योगी सरकार-2 तय करेगी मोदी की 2024 में वापसी
1 min readलखनऊ, 19 मार्च
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने जा रही है 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल के सदस्य शपथ लेंगे और इसके साथ ही शुरू होगा 2024 के चुनाव की तैयारियों का वह दौर जब भारतीय जनता पार्टी को अभी से ही चुनौतियों से जूझना होगा।
मथुरा पर बढ़ेगा अब योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में फोकस
2024 की राह आसान करने के लिए भाजपा को अपने जातीय व क्षेत्रीय संतुलन को बरकरार रखना होगा अब मथुरा पर रहेगी नजर दो वर्ष 2017 से 2022 के बीच योगी सरकार ने अध्यात्म की दृष्टि से काशी और अयोध्या को विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाने में सफलता प्राप्त की है और इसके जरिए न केवल टूरिज्म बल्कि बीजेपी का हिंदुत्व के एजेंडे को भी धार देने में मदद मिली है अब 2022 से 2027 के बीच योगी सरकार का फोकस मथुरा के आसपास क्षेत्र को विकसित करना है इसकी शुरुआत होगी रही है जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिए मथुरा को नोएडा एयर पोर्ट से सीधे जोड़ने के लिए दो प्रमुख मार्गों की योजना तैयार की जा रही है एक सड़क एयरपोर्ट को बांके बिहारी मंदिर से जोड़ेगी और दूसरी सड़क एयरपोर्ट को द्वारकाधीश मंदिर से कनेक्ट करेगी इससे मथुरा को इंटरनेशनल स्तर पर पर्यटकों को लुभाने का एक महत्वपूर्ण जरिया होगा।
हस्तिनापुर के विकास की तरफ बढ़ानी होगी रफ्तार
इसके साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में महाभारत कालीन हस्तिनापुर की खुदाई की वजह से उसके विकास की संभावनाएं बढ़ रही हैं यह पूरा महाभारत सर्किट बनाने की योजना तैयार चल रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश को महाभारत और ब्रज सर्किट के जरिए विकसित किया जाना है।
मंत्रिमंडल में रखना होगा क्षेत्रीय संतुलन
योगी सरकार को अपने दूसरे कार्यकाल में पश्चिम उत्तर प्रदेश को भी तवज्जो देनी होगी खास तौर पर गन्ना बेल्ट क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश करनी होगी 2014 में जिस तरह से बीजेपी को 80 में से 73 लोकसभा सीट जीतने को मिली थी तब पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ से लक्ष्मीकांत बाजपेई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 58 में से 55 सीट जीती थी 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा की बढ़त से दोनों की लोकसभा सीट बढ़ी। अब 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटे पश्चिम मे घटी हैं अब इसे आगे बढ़ाने के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करना होगा इनमें जाट गुर्जर व अन्य पिछड़ी जातियों से जुड़े नेता शामिल किया जा सकते हैं।
अयोध्या का मंदिर तय करेगा 2024 की राह
अयोध्या में भगवान राम की मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है उससे ऐसा लगता है 2023 में जब दीपावली का पर्व होगा तब केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर अयोध्या में ऐसा भव्य आयोजन करेंगी जिसकी गूंज पूरे देश और दुनिया में हो और यह बीजेपी के वोटर को एकजुट करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा इसके बाद अप्रैल 2024 में रामनवमी के दिन मंदिर को पूरे देश के लिए खोला जा सकेगा और इस तरह 2024 की चुनाव से पहले पूरा देश अयोध्यामय हो जाएगा
दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल के सफर की शुरुआत होगी
दिल्ली से मेरठ तक शुरू हो जाएगी रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच जिस तरह से रैपिड रेल का निर्माण चल रहा है उसका लक्ष्य लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल को दौड़ाने का है तब दिल्ली से मेरठ तक का सफर सिर्फ 1 घंटे में पूरा होगा आने वाले दिनों में मेरठ के लोग रोजाना किसी भी काम के लिए दिल्ली आ कर वापस जा सकेंगे इससे लोग मेरठ में रहना भी पसंद करेंगे अभी भी दिल्ली से मेरठ के बीच एक्सप्रेसवे बन जाने के कारण सिर्फ 70 मिनट का समय लगता है यही विकास की 2024 के लिए राजनीति का मंच प्रदान करेगी गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए प्रदेश सरकार विकास की गति को रफ्तार देगी।
भूमाफियाओं से निपटना सबसे बड़ी चुनौती
यह केंद्र सरकार के बड़े प्रोजेक्ट हैं बीजेपी की बड़ी चुनौती भू माफियाओं से निपटने की भी है हर जिले में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे जिस तरीके से बढ़ते जा रहे हैं और कॉलोनाइजर राजनीति की आड़ में कॉलोनी काटकर गरीब लोगों को फंसा रहे हैं उससे अनियोजित विकास की रफ्तार बढ़ रही है और अच्छे भले नियोजित शहर अनियंत्रित आबादी की वजह से अतिक्रमण के लपेटे में आ रहे हैं इससे निपटना योगी सरकार की बहुत बड़ी चुनौती है खास बात यह है कि भू माफिया उसी दल में शामिल हो जाते हैं जिस दल की सरकार होती है और वे अधिकारियों पर रौब गांठ कर अपना काम कराते रहते हैं
एक जिला एक उत्पाद की योजना को प्रभावी ढंग से लागू करना
उत्तर प्रदेश सरकार के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है जिसमें हर जिले के लिए उत्पाद को आगे बढ़ाना और उसकी मार्केटिंग करना और उसके लिए अर्थव्यवस्था को देश में नंबर वन लाने का लक्ष्य है
विपक्ष की तैयारी जातीय जनगणना की
देश की विभिन्न राजनीतिक दल अब अपने अगले एजेंडा के रूप में जातीय जनगणना के आधार पर पिछड़ों को एकजुट करने की तैयारी कर रहा है ऐसे में केंद्र सरकार इससे कैसे नहीं पटती है यह भी महत्वपूर्ण है बिहार में केंद्र सरकार के सहयोगी नीतीश कुमार जातीय जनगणना के पक्ष में हैं इसी तरीके से मायावती और अखिलेश भी जातीय जनगणना के पक्ष में हैं देश के अन्य हिस्सों में भी इस पर गंभीर मंथन चल रहा है केंद्र सरकार ने पहले से ही पिछड़ा आयोग का गठन कर रखा है लेकिन उसकी सिफारिशें अभी लागू नहीं हुई है उसका हर बार एक्सटेंशन मिलता गया उसकी रिपोर्ट पर क्या होगा आने वाले दिनों में यह महत्वपूर्ण है।
उत्तर उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी से निपटना भी कड़ी चुनौती
योगी सरकार प्रदेश के कई हिस्सों में औद्योगिक शहर विस्तार से बसा रही है अलीगढ़ से झांसी तक डिफेंस कॉरिडोर बनाया जा रहा है इनमें स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाना महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल है कि किस तरह से लागू किया जाएगा इस पर अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मांग उठती रही है दादरी विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के विधायक तेजपाल नागर ने अपने क्षेत्र में 40% स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने का वादा किया हुआ है और इस पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे राजकुमार भाटी ने उन्हें 3 महीने का समय दिया है और कहा है कि अगले 3 महीने में वह इस वादे को पूरा नहीं कर पाए तो समाजवादी पार्टी उनका घेराव करेगी ऐसे मुद्दे पूरे प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में उठ सकते हैं वरुणा काल में जिन लोगों की मौत हुई उनके आश्रितों को मुआवजा बच्चों को शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण कार्य है।
(Noidakhabar.com के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा की रिपोर्ट )
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