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एमिटी विश्वविद्यालय में 1971 के भारत -पाक युद्ध में भारतीय जीत पर सम्मेलन आयोजित

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नोएडा, 20 दिसम्बर।

छात्रों को भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास के परिचित कराने और विभिन्न युद्धों में भारतीय सेना द्वारा दर्शाये गये अदम्य साहस की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी इस्टीटयूट ऑफ डिफेंस स्ट्रैटजिक स्टडीज द्वारा ‘‘1971 के भारत पाक युद्ध में पश्चिमी और पूर्वी मोेर्चे पर भारतीय जीत (स्वर्ण जयंती समारोह)’’ पर छात्र आधारित वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्यमंत्री और पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल लेफ्ट जनरल के एम सेठ, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल एस के गिडिऑक और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा किया गया।

सम्मेलन का शुभारंभ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राज्यमंत्री और पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने कहा कि तमात समालेाचनाओं के बावजूद स्न 1971 के भारत पाक युद्ध में भारत की विजय इतिहास में भारतीय सेना की सबसे बड़ी विजय थी। आज तक किसी भी अन्य देश ने इतनी बड़ी सैन्य सफलता हासिल नही की है। हमें भारत के इतिहास में राजनीतिक – सैन्य तालमेल के अभूतपूर्व स्तर पर ध्यान देना चाहिए और हमने ऐसे राजनीति सैन्य तालमेल को कम मौकों पर देखा है। जनरल वी के सिंह ने कहा कि एमिटी द्वारा आयोजित इस प्रकार के सम्मेलन छात्रों के लिए अवश्यक लाभप्रद होगें।

छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल लेफ्ट जनरल के एम सेठ ने हुसैनीवाला आपरेशन और कैप्टन शर्मा की वीरता के संर्दभ में बताते हुए कहा कि वे इस साहसिकता के गवाह रहे जहां कैप्टन शर्मा अपनी पोस्ट को तब तक नही छोड़ा जब तक उन्हे नीचे नही लाया गया।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि किसी भी देश को सुरक्षित रखने के लिए सैन्य शक्ति का सुदृढ़ होना आवश्यक है। एमिटी मे ंहम छात्रों को विभिन्न स्तरों पर भारतीय सेना के लिए कुशल मानव संसाधन के रूप में तैयार करते है। शिक्षा के माध्यम से हम भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने के मिशन पर कार्य कर रहे है। उन्होनें छात्रों से कहा कि लोग कई सवाल उठाते है किंतु हमें स्वंय पर विश्वास रखना चाहिए।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने कहा कि 1971 में भारत पाक युद्ध में भारत की विजय पर हम सभी को गर्व है। स्वर्ण जयंती समारोह पर आयोजित यह सम्मेलन छात्रो सैनिकों की वीरता और युद्ध के दौरान अपनाई गई रणनीतियों की जानकारी प्रदान करेगा। छात्रों को जानकारी होनी चाहिए कि इस युद्ध को जीतने के लिए किस प्रकार प्रतिस्पर्धा बु़िद्धमता को अपनाया गया साथ ही समूह कार्य, समन्वय और सहयोग से तीनों सेनाओं ने मिलकर कार्य किया।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल एस के गिडिऑक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सम्मेलन का उददेश्य छात्रों को युद्ध के दौरान अपनाई जाने वाली रणनीतियों और तीनों सेनाओं के आपसी सहयोग की जानकारी प्रदान करना है।

इस सम्मेलन के अंर्तगत आयोजित प्रथम सत्र में ‘‘ पश्चिमी मोर्चे पर भारत – पाक युद्ध’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता कांउसिल फॉर स्ट्रैटजिक एंड डिफेंस रिर्सच के सह संस्थापक लेफ्ट जनरल डी एस हूडा (सेवानिवृत्त) ने की। इस परिचर्चा सत्र में पूर्व एओसी इन सी सेंट्रल एयर कमांड के एयर मार्शल विनोद कुमार भाटिया (सेवानिवृत्त) ने ‘‘पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय वायु सेना द्वारा एयर आपरेशन’’ और भारतीय नेवी द्वारा पश्चिमी मोर्चे पर नेवल आपरेशन’’ पर वाइस एडमिरल एम पी मुरलीधरन (सेवानिवृत्त) ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर एमिटी इस्टीटयूट ऑफ डिफेंस स्ट्रैटजिक स्टडीज की छात्रा श्रुती नायर ने फ्लांइग ऑफीसर निर्मल जीत ंिसह शेखों पर छात्र श्री हर्ष गुप्ता ने लेफ्टिनेन्ट अरूण खेत्रपाल पर प्रस्तुती दी।

द्वितीय सत्र में ‘‘ पूर्वी मोर्चे पर भारत – पाक युद्ध’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता लेफ्ट जनरल जे एस चीमा (सेवानिवृत्त) ने की और इस परिचर्चा सत्र में पूर्वी मोर्चे पर भारतीय वायु सेना द्वारा एयर आपरेशन’’ पर एयर मार्शल भरत कुमार (सेवानिवृत्त) और भारतीय नेवी द्वारा पश्चिमी मोर्चे पर नेवल आपरेशन’’ पर वाइस एडमिरल अनुप सिंह (सेवानिवृत्त) ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर एमिटी इस्टीटयूट ऑफ डिफेंस स्ट्रैटजिक स्टडीज के छात्र श्रेयांश अग्रवाल ने लेफ्ट जनरल सगत सिंह पर और छात्रा साक्षी ओझा रवी ने टगेंल एयरड्राप पर प्रस्तुती दी।

सम्मेलन के समापन समारोह में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कुमार ने 1971 के भारत पाक युद्ध पर संबोधित करते हुए कहा कि इस युद्ध में विभिन्न स्तरों पर योजना बेहद महत्वपूर्ण और कारगर थी। इसके अतिरिक्त मुक्ती वाहिनी का प्रशिक्षण, विशेष उपकरण, वायुसेना और जलसेना संसाधन, संसाधनो को जुटाना और सड़क सहित अन्य संरचना काफी सहायक रही।

इस अवसर पर पर एमिटी इस्टीटयूट ऑफ डिफेंस स्ट्रैटजिक स्टडीज के निदेशक बिग्रेडियर ए के तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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