विश्व जल दिवस पर हिंडन नदी को बचाने का संकल्प लें
1 min readनोएडा, 22 मार्च।
आज विश्व जल दिवस है हम सौभाग्यशाली हैं कि नोएडा जैसे शहर में रहते हैं और इस शहर के दोनों तरफ हिंडन और यमुना नदी बहती है बात वर्ष 1981 की है जब मैंने पहली बार छिजारसी गांव के पास हिंडन नदी का साफ पानी देखा उस समय हिंडन नदी में नाव चलती थी। अमूमन नोएडा से छिजारसी व अन्य गांव के लोग गाजियाबाद जाने के लिए हिंडन नदी में नाव का ही इस्तेमाल करते थे। तब से लेकर 2022 की हिंडन नदी देखकर मन दुखी है। हम सब एक नदी को मरते देख रहे हैं आज इस नदी को विकसित हो रहे नोएडा-,ग्रेटर नोएडा के बीच पुनर्जीवित करने की जरूरत है। हमे यह याद रखना जरूरी है कि नदियों के किनारे ही सभ्यता विकसित होती हैं, अगर नदी का जल प्रवाह होता रहता है तो किसे अच्छा नही लगता। सभी को सुखद महसूस होता है। आज सरकारी मशीनरी की लापरवाही और भृष्टाचार की वजह से हिंडन नदी का डूब क्षेत्र अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा है। कॉलोनाइजर जमकर कॉलोनी काट रहे हैं। वे बड़े कायदे से काम करते हैं प्रशासन के अधिकारी इस हिंडन नदी का ऐसे ही हाल करते नजर आ रहे हैं जैसे ओखला के पास यमुना नदी का हो गया है। मैं वर्ष 2022 के मार्च महीने में यह लेख लिख रहा हूँ। हिंडन नदी में जब तक ग्रेटर नोएडा वेस्ट जाने वाला पुल नही बना था तब तक कोई कॉलोनी नही कटी थी। जैसे ही पर्थला चौक बना और एफएनजी की रोड बनी।अवैध कॉलोनी कटने लगी। इन पर प्राधिकरण और जिला प्रशासन दोनो की नजर है मगर नियंत्रण किसी का नही। अब यहां तेजी से प्लाटिंग हो रही है। सड़क किनारे बोर्ड लगा कर प्लाट बेच रहे हैं उसमें भी प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बिल्डोजर की चर्चा प्रधानमंत्री तक कर चुके हैं मगर हिंडन नदी के किनारे भूमाफियाओं का खेल चल रहा है। इसमे सरकारी मशीनरी पूरी तरह शामिल है। इनकी जवाबदेही कौन तय करेगा। हिंडन नदी में जो किसान हैं वे अपनी जमीन अधिग्रहित कराना चाहते हैं प्राधिकरण के अफसर इसके लिए तैयार नही। उनकी समस्या यह है कि वे जमीन नोएडा प्राधिकरण को देते है तो वे लेने को तैयार नही, कॉलोनाइजर सीधे किसान से खरीदकर लैंड यूज चेंज कर रहे हैं उन्हें रोकने वाला कोई नही।अब भी समय है हिंडन नदी को बचाने की मुहिम तेज हो वरना यह इतिहास के पन्नो से गायब हो जाएगी। इसके लिए आप और हम सब जिम्मेदार होंगे। हालांकि यमुना नदी में भी अतिक्रमण बढ़ रहा है उसे भी रोकना जरूरी है वरना हम सब पानी की एक एक बूंद के लिए तरसेंगे।
(noidaKhabar.com के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा की रिपोर्ट )
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