गाजियाबाद : जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर अनिल चौधरी को प्रधानमंत्री कार्यालय से आया वार्ता का बुलावा
1 min readगाजियाबाद,10 नवम्बर।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जनसँख्या नियंत्रण कानून बनवाने की मांग को लेकर गाजियाबाद में चल रहे अनिल चौधरी को वार्ता का बुलावे पर उन्होंने आमरण अनशन के कारण वहां जाने से इंकार कर दिया और प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रीय संयोजक ममता सहगल और नरेन्द्र त्यागी के प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री कार्यालय पहुँचा है।
उल्लेखनीय है कि अनिल चौधरी के अनशन के 12 दिन होने के बावजूद जनसंख्या नियंत्रण कानून पर कार्यवाही ना होने पर गाजियाबाद सहित देशभर के 219 जिलों में धरना और प्रधानमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपे गए।
जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी के आमरण अनशन के 12 दिन होने के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की दिशा में कोई कदम ना उठाए जाने पर संगठन के कार्यकर्ताओं ने आज पूरे देश में 16 राज्यों के 219 जिलों में अपने-अपने जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन सौंपे।
गाजियाबाद के लाजपत नगर में 12 वे दिन भी देश में सख्त जनसंख्या नियन्त्रण कानून की मांग को लेकर अनशन जारी है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी जी का आमरण अनशन के 12 दिन बाद भी हौंसले बुलंद दिखाई पड़ रहे हैं। आज उन्होंने पुनः दोहराया कि जनसंख्या कानून बनने से कम कुछ भी उन्हें स्वीकार नहीं,चाहे उनकी जान ही क्यों न चली जाय। उसके बाद 5 लोग अगले अनशन के लिए तय कर चुके हैं।
देश के तमाम राज्यों आसाम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड,उड़ीसा, मणिपुर, मेघालय, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश दिल्ली, हिमाचल, आदि 16 राज्यों में आज प्रधानंमत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए और जल्दी ही इस समस्या का समाधान निकालने के लिऐ सरकार को चेताया।
कार्यकर्ताओं ने कहा अगर जल्दी कोई सामाधान नहीं निकला गया तो संगठन के कार्यकर्ता तथा देश के सभी राष्ट्रवादी लोग संपूर्ण देश में धरने प्रर्दशन शुरु करने पर मजबूर होगें।
अनिल चौधरी के आमरण अनशन के बारहवें दिन भी आज अनेक संगठनों ने धरना स्थल पहुंचकर इस मांग को अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया। आज सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय,खेकड़ा के महा मंडलेश्वर भैय्या जी महाराज, पूर्व सैनिक संगठन के तमाम पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर आकर इस अभियान को अपना समर्थन दीया।
धरने के बारहवें दिन भी बड़ी संख्या भी झारखंड, बिहार, असम, त्रिपुरा, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के तमाम लोग डटे हुए हैं। सभी का कहना है कि अब वह सभी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाकर ही यहां से जाएंगे।
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