ग्रेटर नोएडा : किसान सभा ने सैंकड़ों किसानों की लीज बैक प्रकरणों में आपत्तियां दर्ज कराई
1 min readग्रेटर नोएडा, 12 अक्टूबर।
किसान सभा की जिला कमेटी ने सैकड़ो किसानों के एसआईटी जांच प्रकरणों के संबंध में प्राधिकरण में आपत्तियां दाखिल करवाई।
किसान सभा ने 9 अक्टूबर को आबादी की लीजबैक प्रकरणों में हुई एसआईटी जांच के अंतर्गत 533 मामलों में से 172 मामलों में शासन के निरस्तीकरण के आदेश के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किया था जिसमें अधिकारियों ने निरस्त प्रकरणों के संबंध में तथ्यों सहित शासन को रिपोर्ट भेजने और मामलों का पुनः अनुमोदन कराने का आश्वासन दिया था जिसके क्रम में आज सैकड़ो किसान किसान सभा की जिला कमेटी के नेतृत्व में प्राधिकरण में पहुंचे एडमिन ब्लॉक की चौथी मंजिल पर स्थित बोर्ड रूम में किसानों ने सैकड़ो की संख्या में उपस्थित होकर प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डूली एवं ओएसडी हिमांशु वर्मा के साथ बैठक की।
बैठक में तय किया गया कि सभी किसानों की आपत्तियां किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार विजेंद्र नागर और संदीप भाटी के माध्यम से एक साथ जमा कर दी जाएगी किसान सभा के महासचिव और दोनों सचिव ओएसडी हिमांशु वर्मा के साथ बैठकर सैटेलाइट इमेज परिवारों की संख्या एवं अन्य तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करवाएंगे यह पूरा प्रोसेस पार्टिसिपेटरी रहेगा। रिपोर्ट शासन के अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी इस कार्य को दो-तीन दिन के अंदर निपटाने का फैसला हुआ है।
किसान सभा गौतम बुध नगर के अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि आबादियों की लीजबैक का प्रकरण आंदोलन का मुख्य मुद्दा रहा है। तत्कालीन एसीईओ केके गुप्ता एवं तहसीलदार सुनील कुमार और तत्कालीन सीईओ नरेंद्र भूषण किसान विरोधी मानसिकता के अधिकारी रहे हैं तहसीलदार सुनील कुमार और एसोईओ के के गुप्ता ने जानबूझकर तथ्यों के विपरीत एसआईटी के अध्यक्ष डॉक्टर अरुण वीर को किसान विरोधी रिपोर्ट दाखिल की थी जिसके आधार पर शासन ने यह निर्णय लिया है।
किसान सभा की मांग है कि तत्कालीन एसीईओ के के गुप्ता एवं तहसीलदार सुनील कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए किसानों के मसले में इस तरह की रिपोर्ट दाखिल करना वह भी तथ्यों के विपरीत किसान विरोधी कृत है यह उसे समय के अधिकारियों के घिनौनी मानसिकता को दर्शाता है किसान सभा किसी भी कीमत पर शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी। किसान सभा के उपाध्यक्ष यतेंद्र मैनेजर ने कहा कि अकेले मायचा गांव में ही 26 प्रकरणों में आबादी की लीजबैक के निरस्तीकरण के आदेश दिए हैं वहीं सचिव विजेंद्र नागर का कहना है कि खोदना खुर्द गांव में 20 मामलों में आबादी की लीजबैक के निरस्तीकरण के आदेश हुए हैं।
महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि बादलपुर के 208 प्रकरणों में प्राधिकरण की ओर से किसान विरोधी रिपोर्ट शासन के लिए गई है अधिकारियों ने रिपोर्ट को वापस मंगाकर पुनः दुरुस्त कर भेजने का आश्वासन दिया है आज की मीटिंग में कोषाध्यक्ष अजय पाल भाटी, मोनू मुखिया, शिशांत भाटी, रमेश नागर, नरेंद्र नागर सहित सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।
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