नोएडा में 122 दिन से चल रहा किसान आंदोलन को सांसद डॉ महेश शर्मा और विधायक पंकज सिंह ने समाप्त कराया, अधिकतर मांगें प्राधिकरण ने मानी
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नोएडा, 31 दिसम्बर।
नोएडा प्राधिकरण के सामने 122 दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन शुक्रवार को समाप्त हो गया। गौतमबुद्धनगर के सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा और नोएडा के विधायक पंकज सिंह भारतीय किसान परिषद के बैनर तले चल रहे आंदोलन में पहुंचे और उन्होंने किसानों को उनकी मांगों से संबंध में आश्वस्त किया कि उनकी हर मांग पर विचार किया जा रहा है किसानों के बीच नोएडा विधायक पंकज सिंह ने भी अपनी बात रखी। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की तरफ से एक ड्राफ्ट तैयार किया गया उसमें 15 मांगों के बारे में स्थिति साफ की गई क्या है यह मांगे क्या है इनके समाधान पढ़िए। आंदोलन समाप्त कराने के लिए सांसद डॉ महेश शर्मा और नोएडा विधायक पंकज सिंह ने जूस पिलाया। नोएडा प्राधिकरण ने यह ड्राफ्ट जारी किया।
भारतीय किसान परिषद, नौएडा, गौतमबुद्धनगर संगठन के धरना प्रदर्शन को समाप्त करने के उद्देश्य से दिनाँक 29.12.2021 को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, पुलिस अधिकारियों एवं भारतीय किसान परिषद, नौएडा, गौतमबुद्धनगर संगठन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता हुई। उक्त धरना विगत कुछ माह से प्रचलित है, जिससे जनसामान्य को असुविधा हो रही है। अतः भारतीय किसान परिषद द्वारा प्रश्नगत धरना प्रदर्शन को समाप्त किये जाने की दशा में प्राधिकरण स्तर से निम्नलिखित बिन्दुओं पर कार्यवाही प्रस्तावित है.
1.कृषकों को अतिरिक्त 5% आबादी भूखण्ड/ समतुल्य धनराशि दिए जाने के संबंध में मा० उच्च न्यायालय में गजराज वाद में पारित आदेश दिनांक 21.10.2011 के क्रम में संगठन से यह सहमति बनी कि – –
A. किसानों द्वारा बताया गया कि वर्ष-2015 में तीनों प्राधिकरणों की ओर से एक अपील समाचार पत्रों में निकाली गई थी, जिसके क्रम में कुछ किसानों द्वारा मा० उच्च न्यायालय/उच्चतम न्यायालय से अपने बाद वापस ले लिये गये थे। ऐसी स्थिति में किसानों के साक्ष्य सहित प्रत्यावेदन प्राप्त होने पर उनका सत्यापन प्राधिकरण स्तर पर कराया जायेगा। सत्यापन में सही पाये जाने पर ऐसे प्रकरणों को शासन को संदर्भित किया जायेगा।
B. अन्य किसानों को अतिरिक्त 5% का लाभ प्रदान किये जाने का प्रकरण शासन को पुन संदर्भित कर दिया जाएगा।
2. किसानों की माँग है कि नोएडा के ग्रामीण क्षेत्रों में पेरफेरी के अन्दर अधिग्रहीत आबादी में रहने वाले पुश्तैनी/ गैरपुश्तैनी आदि व्यक्तियों के विनियमन हेतु कब्जा/दस्तावेज के आधार पर कार्यवाही की जाए। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू “स्वामित्व योजना” की तर्ज पर प्राधिकरण द्वारा परीक्षण किया जायेगा तथा परीक्षण के क्रम में यथाअपेक्षित नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी ।
3. आवासीय भूखण्ड में रक्त संबंधों में हस्तांतरण होने की स्थिति में उत्तराधिकार के संबंध में ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण के नियमों की तर्ज पर परीक्षण कर कार्यवाही की जायेगी।
4. आबादी विनियमावली, 2011 में विनियमितीकरण की 450 प्रति वर्ग मीटर की सीमा को 1000 प्रति वर्ग मीटर करने हेतु आबादी विनियमावली में संशोधन करने के लिए प्रस्ताव अगली बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा।
5. आबादी विनियमावली, 2011 में आबादी विनियमितीकरण हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों के निस्तारण आवेदन प्राप्ति के 15 दिन के भीतर कर दिया जायेगा तथा आबादी विनियमावली, 2011 के उपबन्ध 5 (क) (ख) (ग) के सरलीकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
6. आबादी का विनियमन व्यक्ति के रहन-सहन, अनुषांगिक उपयोग तथा अन्य संबंधी उपयोग के आधार पर किया जायेगा। व्यवसायिक गतिविधि के आधार पर विनियमन को बेवजह रोका नहीं जायेगा।
7. भूमि उपलब्धता न होने के कारण पात्र कृषकों के 5 प्रतिशत आबादी भूखण्ड भूलेख विभाग में नहीं रोके जायेगें।
8. किसानों की माँग है कि जनपद-गौतमबुद्धनगर के मूल निवासियों की अधिसूचित क्षेत्र में अधिग्रहीत/ क्रय की गयी भूमि के संबंध में व्यक्तियों को नौएडा के मूल कृषक के लाभ दिये जाने के संबंध में कार्यवाही की जाए। प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि परीक्षण कर नियमानुसार यथोचित कार्यवाही की जाएगी।
9. किसानों द्वारा यह माँग की जा रही है कि उनके भवनों की ऊँचाई को बढायें जाने की अनुमति दी जाये. क्योंकि आस-पास के क्षेत्रों का विकास होने के कारण उनके गाँव Low-Lying Area आ गये है। भवन विनियमावली के अनुसार आवासीय भूखण्डों की अधिकतम ऊँचाई 15.00 मीटर अनुमन्य है। पैरापिट वॉल एवं ममटी की ऊँचाई को प्राधिकरण 15.00 मीटर में सम्मिलित नहीं करे। वर्तमान प्रचलित भवन विनियमावली के अनुसार भवन की | ऊँचाई का मापदण्ड भूखण्ड के सामने स्थित सड़क के लेवल से लिया जाता है सड़क की ऊँचाई बढ़ने से भवन की ऊँचाई कम हो जाती है। अतः ग्रामीण आबादी में भवन की ऊँचाई का भापदण्ड भवन के प्लिन्ध लेवल से लिये जाने पर विचार किया जायेगा।
10. किसानों द्वारा 5% भूखण्डों के आवंटन/नियोजित करने की माँग की गयी है। किसानों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि नियोजन विभाग द्वारा 5% विकसित भूखण्डों का नियोजन न होने एवं इस हेतु निर्धारित कोटा न होने के कारण किसानों को 5% के भूखण्ड नहीं मिल पा रहे हैं। इस क्रम में स्पष्ट किया जाता है। कि नियोजन विभाग द्वारा भूमि उपलब्धता के क्रम में विभिन्न चक / क्लस्टर नियोजित कर 5% भूखण्ड का आवंटन करने का प्रयास किया जायेगा ताकि माँग के सापेक्ष 5% भूखण्ड किसानों को दिये जा सके। साथ ही नियोजन विभाग में 5% भूखण्ड हेतु प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध (अधिकतम 6 माह में) निस्तारण किया जायेगा।
11. मूल आबादी/विनियमितीकरण से आच्छादित आबादी पर विकास कार्य/अनुरक्षण कार्य सुचारू रूप से कराया जाएगा।
12. किसानों की माँग है कि पूर्व की भाँति 5% आवंटित भूखण्ड में रियायती दर पर व्यवसायिक गतिविधियाँ चलाने की अनुमति दी जाये। किसानों के 57% विकसित आबादी भूखण्डों के व्यवसायिक उपयोग अनुरोध विषयक प्रकरण में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एन.) की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा यथाशीघ्र बैठक आयोजित की जायेगी तथा समिति द्वारा परीक्षणोपरांत प्रस्ताव प्रस्तुत किया जायेगा। बोर्ड में किसानों के 5% भूखण्ड में व्यावसायिक गतिविधियों संबंधी मांग व तत्सम्बंधी अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जायेगा।
13. किसानों द्वारा अवगत कराया गया कि कतिपय खेल गतिविधियाँ जैसे कि एथलेटिक्स, भाला फेंक, गोला फेंक, तलवारबाजी आदि नौएडा के स्टेडियन में नहीं है। अतः इस कमी को दूर करने हेतु अन्तरराष्ट्रीय स्तर का मल्टी स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स बनाया जाए। अवगत कराना है कि मा० विधायक, नौएडा द्वारा पूर्व में इस हेतु कार्यवाही करने की अपेक्षा की गई थी। इस संबंध में नौएडा प्राधिकरण द्वारा आश्वस्त किया जाता है कि भूमि उपलब्धता आदि का परीक्षण कर प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार यथाशीघ्र कार्यवाही की जायेगी।
14. किसानों द्वारा माँग की गई कि नौएडा में खेलकूद के प्रति युवाओं का विशेष रूझान देखते हुए खेल बजट की व्यवस्था की जाए। इस माँग के क्रम में अवगत कराना है कि नौएडा में ग्रामीण विकास का न्यूनतम 20% खेलकूद गतिविधियों के विकास हेतु पूर्व में ही आरक्षित किये जाने संबंधी निर्देश दिये जा चुके हैं। इस राशि में 50% हिस्सा केवल महिलाओं एवं दिव्यांगों के खेल गतिविधियों हेतु निर्धारित किया गया है। नौएडा प्राधिकरण द्वारा आश्वस्त किया जाता है कि आगामी वित्तीय वर्ष पृथक “खेल बजट” का प्राविधान किया जायेगा।
15.किसानों की मॉग के क्रम में ग्रामों में यथासम्भव पुस्तकालयों की स्थापना की जायेगी।
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