ग्रेटर नोएडा में किसान आंदोलन की रणनीति, 12 सितंबर को घेराव का नेतृत्व कर सकती हैं महिलाएं
1 min readग्रेटर नोएडा, 3 सितंबर।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर रविवार के दिन भी धरना स्थल पर महिलाओं की अपार भीड़ रही। भारत की नौजवान सभा ने धरना स्थल पर आकर क्रांतिकारी गीत गाये और धरने को समर्थन दिया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान सभा के धरने का आज 110 वां दिन था। धरने की अध्यक्षता बिरजू भाटी ने की संचालन अजय पाल भाटी ने किया।
किसान सभा के प्रवक्ता डॉक्टर रुपेश वर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे विधायक और सांसद में इतना भी साहस नहीं है कि वे किसानो की समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने पेश कर हल करवा सकें। जनप्रतिनिधियों का काम होता है जनता की समस्याओं का हल निकालना परंतु एक बार भी लोकसभा के सांसद महेश शर्मा और दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने धरना स्थल पर जाकर किसानों से उनकी समस्याओं के बाबत ने ना तो कोई जानकारी ली है ना ही इस संबंध में कोई बातचीत कहीं पर किसी मंच पर रखी है इससे पता चलता है कि हमारे जनप्रतिनिधि किसानो की कोई परवाह नहीं करते उनके लिए अपने हित उनका अपना करियर उनका अपना कारोबार सर्वोपरि है यदि ऐसा नहीं होता तो पिछले 4 महीने से किस रात दिन जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं धरना प्रदर्शन कर रहे हैं एक बार भी कम से कम आते और बातचीत करते परंतु एक बार भी उन्होंने किसानों की समस्याओं को हल करने का कोई प्रयास नहीं किया है।
किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन किसान सभा ने आर पार के मकसद से शुरू किया था शुरू में प्रशासन ने दमन का तरीका अपनाया जिसमें प्रशासन बुरी तरह असफल रहा अब प्राधिकरण और प्रशासन ने किसानों को थकाने की रणनीति पर कार्य शुरू किया है परंतु हम मंच के माध्यम से अवगत कराना चाहते हैं कि किसान पूरे धैर्य पूरे विश्वास और पूरी ताकत के साथ जुटे हुए हैं।
12 सितंबर को प्राधिकरण के दोनों गेट बंद करने का ऐलान किसानों ने किया है जिस पर अमल करने के लिए महिलाओं किसानो भूमिहीनो नौजवानों की टीम क्षेत्र में प्रचार में जुटी हुई है महिलाओं की नेता कृष्णा चौधरी ने धरने को संबोधित करते हुए बताया कि महिलाएं पूरी ताकत के साथ पूरे क्षेत्र में प्रचार में जुटी हुई है हजारों महिलाएं 12 तारीख में आएंगी और प्राधिकरण को ठप करने का काम करेंगी प्राधिकरण के पास अभी भी अवसर है कि वह किसानो की वाजिब समस्याओं को तुरंत हल करे।
किसान सभा के सचिव संदीप भाटी ने कहा कि 10% आबादी प्लाट भूमिहीनों का 40 वर्ग मीटर का प्लाट नौजवानों का रोजगार और नए कानून को लागू करना इन मांगों को हल किए बिना धरना समाप्त नहीं होने वाला किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि प्राधिकरण की स्थापना बिल्डरों और पूंजी पत्तियों के विकास के लिए की गई है सरकार की मनसा हमेशा किसानों की जमीनों को कौड़ियों के दाम पर लेकर उन्हें बिल्डरों और पूंजी पत्तियों को सस्ते में देने की रही है अभी तक की सभी सरकारों ने यही कार्य किया है और किसानों के वाजिब हक जिसमें किसानों की कुल जमीन का केवल 10% हिस्सा किसानों को डेवलप होकर वापस मिलना है जिसकी एवज में किसान प्राप्त मुआवजा और विकास शुल्क जमा करता है और प्राधिकरण पर किसी किस्म का कोई आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता है उसमें प्राधिकरण ने बेईमानी कर ली है।
नए कानून के लागू होने के बावजूद कानून का उल्लंघन करते हुए ₹3500 में जमीन खरीद कर 72000 प्रति वर्ग मीटर में बेची गई है और कानून के लाभ से किसानों को वंचित रखा गया है इसलिए यह लड़ाई भूमि अधिग्रहण से जुड़े सभी मसलों के लिए प्रतीक बन गई है न केवल पूरे क्षेत्र में बल्कि देश भर के अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की नजर आंदोलन के ऊपर है निरंकार प्रधान ने किसानो और प्राधिकरण के बीच मध्यस्थ रहे राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर का आह्वान किया कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और जो वादा उन्होंने किसानों से किया है उसको पूरा करना चाहिए आज धरने को निशांत रावल केशव रावल सुधीर रावल यतेंद्र मैनेजर नीरज शर्मा रणवीर मास्टर जी धुनीराम भाटी जी भाटी रंगीलाल भाटी अतर सिंह मास्टर जी भीम सिंह प्रधान जी सुरेंद्र यादव जी सुरेश यादव मोहित भाटी श्याम सिंह प्रधान संतराम बाबा बाबा नेतराम नरेश नागर करण सिंह नागर प्रवीण त्यागी दुष्यंत मदन लाल भाटी सुरेंद्र भाटी बच्चन भाटी रमेश भाटी रमेश नागर मोनू मुखिया मोहित नागर शिशांत भाटी ने संबोधित किया।
महिला समिति की दिल्ली एनसीआर की प्रभारी आशा शर्मा के नेतृत्व में नोएडा महिला समिति की प्रभारी आशा यादव रेखा चौहान तिलक देवी पूनम भाटी सरिता संतरा कृष्णा चौधरी सविता गीता ने खानपुर रामपुर फतेहपुर गांव में जाकर महिलाओं की मीटिंग है 12 सितंबर के आंदोलन का प्रचार किया और कमेटियों का निर्माण किया धरना स्थल पर बड़ी संख्या में महिला पुरुष किसान उपस्थित रहे।
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