ग्रेटर नोएडा: किसान आंदोलन में किसान कोटे के प्लाट पर पैनल्टी के प्रावधान के अधूरे प्रस्ताव पर जताया एतराज
1 min readनोएडा, 10 अगस्त।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने किसान सभा के 85 वें दिन पक्के मोर्चे में हजारों की संख्या में किसान उपस्थित रहे। धरने में 2025 तक किसान कोटे के प्लाटों पर पेनल्टी के संबंध में 12 अगस्त को प्रस्तावित प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अधूरे प्रस्ताव पर ऐतराज जताया गया।
आज 85 वें दिन किसान सभा के धरने की अध्यक्षता भंवर सिंह प्रधान हबीबपुर ने की एवं संचालन सतीश यादव ने किया किसान सभा के धरने को संबोधित करते हुए डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि हमारी कई दौर की बातचीत में प्राधिकरण के नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ किसान कोटे के प्लाट पर किसानों के संदर्भ में पेनल्टी के प्रावधान को समाप्त करने पर सहमति बनी थी परंतु अखबार में एसीईओ आनंदवर्धन द्वारा बयान देकर 2025 तक पेनल्टी समाप्त करने के प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में ले जाने की बात कही गई है जबकि सहमति पेनल्टी के प्रावधान को खत्म करने पर हुई है इस संबंध में किसान सभा ने लिखित में अपना ऐतराज प्राधिकरण के अधिकारियों को दे दिया है।
किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे आंदोलन के मुख्य चार बिंदु 10% आबादी प्लाट, भूमिहीनों के 40 वर्ग मीटर के प्लाट, भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने की नीति और नए कानून को लागू करने के संबंध में आंदोलन लगातार चल रहा है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने 13 अगस्त तक का वक्त मांगा है 13 अगस्त तक किसान सभा ने प्राधिकरण अधिकारियों को उक्त चारों मुद्दों पर अपना रुख साफ करने का समय दे दिया है 10% आबादी प्लाट के संबंध में पहले और दूसरे दौर की बातचीत में प्राधिकरण के अधीनस्थ अधिकारियों ने नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी को 650 हेक्टेयर भूमि खर्च होने और 7800 करोड रुपए का बोझ प्राधिकरण पर पडने का आंकड़ा दिया था।
किसान सभा ने इस आंकड़े पर अपना एतराज जताया नतीजे में मुख्य कार्यपालिक अधिकारी ने किसान सभा की समिति के साथ मिलकर सही आंकड़ा निकालना के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए जिसमें एक हफ्ते तक किसान सभा की टीम ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मिलकर वास्तविक आंकड़ा जुटाया जिसमें केवल 240 हेक्टेयर भूमि बकाया चार प्रतिशत प्लाटों पर खर्च होनी है उसमें भी किसान मूल मुआवजे सहित विकास शुल्क जमा करेंगे इस तरह प्राधिकरण पर कोई वास्तविक भार नहीं आएगा जो जमीन किसानों को वापस मिलेगी वह जमीन मूल रूप से किसानों की ही है इस तरह अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा जानबूझकर नए मुख्य कार्यपालिका अधिकारी के सामने 10% आबादी प्लाट की मांग को इस तरह पेश किया गया जैसे इस वजह से प्राधिकरण पर अत्यधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा।
9 अगस्त को प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से हुई वार्ता में उन्होंने कहा है कि मैं उक्त चारों बड़े मुद्दों पर 13 अगस्त तक बता पाऊंगा किसान सभा के जिला सचिव जगबीर नंबरदार ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि धरना मुद्दों को हल करें बिना नहीं उठेगा धरना लगातार चलता रहेगा किसान सभा के एक्शन कमेटी के सदस्य और नेता गवरी मुखिया ने कहा धरने की शुरुआत मुद्दों को पूरी तरह हल करने के मकसद से की गई थी मुद्दों को हल करे बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा आंदोलन में ऐतिहासिक तौर पर महिलाएं भूमिहीन बड़ी संख्या में जुट रहे हैं पहली बार महिलाएं किसान नौजवान और खेतीहर मजदूर एक साथ एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि आज 85 वें दिन भी दिन रात का धरना होने के बावजूद किसानों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है प्राधिकरण और सरकार के पास किसानों की समस्याओं को हल करने के अलावा कोई चारा नहीं है यदि 12 तारीख को प्राधिकरण की ओर से उक्त चारों मुद्दों पर पॉजिटिव रुख नहीं आया तो किसान सभा आंदोलन को बड़ा रूप देते हुए 20000 से भी अधिक संख्या में प्रदर्शन करेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी सत्ताधारी पार्टी और प्राधिकरण अधिकारियों की होगी आज धरने में अमित यादव, सुरेश यादव, मोहित यादव, निशांत रावल, केशव रावल ,सुंदर, सुशील सुनपुरा, अजय पाल भाटी, महेश प्रजापति, शेखर प्रजापति, यतेंद्र मैनेजर, मनोज भाटी, नरेंद्र भाटी, सत्येंद्र खारी, निरंकार प्रधान, आशा यादव, पूनम भाटी, गीता भाटी, तिलक देवी, सरिता भाटी प्रेमवती रेखा चौहान, मोनू मुखिया, डॉक्टर जगदीश, भीम नागर नितेश नागर एवं हजारों किसान उपस्थित रहे।
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