नोएडा प्राधिकरण की पर्यावरण पहल, पूजा के बाद फूलों को एकत्र कर बनेगी अगरबत्ती, होली के रंग और खाद
1 min readनोएडा, 17 जुलाई।
नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर के मन्दिरों में पूजा हेतु उपयोग किये जाने वाले फूलों के कचरे को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए एक पहल शुरू की है ताकि फूलों के अव्यवस्थित रूप से निस्तारण के कारण पर्यावरण को क्षति न पहुँचे। इस हेतु सम्पूर्ण शहर के 30 से अधिक मंदिरों से पूजा में उपयोग किये गये फूलों को एकत्र किये जाने की कार्यवाही की जा रही है तथा उन फूलों के कचरे को प्रसंस्कृत कर विभिन्न उपयोगी वस्तुओं यथा- अगरबत्ती और खाद में परिवतर्तित किया जा रहा है। इन फूलों के कचरे को प्रसंस्कृत कर होली के रंग भी बनाये जा सकेंगे तथा होली पर्व में निवासियों द्वारा इन रंगों का उपयोग किया जा सकेगा तथा हानिकारक रासायनिक पाउडर से सुरक्षित रहेंगे।
इस पहल में नौएडा प्राधिकरण के श्री राजीव त्यागी, प्रधान महाप्रबंधक के कुशल मार्गदर्शन में नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा सेक्टर-34 स्थित नारी निकेतन (महिलाओं के लिए आश्रय गृह) में रहने वाली निराश्रित महिलाओं को शामिल कर कार्य को मूर्त रूप देगा। इस नौएडा प्राधिकरण द्वारा डॉ मधुमिता पुरी के नेतृत्व में संचालित एन.जी.ओ. सोसाइटी फॉर चाइल्ड डेवलपमेंट के सहयोग हेतु समन्वय स्थापित किया जा रहा है। सोसाइटी फॉर चाइल्ड डेवलपमेंट गरीब वर्ग के दिव्यांगजनों के लिए काम करता है और उन्हें सभ्य और सम्मानजनक जीवन जीने में सहयोग प्रदान करता है।
योजना के अन्तर्गत सैक्टर-34 स्थित नारी-निकेतन ( अपना घर आश्रम द्वारा संचालित) में रहने वाली 100 से अधिक महिलाओं को फूलों को अगरबत्ती, होली के रंगों और खाद में संसाधित करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व से ही नारी निकेतन में रहने वाली महिलाओं को अन्य हस्तशिल्प में भी प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे वस्त्रों और अन्य सामग्रियों से उत्पाद बना सकें, जो कि नौएडा के लिए एक अधिशेष है।
इस पहल को शुरू करने के लिए आयोजित एक बैठक में नौएडा प्राधिकरण के प्रधान महाप्रबन्धक श्री राजीव त्यागी ने कहा, “इसका उद्देश्य इन परित्यक्त महिलाओं को सशक्त बनाना और नौएडा के नागरिकों के लिए पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना है।” इसके अतिरिक्त प्रधान महाप्रबन्धक द्वारा अवगत कराया गया कि नौएडा के सेक्टर 20, 28, 34, 44, 52 और 53 में मंदिरों से फूलों के कचरे का संग्रह शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में अन्य 20 सेक्टरों के मंदिरों को जोड़ा जाएगा। डॉ० मधुमिता पुरी और श्रवण बाधित महिला प्रशिक्षकों की उनकी टीम, नारी निकेतन में इस पहल को लागू करेगी। नारी निकेतन के निवासियों के लाभ के लिए इन उत्पादों को नोएडा के विभिन्न आउटलेट्स में बेचा जाएगा।
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