कवि रामकिंकर सिंह के कविता संग्रह ‘दीपक जलाना भाता रहे’ का लोकार्पण हुआ
1 min readनोएडा, 10 अगस्त।
उत्तर प्रदेश सरकार में उद्योग विभाग में अधिकारी रहे रामकिंकर सिंह के काव्य संग्रह “दीपक जलाना भाता रहे” का लोकार्पण मंगलवार को नोएडा सेक्टर छह स्थित एनईए के सभागार में संपन्न हुआ।
इस काव्य संग्रह का लोकार्पण वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं एवं भारत सरकार में पूर्व सचिव रहे अनिल स्वरूप जी वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री जी पूर्व आईपीएस अधिकारी आरके चतुर्वेदी जी और यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह जी की मौजूदगी में संपन्न हुआ। आजादी के अमृत महोत्सव पर जहां देश 75 वी वर्षगांठ मना रहा है वही रामकिंकर सिंह के इस काव्य संग्रह में 75 कविताओं का संग्रह है इसका प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है। इस काव्य संग्रह के बारे में विस्तार से अरविंद श्रीवास्तव जी ने चर्चा की और उन्होंने बताया कैसे कैसे मोती इस काव्य ग्रंथ में समेट कर लाए गए।
विमोचन समारोह में पूर्व आईएएस और भारत सरकार के सचिव रहे अनिल स्वरूप जी ने कहा कि रामकिंकर सिंह उनकी शुरुआती सेवा में उनके साथ जुड़े ऐसे कर्मठ अधिकारी रहे जिन्होंने काम के जरिए हम सबका दिल जीता लेकिन उन्होंने इतनी गंभीर कविताएं लिखी यह वाकई उनके चरित्र का अद्भुत गुण है और जैसी कविताएं उन्होंने लिखी है वह संवेदना की पराकाष्ठा है। पूर्व आईपीएस अधिकारी आरके चतुर्वेदी ने आर के सिह के कार्य करने की तरीके और पारिवारिक अंतरंगता के बारे में चर्चा की। यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने उनकी कविताओं को जनता के समक्ष रखा जो दिल को झकझोर देती है वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने कहा कि लेखन का कार्य बेहद गंभीर है और जिस तरह की कविताएं रामकिंकर सिंह जी ने लिखी हैं वह उनके व्यक्तित्व के साथ-सथ साथ साथ उनकी दृष्टि और नजरिया के बारे में भी बताता है इस कार्यक्रम में कभी रामकिंकर सिंह ने कहा के बचपन में राम जी के बारे में कहे गए शब्दों से जो ऊर्जा उनके अंदर आई वही इस काव्य ग्रंथ को लिखने की एक महत्वपूर्ण कड़ी थी कौन कहा कि अब मैं हर रोज 4 नई लाइनें लिखने की प्रैक्टिस कर रहा हूं ताकि किसी विशेष फोकस पर लिख सकूं यह भी जरूरी है इस कार्यक्रम में एन ई ए के अध्यक्ष विपिन मल्हन पूर्व अध्यक्ष योगेश आनंद राकेश कत्याल, एल बी सिंह, राकेश कोहली, वरिष्ठ पत्रकार रामपाल रघुवंशी मोहम्मद आजाद और विनोद शर्मा मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अशोक श्रीवास्तव ने किया।
“दीपक जलाना ही भाता रहे” कविता संग्रह का विमोचन के समय श्री अनिल स्वरूप महोदय पूर्व सचिव भारत सरकार के मुख्य अतिथि और विद्वान अतिथियों के सानिध्य में पूर्ण हुआ।
अपने शब्दों में कहने की कोशिश है…..
उन्हें हम किस तरह देखें
जिन्हें आदर्श प्यारा है।
सलीका बात करने का,
अलग अंदाज़ न्यारा है।
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