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ग्रेटर नोएडा: 23 साल पूर्व शिक्षा संस्था को भूखण्ड हुआ आवंटन, ना निर्माण किया ना पेमेंट, आवंटन रद्द

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-50 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि न जमा करने पर की कार्रवाई
–प्राधिकरण जमीन अपने कब्जे में लेकर नए सिरे से करेगा आवंटन

ग्रेटर नोएडा, 29 नवम्बर।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बकाया धनराशि न जमा करने पर दो शिक्षण संस्थानों के आवंटन रद्द कर दिए हैं। दोनों भूखंडों पर प्रीमियम व लीजरेंट को मिलाकर करीब 50.64 करोड़ रुपये की धनराशि बकाया थी। इन दोनों भूखंडों पर अब तक किसी तरह के निर्माण भी नहीं हुए हैं, जिसके चलते प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है। प्राधिकरण इन दोनों भूखंडों को अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर लंबे अर्से से बकाया रकम का भुगतान न करने और परियोजना को पूरा न करने वाले आवंटियों के खिलाफ प्राधिकरण ने आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राधिकरण ने विगत बुधवार को एक बिल्डर को आवंटित दो भूखंडों के आवंटन निरस्त कर दिये थे। अब दो शिक्षण संस्थानों के आवंटन रद्द किए गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अदिति सिंह ने बताया कि प्रियदर्शिनी कॉलेज ऑफ कंप्यूटर साइंस को 1999 में भूखंड संख्या-6ए, सेक्टर नॉलेज पार्क वन में 28750 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी। संस्था को इस भूखंड के एवज में बतौर प्रीमियम धनराशि व लीज रेंट करीब 25.73 करोड़ रुपये जमा करने थे। संस्था ने सभी मदों में मिलाकर अब तक करीब 2.25 करोड़ रुपये धनराशि ही जमा की गई है। आवंटी को 2013, 2014, 2015, 2017, 2018, 2019 व 2020 में कई बार डिफॉल्टर नोटिस और कैंसिलेशन नोटिस जारी किए गए। इसी प्रकरण में एसीईओ स्तर पर ही सुनवाई हुई और बकाया भुगतान के लिए अंतिम अवसर भी दिया गया, लेकिन संस्था ने प्रीमियम या फिर लीज रेंट के रूप में कोई भुगतान नहीं किया, जिसके चलते संस्था का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। वहीं, प्राधिकरण के संस्थागत विभाग ने ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बनाने के लिए सोहो फूड एंड वेबरेजेस (सोहो मास्कोट फाउंडेशन) को 2014 में भूखंड संख्या-07, सेक्टर टेकजोन-7 में 20 हजार वर्ग मीटर का भूखंड आवंटन भी निरस्त कर दिया है। इस संस्था पर करीब 20.08 करोड़ रुपये प्रीमियम और करीब 4.83 करोड़ रुपये लीज रेंट बकाया हो चुका था। नौ किस्तें बकाया हो चुकी थीं। इस दौरान संस्था को कई बार डिफॉल्टर नोटिस और फिर कैंसिलेशन नोटिस जारी की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया, जिसके चलते संस्था आवंटन निरस्त कर दिया गया है। प्राधिकरण ने कहा है कि अगर दोनों आवंटियों की प्राधिकरण पर कोई देयता बनती है तो उसे गणना कराकर वापस किा जाएगा। प्राधिकरण शीघ्र ही इन दोनों प्लॉटों को भी अपने कब्जे में ले लेगा। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान न देने और परियोजना को पूरा न करने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा। उनके आवंटन रद्द किए जाएंगे। उनसे प्राप्त भूखंडों को नई योजनाओं के जरिए आवंटित किया जाएगा, ताकि निवेश आ सके और लोगों को रोजगार व अन्य सुविधाएं मिल सकें।

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