प्रोग्रेसिव कम्युनिटी फाउंडेशन ने उठाया रजिस्ट्री के समय का मुद्दा, विधायक पंकज सिंह के जरिये योगी को भेजी चिट्ठी
1 min readनोएडा, 3 दिसम्बर।
नोएडा में विभिन्न बिल्डर्स द्वारा बनाई गई फ्लैट्स आदि संपत्तियों की रुकी हुई रजिस्ट्री को उनके मूल वास्तविक अलॉटमेंट रेट पर कराने की मांग से जुड़ा एक ज्ञापन प्रोग्रेसिव कमेटी फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है। इससे लेकर एक ज्ञापन नोएडा विधायक पंकज सिंह को दिया गया है यह ज्ञापन एसके जैन ने दिया है।
फाउंडेशन के सदस्य एसके जैन ने बताया की नोएडा में विभिन्न क्षेत्रों में बिल्डर द्वारा निर्मित फ्लैट्स की रजिस्ट्री (पंजीकरण) स्टांप विभाग द्वारा बिल्डर की विभिन्न कमियों के कारण रुकी पड़ी है। बहुत सारे बिल्डर्स द्वारा निर्मित इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री या तो बिल्डर द्वारा नोएडा प्राधिकरण के नियमों की अवहेलना एवं समय पर प्लॉट की देय किस्तों को पेमेंट ना करना या समय पर ओ सी यानि कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं ले पाने की वजह से खरीदार अर्थात आवंटी यानी इन फ्लैट्स में रहने वाले अथवा इन फ्लैट्स को खरीदने वाले लोगों को बेवजह ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण ये आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को जानकारी दी है कि इन फ्लैट्स के खरीदार जो कि नोएडा के निवासी है और काफी सालों से इन फ्लैट्स में रह रहे हैं, किंतु उनको इन फ्लैट्स का मालिकाना हक स्टाम्प विभाग के साथ रजिस्ट्री होने पर ही प्राप्त होगा । जो कि नहीं हो पा रहा है। यह मामला काफी सालों से लंबित है और बहुत सारे खरीदार ऐसे भी हैं जिन्होंने समय पर अपने संपत्ति के लगने वाले स्टांप विभाग में जमा किए हुए हैं। फिर भी उन्हें रजिस्ट्री नहीं कराने की दी जा रही है क्योंकि यह मामला हजारों आवंटी जोकि इन फ्लैट्स में ज्यादातर रहते हैं उनका है, खरीदारों का है और आगामी चुनावों में इन खरीदारों की वोट एक सामूहिक निर्णय का स्वरूप बन सकती है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस विषय पर अपना संज्ञान लेते हुए , नोएडा प्राधिकरण एवं खरीदारों के बीच बिल्डर द्वारा अलॉट किए गए फ्लैट जब से यह अलॉट किए गए तब की वास्तविक कीमत के आधार पर इनका पंजीकरण करवाना सुनिश्चित कराएं। इसमें खरीदार का कोई भी दोष नहीं है । यह सारा दोष बिल्डर और प्राधिकरण के बीच का है। अतः खरीदार के ऊपर इस तरह का सर्किल रेट आदि बढ़ने के कारण जो रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टाम्प की कीमत भी समय के साथ ज्यादा बढ़ती जा रही है। उसका खामियाजा खरीदार के ऊपर डालना ठीक नहीं है। इस संबंध में यदि सही से जांच हो तो यह सामने आ जाएगा कि इसमें सारी गलती या तो बिल्डर्स की है । अथवा प्राधिकरण की। खरीदार ने तो केवल बिल्डर से फ्लैट खरीदा है। और उसकी रजिस्ट्री कराने के लिए वह बार-बार बिल्डर एवं प्राधिकरण के चक्कर लगा रहा है। आज भी हजारों फ्लैट ऐसे हैं जिनकी रजिस्ट्री की परमिशन नहीं दी जा रही है । इस वजह से खरीदारों को अपनी संपत्ति का मालिकाना हक हक नहीं मिल पा रहा है। एवं ना ही वह इस संपत्ति को आगे किसी को बेचने के लायक है। जिस वजह से आर्थिक तंगी के समय इस संपत्ति का किसी भी तरह से ना तो बेचा जा पा रहा है । और ना ही इस पर कोई लोन आदि लिया जा सकता है । यह एक अजीब ही स्थिति है। जिसमें आज सर्किल रेट बढ़कर कई गुने हो चुके हैं। जिस वजह से मूल आवंटी को बेवजह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आपसे यह अनुरोध है कि इस मामले का संज्ञान लेकर आवंटी को उसके मूल आवंटन के समय जो संपत्ति के भुगतान किए गए उन्हीं पर यह पंजीकरण होना चाहिए ।
14,199 total views, 2 views today