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नोएडा : नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के सारस्वत ने एमिटी यूनिवर्सिटी में दिया व्याख्यान

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नोएडा, 24 अप्रैल।

एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा द्वारा जी 20 इंडिया प्रेसिडेंसी व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान सत्र में नीति आयोग के सदस्य और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा वी के सारस्वत ने ‘‘सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’’ पर जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के वाइस चांसलर डा पी बी शर्मा और प्रो वाइस चांसलर प्रो विकास मधुकर ने डा सारस्वत का स्वागत किया।

नीति आयोग के सदस्य और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा वी के सारस्वत ने ‘‘सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’’ पर संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्ततन, वायु प्रदूषण, जल की कमी, और उर्जा सुरक्षा जैसी भारत के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए नवीन और स्थायी समाधानों की आवश्यकता है जो केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते है। डा सारस्वत ने अक्षय उर्जा और टिकाउ उत्पादन और टिकाउ खपत पैटर्न को बढ़ावा देने के आवश्यकता व्यक्त की और अक्षय उर्जा प्रौद्योगिकियो जैसे सौर और पवन उर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य टिकाउ परिवहन विकल्पों के अधिक उपयोग के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता है। डा सारस्वत ने उद्योग 4ण्0 की तर्ज पर भारत के रास्ते पर भारत के निरंतर मार्च को तेज करने के लिए उद्योग, शिक्षा और सरकारी सहयोग के नए युग को बढ़ावा देने के वर्तमान सरकार का जोर भी प्रस्तुत और सरकार के सर्कुलर इकोनॉमी मिशन की सफलता के लिए जबदस्त समर्थन दिया। डा सारस्वत ने कहा कि भारत में तकनीकी नवाचार के लिए एक वैश्विक केन्द्र बनने की आपार क्षमता है और उन्होनें स्टार्टअप का समर्थन करते हुए उद्योग, शिक्षा और सरकार के संबंधो ंको मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होनंें कहा कि यह प्रयास पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद कर सकते है जो नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देगें। इसके अतिरिक्त डा सारस्वत ने शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक व्यापक, बहुविषयक दृष्टिकोण पर जोर दिया जो समाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कारकों को ध्यान में रखता हो।

एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के वाइस चांसलर डा पी बी शर्मा ने डा सारस्वत का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की जी 20 प्रेसीडेंसी भारत के लोगों विशेषकर युवा भारत के लिए नया विश्व व्यवस्था बनाने में गहरा योगदान देने का बड़ा अवसर है। भारत का सदियों पुराना वैदिक सनातन दर्शन ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ हमारे युवा सार्थक बना रहे है। हमारे सपनों के भारत को बनाने के लिए उद्यमों, व्यापार और सेवाओं के व्यापक स्पेक्ट्रम के साथ हरित तकनीकी और प्रौद्योगिकी में नये रोजगारों के निर्माण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार की आवश्यकता है।

एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के प्रो वाइस चांसलर प्रो विकास मधुकर ने कहा कि हरित प्रथाओं में एमिटी अग्रणी है और पर्यावरण, उर्जा और जल संरक्षण के लिए विशेष पहल कर हमने प्रतिष्ठा अर्जित की है। उन्होनें कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय एक ग्रीन कैंपस है जिसे 2017 से यूएसजीबीसी से लीड प्लेटिनम सर्टिफिकेट प्राप्त है। उन्होनें स्थापित वर्षा जल संचयन प्रणाली और ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन और रैकिंग के बारे में बताया।

इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय की जी 20 नोडल अधिकारी डा संजना विज ने जी 20 इंडिया प्रेसीडेंसी के महत्व के बारे में बताते हुए जी 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम के अंर्तगत आयोजित होने वाले विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर जी 20 पोस्टर प्रतियोगिता और विचार मंथन सत्र के विजेता छात्र छात्राओं को डा वी के सारस्वत द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली मेट्रों के पूर्व निदेशक डा मंगू सिंह और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती भी उपस्थित थे।

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