स्टार्ट अप के जरिये युवा उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दे सकते हैं रफ्तार, जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह का सीएम को सुझाव
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लखनऊ, 23 जुलाई।
उत्तर प्रदेश राज्य देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। इसके समग्र विकास के लिए सबसे पहली हमें हमारी बौद्धिक संपदा की जरूरत है। स्टार्टअप के जरिए हम अपने नवयुवकों और संसाधनों का उपयोग करके अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ा सकते हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात के दौरान जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने यह बात कही।
धीरेंद्र सिंह के साथ स्टार्टअप पर सुझाव देने के लिए युवा उद्यमियों की एक टीम भी मुख्यमंत्री से मिली। विधायक ने कहा, “हमने सीएम को बताया कि देश में इस साल 4 जुलाई तक 70,000 करोड़ रुपए स्टार्टअप्स में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है। पिछले साल 2020 के दौरान 77,000 करोड़ रुपए और वर्ष 2019 में 84,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। कुल मिलाकर विश्वव्यापी महामारी के बावजूद स्टार्टअप में पूंजी निवेश बरकरार है। महामारी के दौरान 11 यूनिकार्न्स कंपनियों समेत 900 स्टार्टअप डील हुई हैं। जिनके लिए 11.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने हासिल किए हैं। आने वाले वक्त में फिनटेक, एडटैक, ई-कॉमर्स, हाइपर लोकल डिलीवरी, एंटरप्राइज टेक, हेल्थ टेक और एग्रीटेक में बड़े अवसर उत्तर प्रदेश हासिल कर सकता है।”
मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस वक्त देश में बंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और गुरुग्राम स्टार्टअप्स के बड़े हब हैं। कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 80 फ़ीसदी से ज्यादा हिस्सा इन्हीं पांच शहरों में जा रहा है। मुख्यमंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही आईआईटी कानपुर और आईआईएम लखनऊ जैसे शिक्षण संस्थान हैं। इसके अलावा टॉप मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा से 60,000 इंजीनियर पढ़ कर निकलते हैं। यह सारे इंजीनियर बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और गुरुग्राम में नौकरियां कर रहे हैं। अगर उत्तर प्रदेश सरकार स्टार्टअप्स को लेकर राज्य के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ और मेरठ जैसे शहरों में विशेष व्यवस्था कर दे तो इन इंजीनियरों को घरेलू नौकरियां दी जा सकती हैं। उत्तर प्रदेश हर साल मिल रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का बड़ा हिस्सा भी हासिल कर सकता है। मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि देशभर के स्टार्टअप्स में निवेश करने वाले टॉप-20 एंजल इन्वेस्टर्स भारतीय और एनआरआई हैं।
इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तृत योजना तैयार करके देने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “इस दिशा में राज्य सरकार नवोन्मेषकों और युवा उद्यमियों को भरपूर समर्थन करेगी।” विधायक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल विस्तृत योजना तैयार करके बहुत जल्दी एक बार फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा। यूपी के ब्रेन की 22 करोड़ लोगों को पहले जरूरत है। स्टार्टअप राज्य की अर्थव्यवस्था को और रफ्तार दे सकते हैं।
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