स्पेशल रिपोर्ट : नोएडा प्राधिकरण में रिसेप्शन पर दर्ज किये गए पत्रों का बाबुओं के पास लगा हैअम्बार, सिर्फ ऑनलाइन का ही देते हैं जवाब
1 min readनोएडा, 11 अगस्त।
आपने अपनी गली मोहल्ले या किसी भी महत्वपूर्ण समस्या को लेकर नोएडा प्राधिकरण के रिसेप्शन पर शिकायत दर्ज जरूर कराई होगी और उस शिकायत पर आपको एक प्राप्ति की मोहर लगी स्लिप भी मिली होगी। उसके बाद उस पत्र का क्या हश्र होता है ?क्या आपने कभी सोचा है ?
ऐसे सैंकड़ों लोव हर रोज अपने पुराने पत्रों को फाइलों में तलाशते मिल जाएंगे। ऐसे कैसे होता है यह हम आपको बताते हैं ऐसी चिट्ठियों का ढेर हर विभाग के बाबू के पास लगा हुआ है और उन पर कोई सुनवाई नहीं होती है बाबू सिर्फ ऑनलाइन शिकायतों का जवाब देता है और उच्च अधिकारी ऐसे पत्रों को निस्तारण की सूची में डाल देते हैं और फिर ऐसी समस्याओं को हल मान लिया जाता है। अभी भी सैंकड़ों लोग अपने पत्र लिखकर लाते हैं जमा करते हैं इस इंतज़ार में कि प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों तक हमारी बात पहुंच गई होगी।
ऐसे सैंकड़ों भुक्तभोगी आपको मिल जाएंगे। प्राधिकरण के अधिकारी रिसेप्शन पर भेजे पत्रों का भी कोई जवाब नही देता। प्राधिकरण में ही काम कर चुके पूर्व कर्मी ने इस जानकारी का खुलासा करते हुए बताया कि अगर आपकी चिट्ठी रिसेप्शन से होती हुई वरिष्ठ अधिकारी तक पहुंची है और उसके बाद वह चिट्ठी वापस होते हुए संबंधित विभाग के बाबू तक पहुंची है तो यह यकीन मानिए कि उस चिट्ठी पर कोई भी कार्यवाही नहीं होगी सवाल ये उठता है कि कोई भी व्यक्ति नोएडा प्राधिकरण में यदि अपना पत्र रिसेप्शन पर शिकायत प्रकोष्ठ में जमा करा रहा है तो क्या उसका जवाब प्राधिकरण को नहीं देना चाहिए मगर ऐसा नहीं हो रहा है जबकि वह पत्र के विभागों में डिस्पैच होकर बाबू के पास जाता है और बाबू इस इंतजार में रहता है की शिकायती उसके पास आए और उसे पत्र को आगे बढ़ाने की सिफारिश करें तभी उसे पर कोई कार्यवाही होगी वरना आपका यह पत्र डंपिंग में ही पड़ा रहेगा
आपको एक उदाहरण बताते हैं लगभग 9 महीने पहले नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालिक अधिकारी के लिए एक पत्र भेजा गया उस पत्र में नोएडा में एक सिटी म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव में यह कहा गया था कि नोएडा शहर का एक सिटी म्यूजियम होना चाहिए इस तरह की म्यूजियम देश के विभिन्न शहरों में है क्योंकि नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण एक्ट के तहत नए प्रयोग के रूप में गठित हुआ है और 2026 में नोएडा को 50 वर्ष हो जाएंगे ऐसी में बाहर से आने वाले लोग नोएडा शहर के विकास की झलक एक म्यूजियम में देख सकेंगे यह पत्र मुख्य कार्यपालिक अधिकारी अपर मुख्य कार्यपालिक अधिकारी और अन्य विभागीय कार्यालय से डिस्पैच होता हुआ सामान्य प्रशासन में तत्कालीन विशेष कार्याधिकारी इंदु प्रकाश के पास तक पहुंचा और उसके बाद वह पत्र संबंधित बाबू तक पहुंचा 9 महीने बाद भी वह पत्र वहीं पर रखा हुआ है उसके बाद ना तो उसकी फाइलिंग की गई ना इस का कोई नंबर दिया गया और वह डंपिंग की स्थिति में है ऐसे आपको नोएडा के बाबू के पास हजारों मामले मिल जाएंगे। इसी तरह का एक प्रस्ताव नोएडा के नलगढ़ा गांव में शहीद भगत सिंह की याद में एक स्मारक बनाने से संबंधित था इस प्रस्ताव पर प्लानिंग डिपार्टमेंट ने काम किया उस समय के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमा रमन ने एक रिपोर्ट तैयार कराई उस रिपोर्ट पर काफी पैसा भी खर्च हुआ उसके बाद उस प्रोजेक्ट का क्या हुआ आप और हम सब जानते हैं यह प्रस्ताव विभागों की भेंट चढ़ गया।
ऐसे बहुत सारी पत्र आपके भी होंगे जो अभी तक दबे हुए हैं अगर आपके पास भी ऐसे पत्र हैं तो इस समाचार के बाद हमें जरूर भेजिएगा कोशिश करेंगे और दबे पत्रों को मौजूदा प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष उजागर किया जाए यह प्राधिकरण की कार्यशैली है जिस पर यह विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है।
Noidakhabar.Com के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा की रिपोर्ट
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