स्पेशल स्टोरी : योगी जी ने 2017 में गठित की थी नोएडा के लिए नगरीय सुविधा समिति, 275 सुझावों के बाद रिपोर्ट का इंतज़ार
1 min read-नोएडा व ग्रेटर नोएडा में नगर निगम का प्रस्ताव नकारा मगर बोर्ड में जनता की भागीदारी चाहती है
-2017 में गठित हुई थी नगरीय सुविधा समिति
-जनता ने 275 सुझाव दिए थे।
-देश भर के मॉडल की स्टड़ी होगी
-सिविक बाइलाज की तय हो जिम्मेदारी
-यमुना में सभी 80 गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने का प्लान
विनोद शर्मा
नोएडा, 20 जून।
मेरठ के तत्कालीन मंडलायुक्त और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गठित नगरीय सुविधा समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने कहा था कि नोएडा की जनता ने नोएडा में नगर निगम बनाने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है, जनता नोएडा के बोर्ड में हो रहे फैसलों में अपनी भागीदारी चाहती है। इसके साथ-साथ संपत्ति को फ्री होल्ड करने, नोएडा में नगरीय सुविधाओं के लिए प्राधिकरण से अलग एक नई डिविजन का भी प्रस्ताव आया था जिसमें अलग सीईओ हो और उसका बजट नोएडा प्राधिकरण से अलग हो। जिले में नई आईआईटी स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगरीय सुविधा समिति का गठन किया था । इसके लिए मेरठ मंडल के तत्कालीन कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार को अध्यक्ष बनाया गया था। उसकी रिपोर्ट 6 वर्ष बाद भी नही आई है। उस दौरान नगरीय सुविधा समिति की जनसुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रभात कुमार ने बताया था कि अक्टूबर में शासन ने इस कमेटी का गठन किया था। नवंबर में समिति ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा समेत जिले से बेहतर सुविधाएं, वित्तीय व कानूनी ढांचे को लेकर सुझाव मांगे थे। इस अवधि में लगभग 275 सुझाव समिति के पास आए। ये सुझाव उद्यमियों, आरडब्ल्यूए, ग्रामीण, व्यापार मंडल, मीडिया, झुग्गी-झोपड़ी से जुड़े संगठन के प्रतिनिधियों ने रखे थे। इस मीटिंग में तत्कालीन जिलाधिकारी बी.एन.सिंह, ग्रेटर नोएडा के तत्कालीन एडिशनल सीईओ बी.के.त्रिपाठी, गाजियाबाद नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त सी.पी.सिंह, नोएडा के तत्कालीन एडिशनल सीईओ आर.के. मिश्रा, मुख्य विधि सलाहकार वी.पी. पाठक और ओएसडी राजेश कुमार सिंह आदि भी शामिल थे।
समिति के सामने आए आए थे ये सुझाव
-चुनी हुई बॉडी नहीं मगर बोर्ड में जनता की भागीदारी होनी चाहिए।
–नोएडा म्यूनिसिपल फंक्शन तो करती है मगर उसे ग्रांट नहीं मिलती,ऐसी व्यवस्था हो तो राज्य व केंद्र सरकार की तरफ से म्यूनिसिपल ग्रांट का लाभ मिलना चाहिए।
-संपत्ति फ्री होल्ड घोषित होनी चाहिए, इसके बाद भले ही टैक्स लगाएं तो आपत्ति नहीं होगी।
-सरकारी स्कूलों में सफाई व्यवस्था का जिम्मा नोएडा अथॉरिटी संभाले
–नोएडा में म्यूनिसिपल के लिए सेपरेट डिविजन का गठन हो, उसका सीईओ अलग हो, अथॉरिटी से अलग बजट होना चाहिए।
-जिले में आईआईटी स्थापित करने का प्रस्ताव
-नोेएडा में पांच इंटर कॉलेज, दो नए डिग्री कॉलेज और एक महिला डिग्री कॉलेज की मांग
-सिविक बाइलाज बने, ताकि सभी की जिम्मेदारी तय हो।
-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का सिस्टम लागू हो, ताकि सॉलिड वेस्ट का जीरो लेवल पर ही निस्तारण हो।
अब जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। 25 जून को नोएडा में मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों के साथ साथ एक हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण व शिलान्यास करने या रहे हैं ऐसे समय मे 6 वर्ष पहले गठित समिति की रिपोर्ट को लागू करने पर भी विचार करना चाहिए।
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