को हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी, गुरुग्राम द्वारा जारी रेगुलेशन 2021 (प्रतिलिपि संलग्न) में कारपेट एरिया को परिभाषित किया गया है तथा बिन्दु संख्या – 3 (ii) में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि “The definition of carpet area has now been made transparent and leaves no scope for any ambiguity categoricaly specifying the proerty on carpet area basis.” साथ ही बिन्दु संख्या-04 में यह उल्लेख किया गया है कि कारपेट एरिया की सूचना प्रोमोटर द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। रेगुलेशन के बिन्दु संख्या – 5 (ii) में निम्नवत् उल्लेख है:
“No conveyance deed of a real estate unit shall be registered except on the basis of carpet area. In cases where the real estate unit was allotted to the allottee prior to the Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 coming into force, the promoter shall at the time of registration of the conveyance make disclosure of all the components constituting the super area, however the conveyance deed shall be registered only on carpet area basis.”
अतः हरियाणा रेरा द्वारा जारी किये गये नोटिफिकेशन एवं रेरा के अंतर्गत उ०प्र० आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा बनायी गयी नियमावली को दृष्टिगत रखते हुए जनहित में जिन परियोजनाओं में विकासकर्ताओं द्वारा Third party right create किये गये है, उन सभी परियोजना में निर्मित विभिन्न उपयोग की सम्पत्ति (फ्लैट्स) का विक्रय कारपेट एरिया के आधार पर किया जाना आवश्यक होगा, जिससे क्रेता-विक्रेता के मध्य कोई संशय उत्पन्न न हो। जिन विलेखों में कारपेट एरिया का उल्लेख नही होता है, उनका मूल्यांकन किये जाने हेतु कवर्ड एरिया (एफ.ए.आर.) को ही कारपेट एरिया मानकर मूल्यांकन किया जाना उचित होगा।
अतः समस्त विरोधाभाष की स्थिति समाप्त करते हुए रेरा में उल्लेखित प्राविधानों के अनुरूप रजिस्टर्ड डीड के लिये सुपर एरिया के स्थान पर कारपेट एरिया को आधार माने जाने के आदेश मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया द्वारा दिनांक 01.11.2021 को प्रदान किये गये है। तदानुसार
आपसे अनुरोध है कि भविष्य में अपार्टमेन्ट की लीज डीड कारपेट एरिया के आधार पर किये जाने हेतु अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।
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