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चुनावी चंदा : अप्रैल में 811 बांड खरीदे गए, कॉरपोरेट ने 648 करोड़ रुपये का दान दिया

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चुनावी चंदे के लिए अप्रैल में 648 करोड़ के 811 इलेक्टोरल बांड भुनाए गए

-आरटीआई में हुआ खुलासा
-कमोडोर लोकेश बत्रा ने मांगी थी जानकारी
-एक जुलाई से फिर शुरु होगी इलेक्टोरल बांड की बिक्री
विनोद शर्मा,
नई दिल्ली, 29 जून
देश में चुनावी चंदे को लेकर बदली व्यवस्था में राजनीतिक दलों ने कॉरपोरेट से इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा लेने की परिपाटी शुरू की है। इस पर चुनाव आयोग से लगातार पारदर्शी व्यवस्था की मांग की जा रही है। एक आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के अनुसार एक अप्रैल से लेकर 10 अप्रैल 2022 तक 20 वें चरण में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की विभिन्न शाखाओं से 811 इलेक्टोरल बांड की बिक्री की गई। इन बांडों के बदले में 648 करोड़ 48 लाख 70 हजार रुपये की रकम राजनीतिक दलों के खाते में पहुंची है। ये बांड किस राजनीतिक दल के लिए दान दिए गए हैं इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है।
कमोडोर लोकेश बत्रा की एक आरटीआई के जवाब में स्टेट बैंक आफ इंडिया ने सूचना दी है कि 811 बांड में से 640 बांड ऐसे थे जो एक एक करोड़ के थे। यह आंकड़ा सबसे ज्यादा रहा। इससे 640 करोड़ रुपये सीधे मिल गए। इसी तरह से दस लाख वाले 79 बांड एक लाख वाले 55 और दस हजार वाले 37 बांड बेचे गए। एक हजार वाला बांड की बिक्री शून्य रही। अगर बैंक की शाखा की चर्चा करें तो चेन्नई ब्रांच से 100 करोड़, हैदराबाद से सबसे ज्यादा 425 करोड़ 98 लाख 70 हजार रुपये कोलकाता से 39 करोड़, मुंबई से 43 करोड़, दिल्ली से 40 करोड़ और पणजी से सिर्फ 50 लाख रुपये के बांड बेचे गए।
इन बांडों की बिक्री का विश्लेषण किया जाए तो चेन्नई में एक करोड के 100, हैदराबाद शाखा से एक करोड के 423, दस लाख के 25, एक लाख के 45, दस हजार के 37 बांड बेचे। इसी तरह कोलकाता शाखा से कुल 93 बांड बेचे गए। इनमें से 34 एक करोड वाले, 49 दस लाख वाले, 10 एक लाख वाले बांड शामिल थे। मुंबई शाखा से सिर्फ 43 बांड एक करोड़ वाले बिक पाए। इसी तरह से नई दिल्ली शाखा से 40 बांड एक करोड वाले ही बिक सके। पणजी शाखा से सिर्फ 50 लाख के बांड ही बिक सके। इन बांड को किस शाखा से भुनाया गया यह भी आरटीआई में जानकारी दी गई है। इनमें भुवनेश्वर से तीन, चेन्नई से 100, हैदराबाद से 525, कोलकाता से 18 और दिल्ली से 165 बांड को भुनाया गया।
आऱटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 2018 से लेकर अब तक 9856 करोड 72 लाख 46 हजार रूपये बांड के जरिए एकत्र हुए हैं। इनमें 9201 करोड यानी कुल रकम का 93.347 प्रतिशत एक करोड के बांड के जरिए आई है। 629 करोड 80 लाख रूपये की रकम दस लाख वाले बांड से मिली है। यह कुल रकम का मात्र 6.3895 प्रतिशत ही है। इससे कम के बांड खरीदने वालों की संख्या नगण्य है। इसी का असर है कि अब तक एक हजार के दो लाख 65 हजार बांड प्रिंट कराए इनमें से मात्र 56 ही खरीदे जा सके हैं। दस हजार वाले भी दो लाख 65 हजार में से मात्र 169 फार्म ही खरीदे गए हैं। इसी तरह एक लाख की कीमत वाले 93 हजार बांड प्रिंट कराए हैं। इनमें से 2575 खरीदे हैं। दस लाख वाले 26 हजार 600 फार्म मे से 6298 ही बिक पाए हैं। जबकि एक करोड के कुल 14 हजार 650 बांड में से 9201 बिक चुके हैं। यानी छह लाख 45 हजार 951 प्रिंट बांड में से सिर्फ 18 हजार 299 ही बिक पाए हैं। बाकी अभी बचे हुए हैं। एक जुलाई से चुनावी बांड की बिक्री का  21 वां चरण शुरू हो रहा है।
(noidakhabar.com के लिए विशेष रिपोर्ट कमोडोर लोकेश बत्रा की आरटीआई के विश्लेषण पर आधारित)

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