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इंडिया-जापान फाइनेंस हाईटेक फोरम पर छाया ग्रेटर नोएडा

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-संयुक्त वेबिनार में सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर का खींचा खाका
-इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल टांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब से निवेशकों का ध्यान खींचा
-मोबाइल, इलेकट्रॉनिक्स, डाटा सेंटर व इलेक्ट्रिक व्हीकल हब पर भी किया फोकस

ग्रेटर नोएडा, 20 फरवरी।

इंडिया-जापान के संयुक्त फोरम पर ग्रेटर नोएडा ने अपनी चमक बिखेरी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व आईआईटीजीएनएल के एमडी नरेंद्र भूषण ने इंफ्रास्ट्रक्चर, एयर व रोड कनेक्टीविटी और औद्योगिक निवेश के माकूल माहौल के जरिए जापान के निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है।
दरअसल, रविवार को आईआईटी एल्युमनी एसोसिएशन जापान की पहल पर जापान में भारतीय दूतावास की तरफ से इंडिया जापान फाइनेंस हाइटेक एचआर फोरम पर वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें जापानी एसोसिएशन व जापान में भारतीय दूतावास के प्रतिनिधियों के साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व आईआईटीजीएनएल के एमडी नरेंद्र भूषण भी शामिल हुए। उन्होंने सेमिनार में ग्रेटर नोएडा व आईआईटीजीएनएल के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया और ग्रेटर नोएडा व आईआईटीजीएनएल में औद्योगिक निवेश के लिए जापान के निवेशकों का ध्यान खींचा।उन्होंने कहा कि मुंबई व कोलकाता को दिल्ली से जोड़ने वाले ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का केंद्र ग्रेटर नोएडा ही है। इसके जरिए दिल्ली से मुंबई व कोलकाता तक औद्योगिक माल की ढुलाई की राह बहुत आसान होगी। सीईओ ने बताया कि दिल्ली से 30 मिनट की दूरी पर स्थित ग्रेटर नोएडा में कई और वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट भी आ रहे हैं। उन्होंने ग्रेटर नोएडा व नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कार्पोरेशन के संयुक्त प्रयास से नई दादरी रेलवे स्टेशन के पास मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब व मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। मल्टीमॉडल टांसपोर्ट हब करीब 145 हेक्टेयर में बनेगा। यहां से रेल, रोड, बस व मेट्रो की बेहतर कनेक्टीविटी होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 11 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी तरह करीब 334 हेक्टेयर में बन रहे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब से औद्योगिक मॉल ढुलाई को नई गति मिलेगी। रेल मार्ग व ट्रकों के जरिए औद्योगिक उत्पाद कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकेगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 4600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सीईओ ने जापान के प्रतिनिधियों से स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में निवेश की अपील की। यह टाउनशिप 302 हेक्टेयर में विकसित की गई है। उन्होंने ग्रेटर नोएडा फेज टू का भी खाका खींचा। ग्रेटर नोएडा के मास्टर प्लान 2041 के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा फेस टू के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। नरेंद्र भूषण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा अब इलेक्ट्रॉनिक्स हब, मोबाइल हब डाटा सेंटर हब व इलेक्ट्रिक व्हीकल मैनुफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित हो चुका है। देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में बन रहा है। सीईओ ने बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में उत्तर प्रदेश भारत में 12वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। इस मुकाम को पाने में ग्रेटर नोएडा का भी बड़ा योगदान है। नरेंद्र भूषण ने सभी प्रतिनिधियों के समक्ष ग्रेटर नोएडा की एयर कनेक्टीविटी का भी खाका खींचा। ग्रेटर नोएडा, आसपास तीन एयरपोर्ट से नोएडा एयरपोर्ट, दिल्ली एयरपोर्ट व हिंडन एयरपोर्ट से जुड़ा हुआ है।

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