97 वे जन्म दिन पर विशेष साक्षात्कार- संसद में कैसे बनी महात्मा गांधी की मूर्ति, रामसुतार जी ने खोला राज
1 min readनोएडा, 19 फरवरी।
देश के जाने-माने मूर्तिकार पदम श्री व पदम विभूषण राम सुतार जी का आज जन्मदिन है उनका जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र में हुआ था 1948 में उन्होंने महात्मा गांधी की पहली मूर्ति बनाई थी जो आज भी नोएडा स्थित उनके सेक्टर 63 स्टूडियो में रखी हुई है। संसद में बनी महात्मा गांधी की मूर्ति का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया की यह मूर्ति इंडिया गेट के लिए बनाई गई थी तब कुछ इस उलझन में थे कि खड़ी मूर्ति बनाई जाए या बैठे की मूर्ति बनाई जाए तब राम सुतार जी ने दोनों तरह की मूर्ति के डिजाइन तैयार किए लेकिन किसी वजह से इस मूर्ति को इंडिया गेट पर नहीं लगाया गया आखिरकार मोरारजी देसाई ने इसे संसद में लगाने की सिफारिश की थी ।
अपने 97 वे जन्मदिन पर noidakhabar.com से बात करते हुए राम सुतार जी ने अपने जीवन से जुड़े कई रोचक किस्सों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब वह 5 साल के थे तब महात्मा गांधी उनके गांव में आए थे और तब महात्मा गांधी से वो पहली बार मिले थे। 1948 में उन्होंने महात्मा गांधी की पहली मूर्ति बनाई थी यह मूर्ति अभी भी नोएडा के सेक्टर 63 स्थित उनके स्टूडियो में रखी हुई है। उन्होंने दिल्ली के डीएवीपी विभाग में नौकरी की थी कुछ दिन प्रगति मैदान में भी काम किया फिर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और मूर्ति बनाने में लग गए। राम सुतार जी ने 1947 से लेकर अभी तक के सभी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है उन्होंने जानकारी दी कि पहले एक मूर्ति उन्होंने ऐसी बनाई थी जिसमें महात्मा गांधी और उनके साथ लिपटे दो बच्चे जो गांधी जी के अस्पर्शयता वाले सिद्धांत को दर्शाते थे वही मूर्ति उन्होंने इंडिया गेट पर छतरी के नीचे लगाने के लिए दी थी जिसे उस समय नहीं लगाया गया यह मूर्ति भी उनके स्टूडियो में देखी जा सकती है। दुनिया के 450 शहरों में उनकी बनाई महात्मा गांधी की मूर्ति लगी हैं।
noidakhabar.com की टीम जब उनसे साक्षातकार करने के लिए सेक्टर 63 स्टूडियो में पहुंची तब राम सुतार जी और उनके बेटे अनिल सुतार जी स्टूडियो में पहुंच चुके थे और यह उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है उन्होंने बातचीत में बताया कि वह सुबह 10:00 बजे स्टूडियो में आ जाते हैं और दिन भर व्यस्त रहते हैं उन्होंने अपने लंबे जीवन का रहस्य सादगी के साथ जीवन जीने और लंबा ना सोचने को बताया उनका कहना है कि ना तो ज्यादा पीछे मुड़कर देखने की जरूरत है और ना ही ज्यादा आगे सोचने की जरूरत है जो आज आप काम कर रहे हैं उसे श्रेष्ठता के साथ करें , लंबे जीवन का रहस्य वे बच्चों के टैलेंट वाले टीवी शो जरूर देखते हैं। सुबह 7:00 बजे उठते हैं 8:00 बजे चाय नाश्ता करते हैं और सादगी से अपना कार्य करते रहते हैं उन्होंने बताया कि उनके बेटे अनिल अमेरिका में सेटल हो गए थे 12 साल वहां रहे उन्होंने ऑफर किया कि आप अमेरिका आ जाओ मैंने खुद मना कर दिया कि नहीं मैं यहां अपने देश मे ही रहूंगा इसके बाद बेटे ने अपना अमेरिका रहने का फैसला बदला और वह भारत लौट आए यहां आकर उन्होंने मेरे साथ अपने आर्किटेक्ट इंजीनियरिंग और वास्तुकला दोनों को साथ जोड़कर नई तकनीक के साथ काम किया और वह मेरे साथ सिक्के के उस पहलू की तरह जिसके दो सिरे होते हैं आज भी वह मेरे लिए चिंतित रहते हैं और मैं उन्हें जब मौका मिलता है तो कार्य के प्रति समर्पित रहने की सीख देता हूं राम सुतार जी ने बताया कि चंबल नदी के किनारे चंबा देवी की मूर्ति, भाखड़ा नांगल बांध पर नेहरू की और नैनीताल में पंडित गोविंद बल्ब्ल्ल पंत की मूर्ति उन्होंने बनाई थी। एक मूर्ति एक पत्थर से बनाई गई थी इसे तराशने में पूरे 2 साल लगे। अजंता एलोरा की गुफाओं को संवारने के काम मिला। सरदार पटेल की स्टैचू ऑफ यूनिटी का आईडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था और उसी आईडिया पर हमने यह मूर्ति बनाई। नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल का आईडिया मायावती का था। एक और रोचक जानकारी दी वह बचपन से ही योग करते हैं और यही उनके स्वस्थ रहने का राज है और भी बहुत किस्से आप विस्तृत इंटरव्यू देखिए हमारे यूट्यूब चैनल noidakhabar. Com पर इसे सब्सक्राइब करें और आपको अच्छा लगे तो कमेंट जरूर कीजिएगा।
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