1 min read साहित्य -संस्कृति ए गाँव के लफंगे-लतख़ोर….. 2 years ago admin "हरे ये पिंटुआ! हमनियों के देबे पेप्सिया की कुल ओहि लड़िकवन में बाँट देबे...आँय।" होठों को अजब अंदाज़ में तानते...