नोएडा खबर

खबर सच के साथ

यूके के 7 विश्वविद्यालयों से कुलपति और उच्च अधिकारी एमिटी विश्वविद्यालय पहुंचे

1 min read

नोएडा, 8 जून।

एमिटी विश्वविद्यालय की शिक्षण गुणवत्ता से प्रभावित होकर आज यूके के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, उपकुलपतियों, डीन और निदेशकों सहित ब्रिटिश कांउसिल इंडिया के उच्च अधिकारीयों के 12 सदस्यीय उच्चस्तरीय अकादमिक प्रतिनिधिमंडल ने एमिटी विश्वविद्यालय का दौरा किया और एमिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे शोध और संचालित किये जा रहे पाठयक्रमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा असीम चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। इस प्रतिनिधिमंडल के भ्रमण का उददेश्य शोध और अकादमिक क्षेत्र में आपसी सहयोग की संभावनाओं पर विचार करना था।

इस उच्चस्तरीय अकादमिक प्रतिनिधिमंडल में कार्डिफ यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट और वाइस चांसलर प्रो कोलीन ब्रायन रिओरडन, लैनकास्टर यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर ग्लोबल, प्रो सिमोन चार्ल्स गेय, डिमोनफोर्ट विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर – इंटरनेशनल प्रो सिमोन क्रिस्टोफर ब्रडबरी, यूनिवर्सिटीज यूके इंटरनेशनल की निदेशक सुश्री विविएन स्टर्न, लंदन विश्वविद्यालय के ग्लोबल बिजनेस डेवलपमेंट के निदेशक प्रो इयान एलन जामेल्सन, यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के प्रो डीन – इंटरनेशनल डा पृथ्वी सुकुमार, यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के निदेशक डा एंथोनी मानिंग, द एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज के साउथ एंड इस्ट एशिया प्रतिनिधी श्री आदित्य मलकानी, यूनिवर्सिटीज यूके इंटरनेशनल के ट्रांसनेशनल एजुकेशन के प्रमुख श्री एडुआरडो रामोस, ब्रिटिश कांउसिल इंडिया के एस्सीटेंट डायरेक्टर – एचआर श्री राजेन्द्र त्रिपाठी, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैप्टन की वाइस प्रेसीडेंट – एजुकेशन प्रो देबोरा गिल, और ब्रिटिश कांउसिल इंडिया की मैनेजर सुश्री मेघा शर्मा उपस्थित थी।

कार्डिफ यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट और वाइस चांसलर प्रो कोलीन ब्रायन रिओरडन ने संबोधित करते हुए कहा कि आज यहां उपस्थित होना हमारे लिए बेहद खुशी और गर्व की बात है क्योकी एमिटी विश्वविद्यालय विश्व के शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालयों में से है जो शिक्षा की उच्च गुणवत्ता, विश्वस्तरीय परिसर और उच्च योग्य संकाय प्रदान के लिए जाना जाता है। वर्तमान समय में किसी भी संस्थान के विकास के लिए आपसी सहयोग महत्वपूर्ण है। महामारी ने शिक्षा के परिदृश्य को बदल दिया है जिसने विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए बड़ी संख्या में अवसर प्रदान किये है। प्रो रिओरडन ने कहा कि अब हमारे पास बहुत से शिक्षा कार्यक्रम जैसे छात्र विनिमय कार्यक्रम, विदेश में अध्ययन कार्यक्रम है जो पहले मौजूद नही थे। हम मनोविज्ञान, जीवन विज्ञान, संचार, मीडिया सहित विविध क्षेत्रों में सहयोग करने पर विचार कर रहे है।

लैनकास्टर यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर ग्लोबल, प्रो सिमोन चार्ल्स गेय ने कहा कि पहले यूके में शोध, अनुसंधान और नवाचार के आने वाले छात्रो को फंडिग की कमी का सामना करना पड़ता था अब यूके रिसर्च और इनोवेशन के अंर्तगत ग्लोबल चैलेंज रिसर्च फंड, ब्लैंडेड फंड आदि की उपलब्धता भी है जो शोधार्थियों को प्रोत्साहित करती है। हम एमिटी के साथ एक लंबे वक्त से जुडे है और अपने प्रबंधन स्कूल के लिए संयुक्त सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर पहले ही कर चुके है जिसके माध्यम से हम एक विश्व स्तरीय परिसर बनाकर और उच्च शिक्षा स्तर का पालन करके एक मानक स्थापित करना चाहते है।

डिमोनफोर्ट विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर – इंटरनेशनल प्रो सिमोन क्रिस्टोफर ब्रडबरी ने कहा कि हम कई क्षेत्रों में एमिटी के साथ संयुक्त साझेदारी की योजना बना रहे है और हम एमिटी के साथ पहले भी कार्य कर चुके है। स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, फैशन डिजाइन, साइबर सुरक्षा और स्वास्थय आदि कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां सहयोग और शिक्षा प्रणाली मे नए सहयोग के माध्यम से परिवर्तन ला सकते है।

यूनिवर्सिटीज यूके इंटरनेशनल की निदेशक सुश्री विविएन स्टर्न ने कहा कि जब हम अंर्तराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग के बारे में सोचते है तो शोध की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण होती है और दूसरी बात जिस तरह से यह हमें अपन क्षमताओं को प्रोजेक्ट करने और आगे की क्षमताओं को बढ़ाने की अनुमति देता है वह भी महत्वपूर्ण है। संयुक्त डिग्री प्रदान करना दो प्रसि़़द्ध विश्वविद्यालयों को एक साथ लाने का शानदार अवसर है।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी का यूके के साथ बहुत पुराना रिश्ता रहा है और हम हर कदम पर समर्थन प्रदान करने के लिए ब्रिटिश सरकार के अभारी है। एमिटी पर ब्रिटिश सरकार ने जो विश्वास दिखाया है वास्तव में उल्लेखनीय है। किसी भी संस्थान को छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए वैश्विक अनावरण प्रदान करना पड़ता है और यह विश्वविद्यालयों के मध्य आपसी सहयोग से ही संभव है। छात्रों को ना केवल उच्च शिक्षा के बल्कि शोध, नवाचार, प्रबंधन, संस्कृतियों और व्यापार को समझने के नये अवसर प्राप्त होते है। डा चौहान ने कहा कि यूके के रॉयल इंस्टीटयूशन ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स द्वारा आरआईसीएस स्कूल ऑफ बिल्ड एनवांयरमेंट एमिटी का संचालन किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि हैरोड्स स्कूल लंदन के साथ हमारी नवीनतम साझेदारी सफल रही है जिसके माध्यम से हमने भारत और न्यूयॉर्क में हैरोड्स स्कूल स्थापित किये है।

एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा असीम चौहान ने कहा कि आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है जब यूके के नेतृत्व करने वाले विश्वविद्यालयों के इतने बृहद प्रतिनिधिमंडल ने आज एमिटी का दौरा किया। यह आकदमिक भ्रमण लाखों युवाआं के जीवन में परिवर्तन लाने और उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। हमें दोनो संस्थानों के मध्य रूचि के सहयोगी क्षेत्रों को ढूढंकर उस पर संयुक्त सहयोग के लिए संस्थानों से व्यक्तियों को नामित भी करना चाहिए।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि एमिटी का यूके के साथ एक लंबे अरसे मजबूत संबंध रहे है क्योकी एमिटी विश्वविद्यालय और यूके के विश्वविद्यालयों का सदैव एक ही ध्येय रहा है वह है छात्रों का विकास। हम एमिटी विश्वविद्यालय में सभी छात्रों को वैश्विक अनावरण के समान अवसर प्रदान करते है। आपसी सहभागीता के अंर्तगत हम संयुक्त शोध, संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम, छात्रों और शिक्षकों के अवागमन आदि पर विचार कर सकते है।

इस अवसर पर एमिटी ग्रुप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने एमिटी यूके पार्टनरशिप पर प्रस्तुती प्रदान की। कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के डीन, निदेशक और अधिकारीगण उपस्थित थे।

 2,421 total views,  2 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.