प्रेरणा विमर्श 2021 के दूसरे दिन लेखक व पत्रकार विमर्श कार्यशाला आयोजित
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नोएडा, 25 दिसम्बर।
प्रेरणा शोध संस्थान न्यास के तत्वावधान में शनिवार को तीन दिवसीय प्रेरणा विमर्श-2021 भारतोदय: आजादी का अमृत महोत्सव के द्वितीय दिन चर्चा परिचर्चा का कार्यक्रम आगे बढ़ा।
प्रथम सत्र में संघ परिचय विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में श्री नरेंद्र भदौरिया जी ने संघ और समाज विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने समाज में स्वयंसेवकों की भूमिका पर प्रकाश डाला और संघ कार्य पद्धति के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि संघ प्रत्यक्ष रूप से कुछ नहीं करता है ऐसा कुछ भी नहीं है जो संघ न करता हो। उन्होंने कहा कि आज समाज की समस्या यह है कि हम जानते बहुत कुछ है पर जानना कुछ नहीं चाहते है। उन्होंने कहा कि समाज में जब -जब राष्ट्रीय एकता का भाव कमजोर होगा तब -तब समाज टूटेगा। समाज सशक्त हो इस लिए डॉ साहब ने संघ की स्थापना की। क्योंकि अगर जन सबल समाज होगा तो सबकुछ सही होगा।
भदौरिया जी ने कहा कि संघ का काम व्यक्ति निर्माण का है। हमारा देश भारत एक राष्ट्र ही नहीं है यह मंदिर है। हमारी संस्कृति देवत्त्व की संस्कृति है। हमें अपने अंदर जानने की कला को विकसित करना चाहिए।
वहीं श्री श्याम किशोर जी ने अपने उद्बोधन में पत्रकार स्वंय सेवक और संघ परिचय विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
द्वितीय सत्र में वर्तमान परिपेक्ष्य में स्वयंसेवक पत्रकारों की भूमिका विषय में चर्चा हुई।
सत्र के अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ अखिलेश मिश्र जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्वयंसेवकों की भूमिका विषय पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि सूचना के अंतर जाल से हमें कैसे निपटना है यह आज के समय में पत्रकारों की यह अहम चुनौती है। अगर हमें अच्छी सूचना या विचारों का आदान करना है तो हमें अध्ययन शील होना पड़ेगा। अच्छी खबरों को बाहर लाना ही स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी है।
सत्र के मुख्य वक्ता श्री शंकर सिंह जी ने कहा कि स्वयंसेवक शब्द जुड़ने से पत्रकारिता के क्षेत्र में हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हमें जहां एक ओर पत्रकारिता का कर्त्तव्य भी निभाना है वहीं स्वयंसेवक की जिम्मेदारी भी।
उन्होंने कहा कि हमारी (संघ) विचारधारा जोड़ने की है, हमने तोड़ने में विश्वास नहीं किया। जिन्होंने तोड़ने का काम किया वह समय के साथ स्वयं टूटते चले गए।
इसे हम ऐसे भी समझ सकते है की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और संघ की स्थापना एक ही सन 1925 को हुई। हमने जोड़ने का काम किया और हम विश्व के सबसे बड़े संगठन के रूप में आज खड़े हो गए। जिन्होंने जोड़ने पर जोर दिया वह टूटते और सिमटते चले गए।
श्री शंकर सिंह जी ने कहा कि संघ कुछ नहीं करता न ही करेगा, लेकिन स्वयंसेवक सब कुछ करेंगे। क्योंकि संघ का मात्र एक काम शाखा के माध्यम से व्यक्ति निर्माण करना है। हम अपना काम पूर्ण जिम्मेदारी व ईमानदारी से करें क्योंकि स्वयंसेवक का यहीं कर्तव्य है।
कार्यक्रम के तृतीय प्रशन उत्तर सत्र में वरिष्ठ पत्रकार श्री अशोक श्रीवास्तव ने आज के समय में पत्रकारों की चुनौतियों पर बात की। उन्होंने कहा कि आज के समय प्रमुख चुनौती सही खबर दिखाने की है। जब तक हम सही खबर तक पहुंचते है तबतक झूठी खबर अपना काम कर चुकी होती है। सही समय में सही खबर तक पहुंचना आज के समय में अहम चुनौती बनी हुई है।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार श्री विष्णु कान्त त्रिपाठी जी ने पत्रकारिता की बारीकियों के बारे में बात की उन्होंने कहा आज के समय हमें छुपाने की आवश्यकता नहीं है की हम स्वयंसेवक पत्रकार है। अब समय बदल गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रेरणा शोध संस्थान न्यास के तत्वावधान में शुक्रवार से तीन दिवसीय प्रेरणा विमर्श-2021 भारतोदय: आजादी का अमृत महोत्सव का शुभारम्भ किया था।
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