चिटहरा भूमि घोटाले को लेकर पूर्व एसडीएम एसबी तिवारी ने उठाया पर्दा, सोशल मीडिया पर पोस्ट किया
1 min readदादरी, 14 मई।
इस समय चिटहरा तहसील दादरी , नॉएडा में भूमि घोटाला प्रदेश में चर्चित है । कल STF ने कुर्की भी हुई । सोचा कुछ प्रकाश डालूँ ।।
ये पट्टे 1997 में हुए थे । पट्टे गाँव के पात्र व्यक्तियों को न होकर बाहरी लोगों को , भूमि धारकों को , सरकारी नौकरी बालों को किए गए थे । 1998 में मेने SDM का चार्ज लिया । शिकायत हुई तो सभी ग़लत पट्टों को निरस्त करने की रिपोर्ट DM को भेज दी । ADM न्यायालय में वाद चलता रहा लेकिन किसी की हिम्मत नही हुई कि पट्टा निरस्त कर दे ।
बीएसपी शासन में एक ADM ने मुझे बताया कि आपकी रिपोर्ट बहुत स्पष्ट है लेकिन उन पर बहुत राजनीतिक दबाव है कि पट्टा ख़ारिज न करे । वो राजनेता जो ADM पर दबाव बना रहे थे , वो अब सत्तारूढ़ दल के बड़े नेता हे । खैर किसी तरह ये निरस्तीकरण का वाद ADM साहब से commissioner ऑफ़िस चला गया । फिर वापस नॉएडा आ गया । फिर भी किसी भी ADM ने पट्टा निरस्त नही किए । इतना राजनीतिक दबाव था क्यो कि वही नेता जी फिर सपा में आ गए ।
कई भू माफिया सक्रिय हुए और फ़ाइल ADM नॉएडा से hapur स्थानांतरित करा ले गए । ADM hapur Sh हरीश चंद्र ने पट्टा बहाल कर दिए । शिकायत हुई और भूमाफ़िया तोमर और कई स्थानीय नेता लग गए । ADM hapur के आदेश का अनुपालन भी तुरंत हुआ जब कि अपील commissioner के न्यायालय में पेंडिंग थी । खेल असली अब शुरू हुआ । कई अफसरो और राज नेताओ ने भूमि ख़रीद ली ।
फिर खेल शुरू हुआ । पट्टे की विवादित भूमि जिसका अपील चल रहा था संक्रमणीय कर दी गयी । शिकायतें हुई और तमाम शासन के स्थगन के बाबजूद मुआबजा भी उठा लिया गया । नियम ये है कि जब वाद किसी न्यायालय में लम्बित है तो न तो मुआबजा दिया जा सकता है और न संक्रमणीय भूमिधर किया जा सकता है । राजनीतिक और आर्थिक दबाव में हर स्तर पर ग़लत आदेश हुए ।
अब भूमि कुर्क हुई । कोई बताए कि जब भूमि अक्वाइअर हो गयी और मुआबजा मिल गया तो भूमि तो अथॉरिटी की हो गयी तो कुर्क किसकी भूमि कर रहे ।अभी कई प्रशासनिक जाँच हो रही लेकिन तथ्य किसी के पास नही । कोई जाँच करेगा कैसे । नेता जी जिनसे अधिकारी डरते थे , अब भाजपा में हे । रुतबा क़ायम है । भूमाफ़िया में नाम तोमर का है लेकिन असली लोग स्थानीय नेता और IAS ओफ़िसर हे । किसी को सहायता चाहिए हो तो मुझसे ले ।
मुआबजा की वसुली होनी चाहिए और सभी को ज़ैल जाना चाहिए ।ये घोटाला १०० करोड़ से अधिक का है ।
(दादरी के पूर्व एसडीएम एसबी तिवारी ने अपनी फेसबुक वॉल पर जैसा लिखा)
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