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दादरी विधानसभा सीट- बीजेपी और बीएसपी की अग्नि परीक्षा, क्या सपा पलटेगी बाजी या कांग्रेस खिलाएगी गुल

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दादरी, 22 जनवरी।

दादरी विधानसभा का चुनाव 2022 में महत्वपूर्ण पड़ाव पर है इस चुनाव में बीजेपी दोबारा सीट जीतने की कोशिश में है वही बहुजन समाज पार्टी 2012 से 2017 की जीत को फिर से हासिल करना  चाहेगी। समाजवादी पार्टी प्रदेश में अपने पक्ष में माहौल देख पहली बार गौतम बुध नगर में बढ़त बनाने की कोशिश में है।

10 फरवरी को होने वाले मतदान से यह तय होगा कि दादरी विधानसभा क्षेत्र में क्या बसपा सुप्रीमो मायावती अपने वर्चस्व को दोबारा हासिल करेगी या बीजेपी के किले को तेजपाल नागर बरकरार रखेंगे वहीं समाजवादी पार्टी से पहली बार राजकुमार भाटी ने चुनौती देने की कोशिश की है। कांग्रेस में दीपक भाटी चोटीवाला पार्टी को फिर से जनाधार वाली पार्टी के रूप में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

एक नजर दादरी क्षेत्र के इतिहास पर

दादरी विधानसभा की चर्चा करते समय इसके इतिहास की जानकारी जरूरी है 1957 में सत्यवती रावल पहली बार दादरी से विधायक बनी थी धूम गांव की थी । क्रांतिकारी टीकम सिंह रावल की पत्नी थी । 1962 व 1969 में रामचंद्र विकल 1967 में टी सिंह , 1974 -77 में तेज सिंह विधायक रहे। 1980 में विजय पाल कांग्रेस से आखिरी बार जीतने वाले विधायक रहे। 1985, 89, 91में महेंद्र भाटी दादरी के विधायक रहे।  1993 में उनके बेटे समीर भाटी विधायक बने। और 1993 के बाद से अब तक कोई भी भाटी गोत्र का विधायक दादरी में नहीं बना है। 1996 और 2002 में बीजेपी से नवाब सिंह नागर,  2007 और 2012 में बहुजन समाज पार्टी से सतवीर गुर्जर विधायक बने। 2017 में तेजपाल नागर ने बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की और अब 2022 के चुनाव में वह फिर मैदान में है

चुनावी समीकरण

नोएडा विधानसभा का 2012 में गठन होने के बाद दादरी में पहली बार चुनाव हुए। इस दौरान 2012 के चुनाव में वोट प्रतिशत की बात करें तो 2012 के चुनाव में बीएसपी के सतवीर सिंह को 40.68 प्रतिशत वोट मिले थे और जीत हासिल की थी, तब बीजेपी के नवाब सिंह नागर को 21. 98 प्रतिशत वोट मिले। कांग्रेस के समीर भाटी 18. 94 प्रतिशत,  समाजवादी पार्टी के राजकुमार भाटी को 11.48 प्रतिशत और निर्दलीय प्रत्याशी पितांबर शर्मा को 5. 65 प्रतिशत वोट मिले थे 2017 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी तेजपाल सिंह नगर 53.57 प्रतिशत वोट पाकर जीते थे तब बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी सत्यवीर सिंह को 23.16 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस के समीर भाटी 15.16 प्रतिशत वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे तब कांग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था और दादरी से सपा का कोई प्रत्याशी नहीं था आरएलडी के रविंद्र भाटी 3. 93 प्रतिशत वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे।

आज की स्थिति क्या है ?

2017 के बाद से दादरी विधानसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण बदल गया है अब शहरी वोटरों की संख्या बढ़ गई है और ग्रामीण क्षेत्र के वोटों में भी इजाफा हुआ है अभी तक दादरी विधानसभा में ग्रामीण वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और उसमें जातीयता का फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण था लेकिन 2022 के चुनाव में शहरी क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है अगर जातीयता की बात करेंगे तो इस समय नागर गोत्र के तेजपाल सिंह नागर हैं और राज्य सभा सांसद सुरेंद्र नागर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं प्रदेश के उपाध्यक्ष पद पर भी हैं और स्टार प्रचारक भी हैं । समाजवादी पार्टी से राजकुमार भाटी बहुजन समाज पार्टी से मनवीर भाटी, कांग्रेस से दीपक भाटी चोटीवाला अर्थात तीन बड़ी पार्टियों के प्रत्याशी भाटी गोत्र से हैं ,  चौथे आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी संजय चेची गोत्र से हैं गोत्र की लड़ाई में भी तेजपाल नागर आगे निकलते दिखाई दे रहे हैं लेकिन इस चुनाव में विजय सिंह पथिक प्रकरण फिर से सुर्खियों में आ गया है सपा के प्रत्याशी राजकुमार भाटी ने इसे गुर्जर अस्तित्व की लड़ाई बताते हुए यह वादा किया है कि उनकी सरकार आने पर वह सरकारी खर्च पर सार्वजनिक चौराहे पर विजय सिंह पथिक की मूर्ति लगाएंगे । तेजपाल नागर ने विरोध के बावजूद भाजपा से टिकट हासिल किया है और जीत का दारोमदार भाजपा के जिला अध्यक्ष विजय भाटी पर भी है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मनवीर भाटी ने किसान और बायर्स के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है उनका कहना है कि प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो सबसे पहले निश्चित समय अवधि में वह बायर्स की समस्याओं का हल कराएंगे , सपा और आम आदमी पार्टी का 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा लोगों को प्रभावित कर रहा है पश्चिम उत्तर प्रदेश में चल रहा किसान आंदोलन कहीं ना कहीं गौतम बुध नगर जिले की राजनीति पर भी असर डाल रहा है बायर्स के साथ हुए अन्याय का मुद्दा उठाने को नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। सबसे बड़ा मुद्दा इस समय कोरोना के दौरान हुई मौत पर मुआवजे को लेकर भी है राज्य सरकार ने विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में यह कहा कि ऑक्सीजन की कमी से पूरे प्रदेश में किसी की भी मौत नहीं है यह मुद्दा घर-घर में चर्चा का विषय है कोरोना काल के दौरान सरकारों के कार्यकलाप पर विपक्ष नेता रहा है लेकिन भाजपा का दावा है कि पिछले 5 साल में पश्चिम उत्तर प्रदेश की जो कायाकल्प हुआ है वह भाजपा के कारण ही संभव है चाहे वह दिल्ली से मेरठ हाईवे हो या ईस्टर्न पेरीफरल एक्सप्रेसवे और अब जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भाजपा प्रचारित कर रही है।  देखना होगा कि वोटर की नजर में बसपा के 5 साल , सपा के 5 साल और अब बीजेपी के 5 साल का आकलन कैसे होगा क्या कांग्रेसी 1980 के बाद दोबारा दादरी सीट पर जीत हासिल कर पाएगी या आम आदमी पार्टी के संजय चेची जातीय गणित में बीजेपी सपा बसपा और कांग्रेस को मात दे पाएंगे सबसे बड़ी ताकत बूथ संरचना पर है बीजेपी और बीएसपी वोट संरचना में सबसे आगे हैं। दादरी का चुनाव परिणाम दिलचस्प रहेगा यह राज 10 मार्च को खुलेगा फिलहाल जिला प्रशासन ने वोट का प्रतिशत 70% तक ले जाने का लक्ष्य रखा है कोरोना काल में वोटर के बाहर निकलने पर और प्रत्याशियों के जनसंपर्क पर चुनाव आयोग की नकेल है चुनाव परिणाम पर मायावती की निगाह रहेगी और अगर सपा का प्रत्याशी जीता तो निश्चित रूप से सपा सरकार में उसे अहम भूमिका भी मिलेगी इसमें कोई शक नहीं, गौतम बुध नगर जिले में दादरी विधानसभा महत्वपूर्ण सीट साबित होगी अगर तेजपाल नागर द्वारा चुने गए तो उन्हें बीजेपी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है यह भी लगभग तय है।

(Noidakhabar.com के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा का विशेष राजनीतिक विश्लेषण )

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